तमिलनाडु के राज्यपाल को काले झंडे दिखाये गये, अन्नाद्रमुक, भाजपा ने घटना को लेकर सरकार को घेरा

माइलादुथुराई. विभिन्न राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को यहां काले झंडे दिखाकर तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. राज्यपाल जिले के एक प्रसिद्ध मठ में आये थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय पदाधिकारियों ने यहां धर्मपुरम अधीनम मठ की यात्रा के दौरान राज्यपाल का गर्मजोशी से स्वागत किया.

इससे पहले, विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) और वाम कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न राजनीतिक संगठनों और पार्टियों के कई कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर रवि के खिलाफ विरोध जताया. बाद में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और भाजपा ने इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की.

प्रदर्शनकारियों को रवि के खिलाफ ‘‘(राज्य) विधानसभा का सम्मान नहीं करने’’ के नारे लगाते सुना गया. प्रदर्शनकारियों का स्पष्ट संदर्भ नीट सहित कई विधेयकों के राज्यपाल के पास लंबित होने को लेकर था. उन्होंने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए ‘‘वापस जाओ’’ के नारे भी लगाये.

विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए, अन्नाद्रमुक के संयुक्त समन्वयक और राज्य में विपक्ष के नेता के. पलानीस्वामी ने मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘राज्यपाल तमिलनाडु के भीतर यात्रा नहीं कर सकते.’’ उन्होंने दावा किया कि ‘‘असामाजिक तत्वों’’ द्वारा राज्यपाल के काफिले को पत्थरों से निशाना बनाया गया.

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘जब राज्यपाल के पास सुरक्षा नहीं है, तो आश्चर्य होता है कि यह सरकार आम लोगों को सुरक्षा कैसे मुहैया कराएगी.’’ घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी का आ’’ान करते हुए, उन्होंने इस मामले पर मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से जवाब देने को कहा. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि रवि के यहां दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा से ‘‘पूरी तरह समझौता’’ किया गया.

उन्होंने आरोप लगाया कि रवि के काफिले पर ‘‘द्रमुक पार्टी द्वारा सर्मिथत गुंडों’’ द्वारा पत्थर और झंडे फेंके गए. अन्नामलाई ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखेंगे और विशेष रूप से राज्यपाल की सुरक्षा को लेकर जानकारी दी जायेगी.’’ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और उसके सहयोगियों ने पिछले सप्ताह रवि द्वारा तमिल नव वर्ष के मौके पर आयोजित ‘ऐट होम’ कार्यक्रम का बहिष्कार किया था.

मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सोमवार को कहा था कि इस कार्यक्रम में शामिल होने का मतलब लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना और सदन की गरिमा को और नुकसान पहुंचाना होता, क्योंकि राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (नीट) विरोधी विधेयक राजभवन में लंबित पड़ा है.

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