जो राजग में भय की वजह से हैं, चुनाव के समय पाला बदल लेंगे: नीतीश कुमार

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई घटक “भय के कारण” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के साथ हैं और वे चुनाव के समय पाला बदलेंगे। जनता दल (यूनाइटेड) नेता कुमार विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ के प्रमुख वास्तुकारों में से एक हैं। पत्रकारों के इस सवाल पर कि क्या उन्हें लगता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राजग का ‘‘सफाया’’ होगा, कुमार ने कहा, ‘‘बिल्कुल।’’ मोदी के ‘घमंडिया’ तंज के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘‘हम सभी ने देश की भलाई के लिए हाथ मिलाया है। उन्हें (भाजपा) पता नहीं है कि कई पार्टियां, जिनका मैं अभी नाम नहीं लूंगा, डर के कारण उनके साथ हैं। चुनाव की घोषणा होने पर वे इस ओर आएंगी।’’

भाजपा से एक साल पहले नाता तोड़ने वाले कुमार ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के पहले दो दिनों के दौरान संसद से मोदी की अनुपस्थिति पर भी परोक्ष रूप से कटाक्ष किया। कुमार ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘सदन का सत्र चल रहा है और लोग घूमते रहते हैं। ये वो समय नहीं है, जब अटल बिहारी वाजपेयी सत्ता में हुआ करते थे और मैं उनके मंत्रियों में से एक था। हम इसका ध्यान रखते थे कि हम सदन में रहें और कार्यवाही पर ध्यान दें।’’

कुमार की पार्टी जद (यू) ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे और देश के सामने आने वाली अन्य समस्याओं को उजागर करके “अपनी जिम्मेदारी निभाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि सत्ता ने मीडिया पर कब्ज़ा कर लिया है। इसलिए विपक्ष को बहुत कम कवरेज दिया जाता है, जबकि ये लोग जो कुछ भी कहते हैं या करते हैं वह प्रकाशित और प्रसारित होता है। मैंने गुस्से के कारण समाचारों को देखना कम कर दिया है।’’ कुमार का ध्यान जब भाजपा द्वारा महागठबंधन को हराने के बार-बार के दावे की ओर आर्किषत किया गया, तो उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा।

कुमार ने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी का नेतृत्व कर रहे चिराग पासवान की ओर परोक्ष रूप इशारा करते हुए कहा, ‘‘वे मेरी पार्टी का विधानसभा में संख्या बल के मामले में तीसरे नंबर पर होने के कारण मजाक उड़ाते रहते हैं। उन्हें अपने एजेंट की मदद से रची गई साजिश को स्वीकार करना चाहिए।’’

पासवान ने उन सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिन पर जद (यू) चुनाव लड़ रही थी, जिससे मुख्यमंत्री की पार्टी की सीटों में भारी गिरावट आई। उन उम्मीदवारों में से कई भाजपा के बागी थे। कुमार ने कहा, ‘‘चुनावों के बाद, मैंने मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। मैं केवल भाजपा के आग्रह के कारण मान गया। उन्हें अपनी बेहतर संख्या की खुशी थी। उन्हें अतीत के लोकसभा और विधानसभा चुनावों को याद करना चाहिए जब हम एकसाथ लड़े थे और जद (यू) ने उनके मुकाबले अधिक सीटें जीतीं थीं।’’

कुमार ने वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि ‘‘उनके प्रति मेरे मन में हमेशा अपार सम्मान रहेगा।’’ कुमार ने भाजपा के मौजूदा नेतृत्व पर “अन्य प्राथमिकताएं रखने” का आरोप लगाया और बिहार को विशेष दर्जा देने से इनकार करने और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का श्रेय लेने के कथित प्रयासों की शिकायत की। कुमार ने आरोप लगाया, ‘‘हमने ही हर घर में पाइप से पानी पहुंचाया और हर गांव में बिजली पहुंचाई लेकिन वे इसे अपनी उपलब्धियों के रूप में पेश करना चाहते हैं।’’

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