मप्र में भाजपा के बड़े नेताओं में विधानसभा चुनाव लड़ने से बचने की होड़ चल रही है: सुरजेवाला

इंदौर. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बृहस्पतिवार को कहा कि मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के बड़े नेताओं में विधानसभा चुनाव लड़ने से बचने की होड़ चल रही है. सुरजेवाला, कांग्रेस संगठन में मध्यप्रदेश के प्रभारी हैं. उन्होंने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,”भाजपा के पास राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उमीदवार नहीं हैं. भाजपा के बड़े नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव लड़ने से बचने की होड़ चल रही है. वे चुनावी रण से भागते हुए एक-दूसरे से चुनाव लड़ने को बोल रहे हैं.”

सुरजेवाला ने दावा किया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मिलीभगत वाली साजिश के तहत दोनों नेताओं के घोर विरोधी केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के बड़े नेताओं को उनकी इच्छा के खिलाफ सूबे के आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाकर धकेल दिया गया है. उन्होंने तंज कसा,”चौहान और सिंधिया ने मिलकर एक पिक्चर बनाई जिसका नाम है-हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी साथ लेकर डूबेंगे.”

इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-1 से भाजपा उम्मीदवार घोषित किए गए पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के एक हालिया बयान को लेकर सुरजेवाला ने उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा,”विजयवर्गीय कहते हैं कि उनका विधानसभा चुनाव लड़ने का बिल्कुल भी मन नहीं है. वह खुद को बहुत बड़ा नेता बताकर जनता का अपमान करते हैं. अब जनता उन्हें चुनावों में धूल चटाकर सबक सिखाएगी.”

उज्जैन में नाबालिग लड़की से जघन्य बलात्कार को लेकर सूबे की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए सुरजेवाला ने कहा,”हर विषय पर लगातार बोलने वाले मुख्यमंत्री चौहान उज्जैन में 12 वर्षीय लड़की से बलात्कार की घटना पर चुप क्यों हैं? क्या उन्हें लड़की की चीत्कार सुनाई नहीं देती? उनकी आत्मा क्यों नहीं पसीजी?” कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री चौहान के कार्यकाल के अब केवल 15 दिन बचे हैं और उनकी विदाई तय है.

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बेटियां इस कदर असुरक्षित हैं कि कई बार तो लगता है कि ”भाजपा से बेटी बचाओ” एक नारा बन गया है. उन्होंने सूबे के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि मिश्रा को मुंबई में रहने वाली अभिनेत्रियों के कपड़े और फिल्मी गाने तो फौरन नजर आ जाते हैं, लेकिन उन्हें 12 साल की बालिका की चीत्कार सुनाई नहीं देती.

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