भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी वैश्विक नौकायन यात्रा पर हुईं रवाना
पणजी. नौसेना की दो महिला अधिकारी बुधवार को गोवा से समुद्र मार्ग के जरिए विश्व भ्रमण के चुनौतीपूर्ण अभियान पर रवाना हुईं, जिसमें आठ महीने की अवधि में 21,600 समुद्री मील की दूरी तय की जाएगी. दोनों अधिकारियों, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. के मई 2025 में गोवा लौटने की उम्मीद है. इस ऐतिहासिक यात्रा को पणजी के निकट नौसेना महासागर नौकायन नोड, आईएनएस मांडवी से रवाना किया गया तथा दोनों अधिकारी भारतीय नौसेना के नौकायन पोत (आईएनएसवी) तारिणी पर सवार हुईं.
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने दक्षिणी नौसेना के कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल वी. श्रीनिवास एवं अन्य की उपस्थिति में इस ऐतिहासिक यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. कार्यक्रम के बाद एडमिरल त्रिपाठी ने पत्रकारों से कहा, ”भारतीय नौसेना में यह हम सभी के लिए गर्व का पल है कि नौसेना की दो महिला अधिकारी अपने कौशल, साहस की भावना, निडरता और कठिन परिस्थितियों से लड़ने के लिए एकाग्रता एवं क्षमता का प्रदर्शन करेंगी.”
उन्होंने कहा, ”भारतीय नौसेना उनके इस रोमांचक सफर पर नजर रखेगी. आज उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की है, इसलिए हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं.” उन्होंने बताया कि इस साहसिक यात्रा के दौरान दोनों महिला नाविक कुछ सबसे खतरनाक जलमार्गों से होकर गुजरेंगी, जिसमें तीन विशाल ‘केप’ – केप लीउविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप के आसपास का खतरनाक मार्ग भी शामिल है.
‘केप’, प्रायद्वीप का एक प्रकार होता है, जो सागर में भूमि का एक उभरा हुआ भाग होता है और तीन ओर से पानी से घिरा होता है.
एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि चालक दल में केवल दो सदस्य हैं, लेकिन मिशन भारतीय ध्वज को ऊंचा फहराने का है. उन्होंने बताया कि वे 38,000 समुद्री मील तक यात्रा कर चुकी हैं तथा तीन वर्ष का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर चुकी हैं. नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि आठ महीने की अवधि में दोनों अधिकारी बिना किसी बाहरी सहायता के केवल पवन ऊर्जा पर निर्भर रहते हुए 21,600 समुद्री मील से अधिक की यात्रा करेंगी.
छह-सदस्यीय चालक दल की सदस्य के रूप में दोनों महिला अधिकारियों ने पिछले साल एक अंतर-महासागरीय अभियान में हिस्सा लिया था, जो गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डि जिनेरियो गया था और वापस आया था. इसके बाद उन्होंने ‘डबल-हैंडेड मोड’ में गोवा से पोर्ट ब्लेयर तक और पोर्ट ब्लेयर से गोवा तक की समुद्री यात्रा की थी. इसके बाद, इस साल की शुरुआत में दोनों महिला अधिकारियों ने गोवा से मॉरीशस के पोर्ट लुईस तक की समुद्री यात्रा भी ‘डुअल-हैंड मोड’ में सफलतापूर्वक पूरी की थी.
इस अभियान की परिकल्पना भारतीय नौसेना द्वारा 2017 में ‘नाविका सागर परिक्रमा’ के उद्घाटन के साथ की गई थी. अभियान के तहत छह अधिकारियों के चालक दल ने पहली बार समुद्र मार्ग से दुनिया का चक्कर लगाया था. इस चालक दल में सभी सदस्य महिलाएं थीं. नौसेना ने कहा कि अभियान का दूसरा संस्करण असाधारण होगा क्योंकि दोनों नाविक ‘डुअल हैंड मोड’ से ऐसा कारनामा करने वाली भारत की पहली नाविक बन जाएंगी.