टीटीडी ने 18 ‘गैर हिंदू’ कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की
टीटीडी में गैर-हिंदुओं को मंदिर की धार्मिक गतिविधियों से रोकने पर कोई पुर्निवचार नहीं होगा : लोकेश

तिरुपति/नयी दिल्ली. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के 18 कर्मचारियों को ‘गैर-हिंदू’ धर्म का पालन करते हुए पाए जाने के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई, जिसके तहत उन्हें मंदिर निकाय द्वारा आयोजित सभी धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने से रोक दिया गया है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. मंदिर निकाय के अधिकारी के अनुसार, इस संबंध में हाल ही में एक परिपत्र जारी किया गया है.
टीटीडी तिरुपति स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”उन 18 कर्मचारियों को धार्मिक आयोजनों में भाग लेने से रोक दिया गया है. उन्हें टीटीडी के सभी धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजनों में भाग लेने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. वे भाग नहीं ले सकते.” इससे पहले नवंबर 2024 में, अध्यक्ष बीआर नायडू की अध्यक्षता वाले टीटीडी बोर्ड ने कहा था कि वह तिरुमाला में काम करने वाले गैर-हिंदुओं पर उचित निर्णय लेने के लिए एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को एक पत्र लिखेंगे. इसके अलावा, टीटीडी के नियमों के अनुसार गैर-हिंदुओं को मंदिर में दर्शन करने से पहले देवता में अपनी आस्था घोषित करनी होती है.
टीटीडी में गैर-हिंदुओं को मंदिर की धार्मिक गतिविधियों से रोकने पर कोई पुर्निवचार नहीं होगा : लोकेश
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) नेता नारा लोकेश ने बुधवार को कहा कि तिरुपति मंदिर बोर्ड के गैर-हिंदू कर्मचारियों को प्रबंधन निकाय की धार्मिक गतिविधियों से रोकने के फैसले पर कोई दोबारा विचार नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह आंध्र प्रदेश में पार्टी की सरकार का रुख है.
तेदेपा महासचिव और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे लोकेश ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा को अपनी पार्टी के पूर्ण समर्थन की पुष्टि की और कहा कि तेदेपा पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ है. तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के गैर-हिंदू कर्मचारियों से संबंधित निर्णय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ”इस बारे में अडिग हैं. हमने चुनावों से पहले इस बारे में बात की थी और हम इस पर कायम हैं. हम इसे तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएंगे.”
राज्य सरकार के मंत्री ने कहा, ”मैं स्पष्ट करना चाहता हूं. इसमें धार्मिक भावनाएं शामिल हैं.” उन्होंने अपनी बात रखने के लिए हिंदुओं को मस्जिद में काम करने की अनुमति नहीं दिए जाने का उदाहरण दिया. लोकेश ने कहा कि अगर इस फैसले को लेकर कोई कानूनी चुनौती आती है तो सरकार उसका मुकाबला करेगी. एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि टीटीडी के 18 कर्मचारी गैर-हिंदू धर्मों के अनुयायी बताए जाते हैं और मंदिर निकाय द्वारा आयोजित सभी धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में उनके भाग लेने पर रोक लगा दी गई है. टीडीपी ने पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस सरकार पर गैर-हिंदुओं को इस निकाय में नियुक्त करने और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है.