दस हजार करोड़ रुपये मूल्य के दो हजार के नोट आने बाकी : गवर्नर शक्तिकांत दास

नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि 2,000 रुपये के नोट वापस आ रहे हैं और अब केवल 10,000 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही अब लोगों के पास हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि ये नोट भी वापस आ जाएंगे या जमा करा दिए जाएंगे.

दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में उन्होंने कहा, ” 2,000 रुपये के नोट वापस आ रहे हैं और अभी बाजार में केवल 10,000 करोड़ रुपये के नोट बचे हैं. उम्मीद है कि ये नोट भी वापस आ जाएंगे.” इससे पहले, दास ने कहा था चलन से वापस लिए गए 2,000 रुपये के 87 प्रतिशत नोट बैंकों में जमा के रूप में वापस आए हैं. जबकि शेष को अन्य मूल्य के नोटों से बदला गया है.

आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में 2,000 रुपये के बैंक नोटों को वापस लेने के विशेष अभियान को सात अक्टूबर तक बढ़ा दिया था. सात अक्टूबर से बैंक शाखाओं में जमा और नोट बदलने की सुविधा समाप्त कर दी गयी. आठ अक्टूबर से, लोगों को रिजर्व बैंक के 19 कार्यालयों में नोट को बदलने या उपलब्ध करायी गयी राशि के बराबर बैंक खातों में जमा करने की सुविधा दी गयी.

व्यक्ति या संस्थाएं आरबीआई के 19 कार्यालयों में एक बार में 20,000 रुपये की सीमा तक 2,000 रुपये के बैंक नोट बदल सकते हैं. हालांकि, आरबीआई के कार्यालयों के जरिये बैंक खातों में 2,000 रुपये के नोट जमा कराने के लिए राशि की कोई सीमा नहीं है आरबीआई ने इस साल 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी.

समय ही बताएगा कि ब्याज दर कब तब ऊंची बनी रहेंगी: आरबीआई गवर्नर
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि फिलहाल ब्याज दर ऊंची बनी रहने की आशंका है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक पूरी तरह सतर्क है और महंगाई में कमी सुनिश्चित करने के लिये ‘अर्जुन की आंख’ की तरह नजर रखे हुए है. मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ने इस साल फरवरी से नीतिगत दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की है. यह 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है. इससे पहले पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी. जुलाई में मुद्रास्फीति 7.44 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अब घट रही है और सितंबर में गिरकर पांच प्रतिशत पर आ गई है. सरकार ने केंद्रीय बैंक को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य दिया है. कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2023′ को संबोधित करते हुए दास ने कहा, ” ब्याज दर ऊंची बनी रहेंगी. वे कब तक ऊंची रहेंगी यह समय और वैश्विक स्तर पर उभरती स्थिति ही बताएगी.” सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में दास ने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति की स्थिति पर नजर रखे हुए है.

उन्होंने कहा, ” हम अतिरिक्त सतर्क हैं और जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी हम उठाने को तैयार हैं. हमें मुद्रास्फीति में निरंतर गिरावट देखने की जरूरत है… हमारा लक्ष्य इसे चार प्रतिशत पर लाना है.” अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों पर उन्होंने कहा, ” भारत में पट्रोल पंपों पर जो कीमतें हैं, वह मायने रखती हैं. ” पश्चिम एशिया में संकट के प्रभाव से जुड़े सवालों पर गवर्नर ने कहा कि पिछले एक पखवाड़े में अमेरिकी बांड के प्रतिफल में वृद्धि हुई है, जिसका अन्य अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ता है. कच्चे तेल की कीमतें भी बढ़ी हैं.

उन्होंने कहा, ” ये कुछ अनिश्चितताएं हैं लेकिन वे कुछ मामलों में और अधिक स्पष्ट हो गई हैं. यह तय है कि हर जगह जो कुछ भी हो रहा है उसका असर हम पर पड़ता है इसमें कोई संदेह नहीं है.” दास ने कहा, ”भारत के संदर्भ में कुछ बात अलग है. हमारे वृहत आर्थिक बुनियादी मजबूत बने हुए हैं. आखिरकार इस अनिश्चित समय में यह मायने रखता है कि आपके वृहत आर्थिक बुनियाद कितने मजबूत हैं. आपका वित्तीय क्षेत्र कितना मजबूत है. मुझे लगता है कि इन दोनों मापदंडों पर भारत अच्छी स्थिति में है.” उन्होंने यह भी कहा कि डॉलर सूचकांक मजबूत हो गया है और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा, ”लेकिन अगर आप भारतीय रुपये में उतार-चढ़ाव को देखें, एक जनवरी से अबतक रुपये की विनिमय दर में 0.6 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं अमेरिकी डॉलर के मूल्य में इस दौरान तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यानी रुपया स्थिर है. हम रुपये में अत्यधिक उतार-चढ़ाव रोकने के लिये विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में हैं.” इससे पहले, दास ने सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, ”मौजूदा वैश्विक माहौल में वृद्धि दर धीमी हो रही है और महंगाई ऊंची बनी हुई है…लेकिन भारत में मजबूत घरेलू मांग के साथ आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं.”

उन्होंने कहा कि 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है और भारत दुनिया का नया वृद्धि इंजन बनने के लिए तैयार है.” दास ने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति की स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मौजूदा स्थिति में मौद्रिक नीति को सक्रिय रूप से मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने वाली होना चाहिए. केंद्रीय बैंक पूरी तरह सतर्क है और महंगाई में कमी सुनिश्चित करने के लिये ‘अर्जुन की आंख’ की तरह नजर रखे हुए है.

Related Articles

Back to top button