अमेरिका पर रूस के संबंध में यूक्रेन को अधिक खुफिया सूचनाएं देने का दबाव

वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के युद्ध को नरसंहार बताया और व्लादिमीर पुतिन पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाया है लेकिन उनका प्रशासन इससे जूझ रहा है कि वह यूक्रेनी सेना को कितनी खुफिया सूचनाएं दे सकते हैं. फरवरी में युद्ध शुरू होने के बाद से ही बाइडन प्रशासन ने उन गोपनीय निर्देशों में कई बदलाव किए हैं, जिसके तहत यह आता है कि अमेरिकी एजेंसियां यूक्रेन से क्या साझा कर सकती हैं.

हालिया बदलाव पिछले सप्ताह किए गए जब अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने कार्रवाई योग्य सूचना देने पर कुछ भौगोलिक सीमाएं हटा दी. इनमें उस तरह की सूचनाएं शामिल हैं जिनका इस्तेमाल युद्ध के मैदान पर मिनटों में लिए जाने वाले फैसलों में किया जाता है. इस मामले की जानकारी रखने वाले कई लोगों न नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि अधिकारियों ने उस भाषा को हटा दिया है जिससे देरी होती थी.

खुफिया सूचनाओं संबंधी नियमों में बदलाव से पता चलता है कि प्रशासन इसका आकलन कर रहा है कि पुतिन किसे तनाव बढ़ाने वाली बात मान सकते हैं. अमेरिका यूक्रेनी सेना की मदद बढ़ाने की भी कोशिश कर रहा है, जिसने दुनिया को चकित कर दिया है कि कैसे उसने रूसी सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया.

अमेरिका के एक खुफिया अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, ‘‘हम यूक्रेन की उनकी रक्षा करने में मदद के लिए उनके साथ समय पर खुफिया जानकारी तेजी से साझा कर रहे हैं, जिनमें उन इलाकों पर जानकारी भी शामिल हैं जो 2022 के हमले से पहले रूस के पास थे.’’ एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ‘‘कई मोर्चो पर यूक्रेन को विस्तारपूर्वक, समय पर खुफिया जानकारी मुहैया करा रहा है.’’

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