बाबा साहेब द्वारा दिया गया संविधान देश के लोगों की सबसे बड़ी ताकत : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि देश के लोगों की सबसे बड़ी ताकत बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा दिया गया हमारा संविधान हैं. हमारा संविधान हमें अधिकार सम्पन्न बनाता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर में संविधान निर्माता, भारतरत्न बाबा साहेब अंबेडकर की 132वीं जयंती के अवसर पर आयोजित सार्वजनिक जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार प्रकट किए. मुख्यमंत्री ने इसके पहले अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहेब अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, वहीं दूसरी तरफ बाबासाहेब अंबेडकर दबे कुचले समाज को अधिकार दिलाने के लिए संगठित कर संघर्ष कर रहे थे. बाबासाहेब ने समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षित और संगठित होकर संघर्ष करने की प्रेरणा दी. बघेल ने कहा कि बाबा साहेब ने यह महसूस किया कि भारतीय समाज की सबसे बड़ी कमजोरी शिक्षा की है. उन्होंने भारतीय दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं. वैचारिक दृष्टि से हम बहुत ऊंचे हैं, लेकिन हमारा व्यवहार वैसा नहीं है. हमारे समाज में मनुष्यों के साथ भेद-भाव किया जाता है, समानता का व्यवहार नहीं किया जाता. बाबा साहेब सहित देश के अनेक महापुरूषों ने भारतीय समाज की इस बुराई को महसूस किया और इसके विरूद्ध लड़ाई लड़ी. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने दलितों, शोषितों और पीड़ितों की आवाज बनकर उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी.

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बाबा साहेब जैसे महापुरूष सदियों में एक बार पैदा होते है, उन्होंने हमें ’शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ का मंत्र दिया. उनके यही विचार हमें संघर्ष करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं. उन्होंने भगवान बुद्ध के प्रज्ञा, करूणा और मैत्री के संदेश को आत्मसात किया. आज समाज को इसकी सबसे बड़ी आवश्यकता है. बाबा साहेब द्वारा दिया गया संविधान हमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता का अवसर देता है. संविधान के चलते हमें आरक्षण मिला. बाबा साहेब ने समाज में बदलाव लाने का प्रयास किया. उनके नेतृत्व में लाखों लोगों ने नागपुर में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जाति प्रमाण पत्र का सरलीकरण किया है. छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां यदि माता-पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है, तो नवजात शिशु को उसका जाति प्रमाण पत्र दे दिया जाता है. यदि किसी के पास 50 साल का रिकार्ड नहीं है तो ग्राम सभा अथवा शहरी क्षेत्रों में सामान्य सभा से प्रस्ताव पारित होने पर जाति प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था की गई है. समाज द्वारा नया रायपुर में जमीन की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को जमीन के मूल्य 10 प्रतिशत राशि तथा अन्य वर्गों को 15 प्रतिशत की राशि देने पर जमीन आबंटित की जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि समाज शासकीय भूमि लेना चाहे तो जमीन चिन्हित कर लें, निर्धारित प्रक्रिया के तहत जमीन आबंटित की जाएगी. उन्होंने कहा कि नवा रायपुर में गुरू घासीदास संग्रहालय, शहीद वीर नारायण स्मारक और विश्व स्तरीय स्कूल बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में तथागत संदेश पत्रिका और भारत का संविधान शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया.

कार्यक्रम के दौरान आयोजकों द्वारा जानकारी दी गई कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री बघेल द्वारा अंबेडकर जयंती के अवसर पर की गई घोषणा के अनुसार कार्यों को स्वीकृति प्राप्त हो गई है. इन कार्यों की स्वीकृति पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सार्वजनिक जयंती समारोह समिति द्वारा मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया गया. मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष मंगल भवन के लिये 50 लाख रूपये और देवेन्द्रनगर स्थित बौद्ध विहार में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 50 लाख रुपए की राशि देने, अंबेडकर चौक में नगर निगम द्वारा बाबा साहेब की 20 फ़ीट ऊंची नई प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी. ये सभी कार्य स्वीकृत हो गए हैं.

इस अवसर पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, रायपुर नगर पालिका निगम के महापौर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के.पी.खांडे, जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा, नगर निगम रायपुर के पार्षद सुंदर जोगी सहित अनेक पार्षद तथा शकुन डहरिया, रतनलाल डांगी, आयोजन समिति के अध्यक्ष दिलीप वासनिकर सहित समिति के अनेक पदाधिकारी और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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