‘एल 2: एम्पुरान’ से दो मिनट के दृश्य हटाए गए : पेरुंबवूर
'एल2: एम्पुरान' के प्रदर्शन पर अंतरिम रोक लगाने से अदालत का इनकार

कोच्चि/नयी दिल्ली. मलयालम फिल्मों के अभिनेता मोहनलाल द्वारा अपनी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘एल 2: एम्पुरान’ से विवादास्पद हिस्से हटाने का आश्वासन देने के दो दिन बाद फिल्म के निर्माता एंटनी पेरुंबवूर ने मंगलवार को जानकारी दी कि फिल्म से दो मिनट से अधिक के दृश्य हटा दिए गए हैं.
कोच्चि में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पेरुंबवूर ने कहा कि फिल्म से विवादास्पद दृश्य हटाने का निर्णय सभी निर्माताओं तथा मोहनलाल और पृथ्वीराज सुकुमारन समेत सभी अभिनेताओं का संयुक्त निर्णय था और यह किसी के डर से नहीं लिया गया.
उन्होंने कहा, “डरने का कोई सवाल ही नहीं है. हम समाज में रहते हैं. हमारा कभी भी ऐसा कुछ करने का इरादा नहीं था, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे. अगर कोई फिल्म से नाखुश है, तो फिल्म के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता होने के नाते हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम उनकी शिकायत को दूर करें.” उन्होंने कहा, “हम सभी ने मिलकर फिल्म से दृश्य हटाने का फैसला लिया. करीब दो मिनट और कुछ सेकंड के दृश्य हटा दिए गए हैं.” फिल्म के बारे में पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने हटाए गए दृश्यों को व्यावसायिक रूप से प्रेरित नाटक करार दिया.
गोपी ने दिल्ली में एक मलयालम समाचार चैनल से कहा, “यह एक नाटक है. व्यावसायिक रूप से प्रेरित नाटक. किसी ने उन्हें दृश्य हटाने के लिए नहीं कहा. उन्होंने स्वेच्छा से ऐसा किया….” इससे पहले, पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या यह निर्णय किसी के निर्देश पर या किसी राजनीतिक संगठन के दबाव के कारण लिया गया है, तो पेरुंबवूर ने इससे इनकार किया और स्पष्ट किया कि भविष्य में भी, यदि कोई उनकी बनाई गई फिल्म से दुखी होता है, तो उसकी शिकायत दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
उन्होंने कहा, “न केवल किसी पार्टी के लिए, बल्कि यदि लोग भी प्रभावित होते हैं, तो हम वही कदम उठाएंगे.” उन्होंने कहा, “यह किसी की धमकी या दबाव के कारण नहीं किया गया है.” उन्होंने कहा कि पुन: संपादित संस्करण दिन के दौरान जारी किए जाने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी कहा कि इस पर पृथ्वीराज पर हमला करने की कोई जरूरत नहीं है. पेरुंबवूर ने यह भी कहा कि ‘लूसिफ.र’ फिल्म का तीसरा भाग भी बनाया जाएगा.
निर्देशक मेजर रवि ने हाल ही में दावा किया था कि मोहनलाल ने रिलीज. से पहले फिल्म नहीं देखी थी. अभिनेता ने उनके दावे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, रवि के दावे के स्पष्ट जवाब में पेरुंबवूर ने कहा कि मोहनलाल सहित सभी लोग फिल्म की कहानी से अवगत थे. उन्होंने कहा, “हममें से किसी ने भी यह नहीं कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं थी.” इस बीच, राज्य के आबकारी मंत्री एमबी राजेश ने कहा कि फिल्म देखने के बाद उन्हें आश्चर्य हुआ कि संघ परिवार इसका विरोध क्यों कर रहा है. उन्होंने कहा, “इसमें सभी के खिलाफ राजनीतिक आलोचना है. हमें इसके प्रति इतना असहिष्णु नहीं होना चाहिए. इसके अलावा इसमें सभी तरह की सांप्रदायिकता और आतंकवाद के खिलाफ सामग्री है. फिल्म के प्रति संघ परिवार का विरोध उनकी नासमझी को दर्शाता है.”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्होंने जो फिल्म देखी, वह असंपादित संस्करण थी, तो उसे हटाने की कोई जरूरत नहीं थी. फिल्म से कुछ दृश्यों को हटाने का निर्णय फिल्म, इसके निर्माताओं और अभिनेताओं को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन सहित सभी हलके से मिले भारी समर्थन के बावजूद लिया गया. हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि वह ‘एम्पुरान’ नहीं देखेंगे. उन्होंने कहा कि वह इस तरह की फिल्म निर्माण से निराश हैं.
मोहनलाल ने रविवार को फिल्म को लेकर उठे विवाद पर खेद जताया था और आश्वासन दिया था कि फिल्म से विवादास्पद हिस्से हटा दिए जाएंगे. फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर संघ परिवार ने फिल्म की तीखी आलोचना की है. ‘एल 2: एम्पुरान’ फिल्म को दक्षिणपंथी राजनीति की आलोचना और गुजरात दंगों के अप्रत्यक्ष उल्लेख को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
‘एल2: एम्पुरान’ के प्रदर्शन पर अंतरिम रोक लगाने से अदालत का इनकार
केरल उच्च न्यायालय ने सुपरस्टार मोहनलाल अभिनीत मलयालम फिल्म ‘एल 2: एम्पुरान’ के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश जारी करने से मंगलवार को इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति सी एस डायस ने केंद्र और सेंसर बोर्ड को नोटिस जारी करके त्रिशूर निवासी वी वी विजेश की याचिका पर उनका जवाब मांगा है. विजेश ने दावा किया है कि फिल्म का प्रदर्शन जारी रखने से सांप्रदायिक हिंसा भड़कने और सार्वजनिक व्यवस्था में खलल पड़ने का खतरा है. अदालत ने मामले की सुनवायी छुट्टियों के बाद निर्धारित की है. अदालत ने यह भी सवाल किया कि क्या याचिकाकर्ता ने यह याचिका प्रचार के लिए दायर की थी.
मामले की संक्षिप्त सुनवायी के दौरान अदालत ने यह भी सवाल किया कि जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणित कर दिया है, तो दिक्कत क्या है. अदालत ने याचिका दायर करने के पीछे याचिकाकर्ता की मंशा पर भी संदेह जताया.
अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि फिल्म के खिलाफ कहीं भी कोई मामला दायर नहीं किया गया है. राज्य सरकार ने कहा कि केरल में फिल्म के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.