
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कल्याण बनर्जी द्वारा राजभवन परिसर में हथियार और गोला-बारूद रखने के आरोपों के बाद हुई तलाशी के एक दिन बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस अब बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने पर विचार कर रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “राज्यपाल, राजभवन के अंदर हथियार और गोला-बारूद रखे होने के बारे में तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी की अपमानजनक टिप्पणियों के संबंध में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करने वाले हैं.” उन्होंने बताया कि कानूनी विकल्पों पर विचार-विमर्श के बाद यह कदम उठाया गया है.
अधिकारी ने बताया कि अपराधों के लिए अधिकतम सात साल की कैद की सजा हो सकती है.
उन्होंने दावा किया, “भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत सांसद के अपराध गैर-जमानती हैं.” राज्यपाल बोस ने सोमवार को सुरक्षार्किमयों की एक टीम का नेतृत्व किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि राजभवन के अंदर हथियार और गोला-बारूद तो नहीं रखे गये हैं.इस टीम में कोलकाता पुलिस के अधिकारी व केंद्रीय बल, एक बम निरोधक दस्ता और एक खोजी कुत्ता भी शामिल था.
यह तलाशी मीडियार्किमयों की मौजूदगी में ली गई और नागरिक समाज के सदस्यों को भी इस अभियान में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को बोस पर राजभवन के अंदर ‘भाजपा के अपराधियों को पनाह देने’ और ‘उन्हें बम व बंदूकों से लैस करने’ का आरोप लगाया था, जिसके बाद यह अभियान शुरू किया गया. बाद में राज्यपाल कार्यालय ने भी विवाद के संबंध में हरे स्ट्रीट थाने में बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “हां, राज्य के संवैधानिक प्रमुख (राज्यपाल) पर इस तरह के आरोप लगाने के लिए तृणमूल सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. राजभवन आने के लिए सांसद को आमंत्रित भी किया गया था ताकि वह पूरे परिसर की तलाशी लेकर कथित हथियार और गोलाबारूद देख सकें, लेकिन वह नहीं आए.” उन्होंने कहा, “संवैधानिक प्रमुख पर निशाना साधने के लिए इस तरह के गंभीर आरोप नहीं लगाए जा सकते.” बनर्जी के आरोपों के बाद राजभवन की तलाशी का जिक्र करते हुए अधिकारी ने बताया कि परिसर के अंदर “ऐसा कुछ भी नहीं मिला” जिससे तृणमूल सांसद के दावों की पुष्टि हो सके.



