संप्रग ‘आंदोलनजीवी और भ्रष्टाचारजीवी’ सरकार थी, सोनिया थीं ‘सुपर प्राइम मिनिस्टर’ : सीतारमण

कांग्रेस ने देश को नहीं 'प्रथम परिवार' को आगे रखा, इसलिए अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में पहुंची: सीतारमण

नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कांग्रेस पर ‘आर्थिक कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और घोटालों’ को लेकर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन’ (संप्रग) सरकार एक ‘आंदोलनजीवी और भ्रष्टाचारजीवी सरकार’ थी जिसने देश में ‘जयंती टैक्स’ को जन्म दिया.

उन्होंने ‘भारतीय अर्थव्यवस्था और देश के नागरिकों पर इसके प्रभाव पर श्वेतपत्र’ को लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह दावा भी किया कि सोनिया गांधी संप्रग सरकार में ‘सुपर प्राइम मिनिस्टर’ थीं और उनकी अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) ‘किचन कैबिनेट’ से भी बदतर थी जो असंवैधानिक संस्था के रूप में कानून बनवा रही थी.

वित्त मंत्री ने संप्रग सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप लगाया और कहा कि उस वक्त नेतृत्व का अभाव था. उन्होंने कहा कि ‘श्वेत पत्र’ एक गंभीर दस्तावेज है जिसमें दस्तावेजी प्रमाण हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास रहा है कि संप्रग सरकार के 10 साल के कुप्रबंधन को दुरुस्त करना और अर्थव्यवस्था को ऐसे आगे ले जाना कि यह मजबूती के साथ बढ.े.

वित्त मंत्री का कहना था कि इस दस्तावेज में कोई भी आधारहीन आरोप नहीं लगाए गए हैं और इसमें कैग की रिपोर्ट और उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को उद्धृत किया गया है. उन्होंने कहा, ”इस श्वेत पत्र में की गई हर बात प्रमाण के साथ है.” सीतारमण ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015-16 में ही मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में बयान दिया था कि ऐसे सुझाव आ रहे हैं कि अर्थव्यवस्था के हालात पर श्वेत पत्र लाया जाए, लेकिन मैं इसे राष्ट्रीय हित में नहीं ला रहा.” वित्त मंत्री के अनुसार, प्रधानमंत्री उस वक्त ‘श्वेत पत्र’ नहीं लाए क्योंकि निवेशकों का विश्वास डगमगा सकता था.

उन्होंने कहा कि संप्रग के 10 साल में बड़े पैमाने पर घोटाले हुए और स्थिति यह थी कि हर साल एक बड़ा घोटाला सामने आया.
वित्त मंत्री का कहना था, ”अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए 10 साल तक प्रयास करने के बाद हम आज ‘फ्रेजाइल 5’ से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे.” उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार में सेना गोला-बारूद और अन्य सैन्य साजो-समान की कमी से जूझ रही थी.

सीतारमण ने संप्रग सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उस वक्त के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सीमावर्ती इलाकों में सड़कों के निर्माण नहीं होने की बात कही थी. उनके अनुसार, एंटनी ने तब कहा था कि ”बड़ी परियोजनाओं के लिए पैसे नहीं हैं और एक अप्रैल (अगले वित्त वर्ष) तक का इंतजार करिए.” वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार के समय में रक्षा परियोजनाओं में घोटाला होता था.

उन्होंने ‘अगस्ता वेस्टलैंड’ मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि कैग ने तोपों की खरीद में विलंब के लिए सरकार की खिंचाई की थी.
उन्होंने कहा, ”पिछले 10 वर्षों में रक्षा बजट दो गुना हो गया है.” सीतारमण के अनुसार, सीमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण में निवेश बढ.ाया गया है.

उन्होंने रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और कहा, ”गर्व की बात है कि आईएनएस विक्रांत, तेजस, अर्जुन, धनुष सबका निर्माण भारत में हो रहा है. आज महिला विमान उड़ा रही हैं और सीमा पर बंदूक लेकर भी खड़ी हैं.” सीतारमण ने कहा कि इस सरकार ने एचएएल को चार लाख करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है. उनका कहना था कि देश से 16 हजार करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात हो रहा है.

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ”मैं पूछना चाहती हूं कि 2008 में चीन से कुछ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए, उसका खुलासा अब तक क्यों नहीं हुआ?” वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्होंने ‘जयंती टैक्स’ का उल्लेख करते हुए कहा कि संप्रग सरकार में पर्यावरण की मंजूरी के लिए एक साल से ज्यादा विलंब होता था और फिर भी मंजूरी नहीं मिलती थी.

सीतारमण के मुताबिक, ”(कांग्रेस नेता) अभिषेक मनु सिंघवी ने 31 जनवरी, 2015 को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि ‘जयंती टैक्स’ के बारे में कारोबार जगत को पूरी समझ है…यह है उनकी पर्यावरण मंजूरी का घपला.” उन्होंने दावा किया कि ‘आंदोलनजीवी और भ्रष्टाचाजीवी’ की सरकार ने ‘जयंती टैक्स’ को जन्म दिया. सीतारमण ने कहा कि ‘जयंती टैक्स’ एक तरह से ‘जजिया’ था. वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार प्रगति और प्रकृति में संतुलन बैठाते हुए आगे बढ. रही है.

उन्होंने कहा कि इस सरकार में पर्यावरण मंजूरी का औसत समय 70 दिन है, जबकि पहले 365 दिन होता था. उनके अनुसार, संप्रग का ‘कुप्रबंधन और घोटाले’ का 10 साल का केंद्रबिंदु नेतृत्व की समस्या है. उन्होंने दावा किया, ”सोनिया गांधी जी एनएसी (राष्ट्रीय सलाहकार परिषद) की प्रमुख के तौर पर उस समय ‘सुपर प्राइम मिनिस्टर’ थीं.” सीतारमण ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के ‘डीएनए’ में भ्रष्टाचार है.

उन्होंने सवाल किया कि एनएसी के पास 710 सरकारी फाइल क्यों भेजी गईं थीं? वित्त मंत्री ने कहा कि मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे और विदेश के दौरे पर थे तो उस समय कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने सरकार के लाए एक अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया था.
उन्होंने कहा, ”ये लोग संस्थाओं पर लेक्चर दे रहे हैं. जब प्रधानमंत्री का अपमान किया गया था, उस वक्त क्यों नहीं पूछा गया?” सीतारमण ने कहा कि एनएसी एक असंवैधानिक इकाई थी.

उन्होंने कहा, ”कांग्रेस-नीत संप्रग सरकार के समय ‘एनएसी’ और ‘आंदोलनजीवी’ कानून बना रहे थे, वह विपक्ष को मंजूर था, आज निर्वाचित सरकार श्वेतपत्र क्यों नहीं ला सकती.” वित्त मंत्री ने कहा कि इस सरकार ने ‘आधार’ से सत्यापित प्रत्यक्ष अंतरण की वजह से 2.7 लाख करोड़ रुपये बचाये हैं.

सीतारमण ने कहा कि संप्रग सरकार में पीएमएलए के तहत अभियोजन की प्रक्रिया 102 मामलों में पूरी हुई, जबकि इस सरकार में 1200 मामलों में यह प्रक्रिया पूरी हुई. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार में ईडी के मामलों में किसी के खिलाफ दोषसिद्धि नहीं हुई, जबकि इस सरकार में 58 मामलों में दोषसिद्धि हुई. सीतारमण के जवाब के बाद सरकार के श्वेतपत्र के विरोध में आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय द्वारा लाए गए स्थानापन्न प्रस्तावों को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया.

कांग्रेस ने देश को नहीं ‘प्रथम परिवार’ को आगे रखा, इसलिए अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में पहुंची: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अगर सच्ची गंभीरता, पारर्दिशता से और राष्ट्र को प्रथम रखकर काम हो तो परिणाम सकारात्मक होते हैं, वहीं यदि देश को प्रथम नहीं रखकर ‘प्रथम परिवार’ को सामने रखा जाए तो भयावह संकट की स्थिति पैदा होती है.

वित्त मंत्री ने ‘भारतीय अर्थव्यवस्था और देश के नागरिकों पर इसके प्रभाव पर श्वेतपत्र’ को लोकसभा में चर्चा के लिए प्रस्तुत करते हुए ये बातें कहीं. सदन में नियम 342 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई. आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने श्वेतपत्र के विरोध में प्रस्ताव प्रस्तुत किए.

सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों में श्वेतपत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के 10 साल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 10 साल की अर्थव्यवस्था की तुलना की गई है.
सीतारमण ने आज कहा कि दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से भारत के पांच शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में पहुंचने और तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने के करीब पहुंचने के तथ्यों को इस श्वेतपत्र में पूरी जिम्मेदारी और गंभीरता के साथ रखा गया है.

उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा के रिकॉर्ड में भविष्य के लिए ये तथ्यात्मक जानकारी होनी चाहिए, जो पूरे देश, सभी युवाओं के काम आएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब शासन संभाला तब अर्थव्यवस्था संकट में थी. उन्होंने कहा कि इस श्वेतपत्र में बताया गया है कि किस तरह प्रधानमंत्री ने दूरदृष्टि के साथ देश को सम्मान दिलाने के लिए पिछले 10 साल में किस तरह काम किया.

उन्होंने कहा, ”यह श्वेतपत्र स्पष्ट रूप से बताता है कि अगर सच्ची गंभीरता, पारर्दिशता से और ‘राष्ट्र को प्रथम’ रखकर सरकार काम करती है तो परिणाम कितने सकारात्मक होते हैं. और यदि आप देश को प्रथम नहीं रखते, पहले परिवार को सामने रखते हैं, पारर्दिशता के बजाय कुछ और प्राथमिकताएं रखते हैं तो परिणाम कैसे होते हैं.” उन्होंने कहा कि 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी से ज्यादा बुरे हालात कोविड-19 महामारी के समय थे, लेकिन सरकार की नीति और नीयत साफ थी तो अच्छे परिणाम मिले.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस देश को कैसे संभाला, किस तरह पूरे देश को टीके मुफ्त में उपलब्ध कराए और देश के बचाया, यह सब कैसे हुआ? इसका ब्योरा इस गंभीर दस्तावेज में है. उन्होंने कहा कि संप्रग के समय ‘राष्ट्रमंडल खेल घोटाले’ में जहां पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हुई, वहीं जी-20 में समस्त राज्यों में आयोजनों के साथ विदेश में देश का सम्मान बढ.ा.

सीतारमण ने कहा कि संप्रग के दौरान कोयला खनन घोटाले से देश का बहुत नुकसान हुआ, जिसके कारण नौकरियों में नुकसान हुआ, निवेश नहीं आया और सहायक लघु उद्योग पूरी तरह ठप पड़े और बिजली उत्पादन के लिए कोयला आयात करना पड़ा. उन्होंने कहा, ”ये तो सत्यानाश करके चले गए. हमने सुधारात्मक उपाय किए, कोयला खनन विशेष प्रावधान कानून बनाया और जिला खनन कोष स्थापित किया. इस क्षेत्र में शत-प्रतिशत एफडीआई आना शुरू किया. अब कोयला खदान नीलामी से आवंटित की जाती हैं, पिछले दरवाजे से नहीं.”

वित्त मंत्री ने कहा, ”ये (कांग्रेस) लोग हमें क्रॉनी कैपिटलिज्म पर ज्ञान देते हैं. इन्होंने कोयले को राख बना दिया. हमने अपनी नीतियों के तप से कोयले को हीरा बना दिया.” उन्होंने कहा कि इस साल देश में 90 करोड़ टन कोयला उत्पादन हुआ है जो सर्वाधिक है और अगले वर्ष एक अरब टन कोयला उत्पादन का पूर्वानुमान है.

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