बोरवेल से निकाले गए बच्चे की हालत स्थिर, अस्पताल में उपचार जारी

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में एक बोरवेल से 100 घंटे के बचाव अभियान के बाद निकाले गए 11 वर्षीय बच्चे राहुल साहू की हालत फिलहाल स्थिर है और उसका ‘सेप्सिस’ का इलाज चल रहा है. यह जानकारी यहां उस अस्पताल के एक चिकित्सक ने बुधवार को दी जहां उसे भर्ती कराया गया है.

बिलासपुर स्थित अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार (बाल रोग विशेषज्ञ) डॉ. सुशील कुमार ने कहा कि आमतौर पर ‘सेप्सिस’ के इलाज में कम से कम सात दिन लगते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल को छुट्टी कब मिलेगी, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है.
उन्होंने कहा कि संक्रमण घातक हो सकता है.

बचाए गए लड़के का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए, डॉ कुमार ने कहा कि राहुल को कई चोटें आई हैं, जिसके कारण उसे बुखार है. उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि राहुल कई घंटों तक बोरवेल के अंदर था, बैक्टीरिया उसके शरीर में प्रवेश कर गए, जिससे संक्रमण हो गया और उसके रक्त की जांच में भी यही बात सामने आयी है.’’ उन्होंने कहा कि लड़के को संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाएं दी जा रही हैं. डॉ कुमार ने कहा, ‘‘एक वैकल्पिक योजना के रूप में, हम इंद्रपस्थ अपोलो, दिल्ली के चिकित्सकों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की योजना बना रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि राहुल की कई जांच रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है.

बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने कहा कि राहुल की हालत फिलहाल स्थिर है और उनके शरीर के सभी अंग ठीक से काम कर रहे हैं. राहुल जांजगीर-चांपा जिले के मलखरौदा विकासखंड के पिहरिड गांव में अपने घर के पीछे स्थित 80 फीट गहरे बोरवेल में पिछले शुक्रवार अपराह्न करीब 2 बजे उस समय गिर गया था जब वह वहां खेल रहा था. वह सतह से 60 फुट से अधिक की गहराई में फंस गया था.

अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार रात 104 घंटे के लंबे अभियान के बाद उसे बचाया गया. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी बड़े पैमाने पर बचाव अभियान में शामिल थे. अधिकारियों ने पहले कहा था कि लड़के को विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में एम्बुलेंस में जांजगीर-चांपा जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर बिलासपुर के अपोलो अस्पताल स्थानांतरित कर दिया गया है.

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