केंद्र सरकार राहुल गांधी से डरी हुई है, इसलिए उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है : भूपेश बघेल

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राष्ट्रव्यापी पदयात्रा और हाल ही में राज्यों के चुनाव परिणामों को देखकर भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दबाव में है, इसलिए वह पार्टी के पूर्व अध्यक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. बघेल आज यहां गांधी मैदान में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं के साथ मौन सत्याग्रह में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे.

मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा खारिज होने के बाद कांग्रेस नेता देश भर में ‘मौन सत्याग्रह’ कर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं.
बघेल ने कहा, ”लोकतंत्र को कुचलने और लोगों की आवाज उठाने वालों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. जिस तरह से राहुल जी की सदस्यता रद्द की गई और उनसे उनका आवास खाली कराया गया, उसके विरोध में मौन सत्याग्रह किया गया. कांग्रेस प्रजातंत्र की रक्षा के लिए लड़ना जारी रखेगी.”

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ”केंद्र सरकार दबाव में है. जिस तरह से राहुल गांधी ने पदयात्रा की सरकार घबराई हुई है. जिस प्रकार से अभी लगातार अनेक राज्यों से रिजल्ट आ रहे हैं उससे उनकी घबराहट और बढ़ गई है. यही कारण है कि जो आवाज राहुल गांधी उठा रहे हैं उसे कुचलने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करती है.” जब उनसे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी के मोदी उपनाम वाली टिप्पणी का बचाव करते हुए कांग्रेस का मौन सत्याग्रह अन्य पिछड़े वर्गों का अपमान है, इस पर बघेल ने कहा कि मोदी उपनाम का उपयोग उच्च वर्ग सहित विभिन्न श्रेणियों के लोगों द्वारा किया जाता है.

बघेल ने कहा, ”मोदी सरनेम मुसलमान भी लिखते हैं, पारसी भी लिखते हैं. क्या वह भी पिछड़े वर्ग के हैं. मोदी सरनेम अग्रवाल भी लिखते हैं, अपर क्लास के लोग भी लिखते हैं. मोदी सरनेम केवल पिछड़े वर्ग के लोग नहीं लिखते हैं, विभिन्न जाति, विभिन्न धर्म के लोग लिखते हैं. अरुण साव जी थोड़ा ज्ञान वर्धन कर लें.” शहर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मौन सत्याग्रह के दौरान बघेल, राज्य प्रभारी कुमारी शैलजा, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और पार्टी के वरिष्ठ नेता काला मास्क पहने हुए थे.

गुजरात उच्च न्यायालय ने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध खारिज कर दिया है. गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.

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