आंध्र से ज्यादा तेलंगाना के कांग्रेस नेताओं ने राज्य को धोखा दिया: मुख्यमंत्री राव

हैदराबाद. भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के लोगों से ज्यादा, तेलंगाना के कांग्रेस नेताओं ने राज्य के गठन से पहले इसे धोखा दिया.
यहां से करीब 190 किलोमीटर दूर जगतियाल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राव ने कहा कि वह अब 70 साल के हो गए हैं और वह अब जीवन में केवल यह देखना चाहते हैं कि तेलंगाना केरल की तरह 100 प्रतिशत साक्षरता हासिल कर ले और राज्य की जनता पूरी तरह गरीबी से मुक्त हो जाए.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने वादे के बावजूद तेलंगाना के गठन में देरी की. उन्होंने दावा किया कि 1969 में तेलंगाना आंदोलन के दौरान 400 लोग मारे गए थे. राव ने कहा, ”आंध्र के लोगों से ज्यादा तेलंगाना के कांग्रेस नेताओं ने ही तेलंगाना को धोखा दिया. तेलंगाना कांग्रेस के ये ‘अक्षम साथी’ ही तेलंगाना की 58 वर्षों की परेशानी का कारण रहे हैं. पूरी दुनिया जानती है… मैं आंदोलन के दौरान कहता था कि चाकू आंध्र के व्यक्तियों (नेताओं) का है और जो इसे इस्तेमाल कर रहा है और चाकू मार रहा है वह तेलंगाना के व्यक्ति (नेताओं) हैं.” तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिलाने का सम्मान हासिल करने के बारे में बात करते हुए, केसीआर ने कहा कि वह इससे संतुष्ट हैं और वह लोगों के आशीर्वाद से पिछले 10 वर्ष से मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दे रहे हैं.

उन्होंने लोगों से कहा, ”मेरा लक्ष्य यह देखना है कि तेलंगाना 100 प्रतिशत गरीबी मुक्त और केरल जैसा 100 प्रतिशत साक्षरता दर वाला राज्य बने…सिर्फ इसके लिए हम लड़ रहे हैं, किसी पद के लिए नहीं. मैं अब 70 साल का हूं. मुझे जीवन में और क्या चाहिए? इसलिए कृपया वोट देने से पहले पार्टियों की नीतियों और नेताओं को ध्यान में रखें.” कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए राव ने कहा कि उस पार्टी में 12 लोग हैं, जिनके बीच सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद के लिए प्रतिस्पर्धा है. राव ने विश्वास जताया कि 30 नवंबर के विधानसभा चुनाव के बाद भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) राज्य की सत्ता में फिर से आएगी. उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाई जाएगी.

राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने यहां के लोगों की सहमति के बिना तत्कालीन हैदराबाद राज्य का आंध्र प्रदेश में विलय कर दिया और इस कदम से यहां के लोगों 58 वर्षों तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्होंने लोगों से कांग्रेस शासन के कल्याणकारी उपायों की तुलना 10 साल के बीआरएस शासन से करने को कहा. उन्होंने कहा, ”कृपया उन (कांग्रेस) 50 वर्षों के दौरान उठाए गए कल्याणकारी कदमों की तुलना बीआरएस के 10 वर्षों के शासन से करें. कांग्रेस के शासनकाल में पेंशन मात्र 200 रुपये (प्रतिमाह) थी. बीआरएस ने ही इसे बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दिया. अब हम इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 5,000 रुपये तक करने जा रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए ‘रायथु बंधु’ निवेश सहायता योजना के तहत वित्तीय सहायता मौजूदा 10,000 रुपये से धीरे-धीरे बढ़ाकर 16,000 रुपये कर दी जाएगी. उन्होंने जनता से पूछा, ”आज कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि केसीआर रायथु बंधु योजना लाकर जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं. क्या यह फिजूलखर्ची है?” राव ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो ‘रायथु बंधु’ को बंगाल की खाड़ी में फेंक देगी. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इससे बिचौलियों का शासन वापस आ सकता है.

उन्होंने वादा किया कि अगर बीआरएस सरकार दोबारा सत्ता में आई तो सभी सफेद राशन कार्ड धारकों को बढि.या गुणवत्ता का चावल देगी, क्योंकि राज्य अब सालाना तीन करोड़ टन धान का उत्पादन कर रहा है. केसीआर ने कहा कि तेलंगाना एकमात्र राज्य है, जो किसानों से सिंचाई जल शुल्क नहीं लेता है और यह किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली भी प्रदान कर रहा है.

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