सनातन धर्म पर टिप्पणी कर उदयनिधि स्टालिन लोगों का ध्यान भटका रहे: अन्नाद्रमुक

सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के बयान की तुलना भाजपा ने हिटलर के यहूदियों के चित्रण से की

कोयंबटूर/नयी दिल्ली. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव ईके पलानीस्वामी ने मंगलवार को कहा कि सनातन धर्म पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए है और उन्होंने सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर ‘अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए नाटक करने’ का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि जब भी द्रमुक अपनी विफलताओं के चलते लोगों के निशाने पर होती है तो वह ध्यान भटकाने के लिए ऐसा ही करती है. उदयनिधि की इस टिप्पणी को लोगों का ध्यान भटकाने के तौर पर देखा जा सकता है ताकि बिगड़ती कानून-व्यवस्था, विशेष रूप से बढ़ते अपराध, महंगाई और अन्य मुद्दों पर जवाब देने से बचा जा सके.

पलानीस्वामी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”यह एक विडंबना है कि राष्ट्रपति चुनाव में वंचित वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले रामनाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ मतदान करने वाली द्रमुक सामाजिक न्याय की बात कर रही है. अब वह सनातन धर्म के विरुद्ध है.”

सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के बयान की तुलना भाजपा ने हिटलर के यहूदियों के चित्रण से की

उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म विरोधी बयान को लेकर विपक्ष के खिलाफ हमलावर रुख जारी रखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को द्रमुक नेता के विवादास्पद बयान की तुलना हिटलर के यहूदियों के चित्रण से की. भाजपा ने सोशल नेटर्विकंग साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”उदय स्टालिन की सोची समझी टिप्पणी नफरत फैलाने वाला भाषण है और सनातन धर्म का पालन करने वाली भारत की 80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार का आह्वान है. स्टालिन के लिए कांग्रेस और ‘आईएनडीआईए’ गठबंधन का समर्थन सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है.” पार्टी ने आरोप लगाया कि हिटलर ने जिस तरह यहूदियों का चित्रण किया और उदयनिधि स्टालिन ने जिस तरह से सनातन धर्म का वर्णन किया, उसके बीच एक भयानक समानता है.

पार्टी ने कहा, ”हिटलर की तरह स्टालिन जूनियर ने भी सनातन धर्म को खत्म करने की मांग की है. हम जानते हैं कि कैसे नाजी नफरत का अंजाम यहूदियों के नरसंहार के रूप में सामने आया, जिसमें लगभग 60 लाख यूरोपीय यहूदी और कम से कम 50 लाख सोवियत युद्ध बंदी और अन्य पीड़ित मारे गए.” तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को यह टिप्पणी कर विवाद पैदा कर दिया कि ‘सनातन धर्म’ समानता एवं सामाजिक न्याय के विरुद्ध है और इसका उन्मूलन करने की जरूरत है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि इनका उन्मूलन कर देना चाहिए. हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा का आह्वान नहीं किया था.

उन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ अपनी टिप्पणी को दोहराते हुए आरोप लगाया, ”सनातन धर्म एक सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है. सनातन धर्म को उखाड़ फेंकना मानवता और मानवीय समानता को बनाए रखना है.” सनातन शब्द का उपयोग कई हिंदुओं द्वारा अपने धर्म का वर्णन करने के लिए किया जाता है.

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