काबुल में गुरुद्वारे पर हमले में एक सिख सहित दो लोगों की मौत, तीन हमलवार ढेर

काबुल/नयी दिल्ली. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को एक गुरुद्वारे में कई विस्फोट हुए जिनमें एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए. वहीं, अफगान सुरक्षार्किमयों ने विस्फोटक भरे एक वाहन को सिखों के पूजास्थल में प्रवेश करने से रोककर एक बड़ी घटना को टाल दिया.

तालिबान द्वारा नियुक्त गृह मामलों के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने कहा कि अफगानिस्तान में सिख समुदाय के पूजा स्थल पर नवीनतम लक्षित हमले में, शनिवार सुबह काबुल के बाग ए बाला क्षेत्र में कार्ते परवान गुरुद्वारे पर हमला हुआ और आतंकवादियों तथा तालिबान लड़ाकों के बीच कई घंटे तक मुठभेड़ चली. पझवोक समाचार एजेंसी ने बताया कि तालिबान बलों ने तीन हमलावरों को मार गिराया.

ताकोर ने पुष्टि की कि इस घटना में इस्लामिक अमीरात बलों का कम से कम एक सदस्य और एक अफगान सिख नागरिक मारा गया तथा सात अन्य घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, विस्फोटकों से लदे एक वाहन को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया. बीबीसी ने बताया कि गुरुद्वारे पर सुबह के समय जब हमला किया गया तो उस समय 30 लोग अंदर थे.

ताकोर ने कहा कि विस्फोटकों से भरे एक वाहन में गुरुद्वारे के बाहर विस्फोट हो गया, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ.
एसोसिएटेड प्रेस ने गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि पहले बंदूकधारियों ने एक हथगोला फेंका जिससे गुरुद्वारे के गेट के पास आग लग गई. काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि आखिरी हमलावर के कई घंटे बाद मारे जाने के साथ पुलिस अभियान समाप्त हो गया.

उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षाबल हमले को नियंत्रित करने और कम समय में हमलावरों को खत्म करने के लिए तेजी से कार्रवाई करने में सक्षम थे ताकि और लोग हताहत न हों.’’ नयी दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने काबुल में गुरुद्वारे पर ‘‘कायराना हमले’’ की कड़ी ंिनदा की और कहा कि सरकार घटना के बाद स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है.

उन्होंने ट्वीट में कहा, ”गुरुद्वारा कार्ते परवान पर कायरतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में ंिनदा की जानी चाहिए. हमले की खबर मिलने के बाद से हम घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं. हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण ंिचता समुदाय के कल्याण के लिए है.” वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘हम काबुल में पवित्र गुरुद्वारे पर हमले की खबरों को लेकर अत्यंत ंिचतित हैं. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और हो रहे घटनाक्रम पर आगे के ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’’

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी हमले की कड़ी ंिनदा की और केंद्र से अफगानिस्तान की राजधानी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सहायता प्रदान करने का आग्रह किया. इस हमले की तत्काल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है.
अतीत में इस्लामिक स्टेट इन खुरासन (आईएस-के) देशभर में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है.

चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा, ”हमने स्थानीय समयानुसार सुबह करीब छह बजे कार्ते परवान इलाके में विस्फोट की आवाज सुनी. पहले विस्फोट के लगभग आधे घंटे के बाद दूसरा विस्फोट हुआ. फिलहाल पूरे इलाके को सील कर दिया गया है.” उसने बताया कि सुरक्षाबलों ने एहतियात के तौर पर इलाके की घेराबंदी कर दी. प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, विस्फोट के कारण आसमान में धुएं का गुबार छा गया. हमले के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल हो गया.

एपी के अनुसार, 2020 के हमले के समय अफगानिस्तान में 700 से कम सिख और हिंदू थे. तब से, दर्जनों परिवार अन्यत्र चले गए हैं, लेकिन कई आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण दूसरे देश नहीं जा पाए हैं और वे अफगानिस्तान में ही, मुख्यत: काबुल, जलालाबाद तथा गजनी में रह रहे हैं. सिख समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में सिर्फ 140 सिख बचे हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं.

पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से देश में प्रतिद्वंद्वी सुन्नी मुस्लिम आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के हमले लगातार जारी हैं. शनिवार की घटना अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थल पर नवीनतम लक्षित हमला है. इससे पहले, मार्च 2020 में काबुल में एक गुरुद्वारे पर हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 25 श्रद्धालु मारे गए थे और आठ अन्य घायल हुए थे. यह हमला अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक था. शोर बाजार इलाके में हुए इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी.

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