अकबरपुर का नाम लेने में भी संकोच होता है, गुलामी के निशान को समाप्त करेंगे: योगी

कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के (घोषणा पत्र के) 'नए वर्जन' की तरह : योगी

कानपुर/गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह भोले के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि यहां का नाम ही ऐसा है कि बार-बार बोलने में संकोच लगता है और अब ये सब बदल जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन चरण के चुनाव संपन्न होने के साथ ही देश की आधी लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुके हैं और पूरे देश में एक ही आवाज गूंज रही है, ‘फिर एक बार मोदी सरकार, अबकी बार 400 पार.’ योगी ने बुधवार को यहां घाटमपुर स्थित पतारा रेलवे स्टेशन मैदान में आयोजित अकबरपुर लोकसभा सीट के लिए विशाल चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने पार्टी प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह भोले के पक्ष में जनता से वोट की अपील की.

एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, ”अकबरपुर का नाम ही ऐसा है कि बार बार बोलने में संकोच लगता है. ये सब बदल जाएगा. हमें गुलामी के निशानों को समाप्त और विरासत का सम्मान करना है. इस क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा के साथ जोड़ना है. इसके लिए जो अभियान देश में शुरू हुआ है, उसमें हमें भी एक वोट के साथ सहभागी बनना है.” मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सनातन सत्य है कि रामद्रोहियों का पतन हमेशा हुआ है और 2024 का लोकसभा चुनाव इस शाश्वत सत्य की पुष्टि करने वाला है.

उन्होंने कहा, ”ये केवल सरकार बनाने का चुनाव नहीं है. एक तरफ मोदी जी के नेतृत्व में देश को नये और आत्मनिर्भर भारत के रूप में स्थापित किया जा रहा है, दूसरी तरफ रामद्रोही हमें जाति, क्षेत्र के नामपर लड़ाने का काम कर रहे हैं. अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के अधिकारों को अल्पसंख्यकों को देने की साजिश रची जा रही है.” मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे बात निशुल्क राशन की हो या मुफ्त उपचार की, बेटी के जन्म से लेकर उसकी पढ.ाई और शादी की व्यवस्था की हो या फिर बेटी और व्यापारी को सुरक्षा देने का कार्य आपका एक वोट नये भारत का दर्शन करा रहा है. इस मौके पर भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के (घोषणा पत्र के) ‘नए वर्जन’ की तरह : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र को न्याय पत्र कहा जाना अपने आप में हास्यास्पद है क्योंकि विपक्षी दल का यह घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के (घोषणा पत्र के) ‘नए वर्जन’ की तरह है. आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”कांग्रेस द्वारा अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र कहा जाना अपने आप में हास्यास्पद है. वास्तव में यह अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जातियों के प्रति और भारत की सनातन आस्था के प्रति अन्याय पत्र है.”

उन्होंने कहा, ”कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के (घोषणा पत्र के) नए वर्जन (स्वरूप) के जैसा है. देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग का प्रतिनिधित्व करता हो, इससे ज्यादा शर्मनाक और कुछ और नहीं हो सकता.” मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा भाजपा पर नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाए जाने के सवाल पर तल्ख अंदाज में कहा, ”सफेद झूठ बोलने के बजाय कम से कम सोनिया गांधी को तो सच बोलने की आदत डालनी चाहिए. यह हर व्यक्ति जानता है कि बांटों और राज करो की नीति कांग्रेस को विरासत में प्राप्त हुई है. अंग्रेजों की कुटिल चाल को 1947 में कांग्रेस ने सफल होने दिया और देश का बंटवारा किया.”

आदित्यनाथ ने कहा, ”संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी ने 2004 से लेकर 2014 के बीच में क्या किया, यह कौन नहीं जानता. उस समय क्या यह सच नहीं कि ओबीसी के आरक्षण पर सेंधमारी लगाने के लिए जस्टिस रंगनाथ मिश्रा की कमेटी इन्होंने गठित की थी, और कमेटी ने संस्तुति की थी कि अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षण में से छह प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को दे दिया जाय.” उन्होंने कहा, ”भाजपा और एनडीए ने उस समय विरोध किया था और कांग्रेस के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए. यही नहीं, एससी-एसटी के अधिकारों पर भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने घुसपैठ करने का प्रयास किया था.

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