सेतुसमुद्रम परियोजना पर अमल की केंद्र से मांग संबंधी प्रस्ताव तमिलनाडु विधानसभा में पारित

चेन्नई. तमिलनाडु विधानसभा ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से बिना किसी देरी के सेतुसमुद्रम जहाज नहर परियोजना तुरंत लागू करने का आग्रह किया. मुख्य विपक्षी आॅल इंडिया अन्नाद्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने कहा कि मछुआरों के विचार भी जान लेने चाहिए और परियोजना के लिए पिछले ड्रेंिजग (गाद निकालने के) कार्य का विश्लेषण किया जाना चाहिए और अगर इससे लोगों को व्यापक लाभ होने वाला है, तो पार्टी इसका समर्थन करेगी.

पोलाची वी जयरामन ने अपनी पार्टी की ओर से सदन में इस पर अपने विचार व्यक्त किये. भाजपा के नैनार नागेंद्रन ने कहा कि अगर रामसेतु को कोई नुकसान नहीं हुआ तो उनकी पार्टी इसका स्वागत करेगी. संकल्प को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने पूर्व मुख्यमंत्री सी एन अन्नादुराई और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दिनों से ‘ड्रीम मैरीटाइम’ परियोजना के घटनाक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की.

इस परियोजना को 1963 में नेहरू के नेतृत्व वाली कैबिनेट की मंजूरी मिली थी और यह चौथी पंचवर्षीय योजना का हिस्सा थी. अन्नादुरई ने मुख्यमंत्री बनने के बाद 1967 में परियोजना को लागू करने की मांग की थी. स्टालिन ने याद किया कि दिवंगत मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से परियोजना को लागू करने का आग्रह किया था. वर्ष 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे तो परियोजना के काम के लिए धन आवंटन किया गया था और ‘अलाइनमेंट’ का निर्णय किया गया था.

स्टालिन ने कहा कि अन्नाद्रमुक की दिवंगत सुप्रीमो जे जयललिता ने शुरू से ही परियोजना का समर्थन किया था, लेकिन 2004 में भाजपा के विरोध के बाद अचानक अपना रुख बदल लिया और इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया. अगर कोई राजनीतिक रोड़ा नहीं अटकाया गया होता, तो लगभग 10 साल पहले परियोजना के चालू होने के बाद बहुत लाभ हुआ होता.

परियोजना से होने वाले आर्थिक लाभ सहित इसके कई इस्तेमाल पर करुणानिधि के विचारों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि होगी और उद्योग, वाणिज्य और समुद्री व्यापार में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि मछुआरों के जीवन स्तर और उनकी आर्थिक स्थिति में वृद्धि होगी तथा 50,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर लगातार प्राप्त होंगे.

नहर परियोजना मुन्नार की खाड़ी से पाक जलडमरूमध्य तक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगी, तटीय सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा और मालढुलाई के लिए श्रीलंका सहित विभिन्न देशों के बंदरगाहों की शरण में नहीं जाना होगा. इससे जहाजों की दूरी और यात्रा का समय कम हो जाएगा तथा कार्गो हैंडंिलग क्षमता में वृद्धि होगी. विभिन्न विधायकों ने भी इस प्रस्ताव पर अपने विचार प्रकट किये और उसके बाद अध्यक्ष एम अप्पावु ने घोषणा की कि प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है.

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