अमेरिका ने चीन का जासूसी गुब्बारा मार गिराया, चीन ने अंजाम भुगतने की धमकी दी

वाशिंगटन/बीजिंग. अमेरिकी सेना ने अटलांटिक महासागर में चीन के एक संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को मार गिराया है और इसके मलबे से सभी उपकरण बरामद करने का अभियान शुरू किया है. वहीं, चीन ने रविवार को इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उसके असैन्य मानवरहित हवाई जहाज के खिलाफ बल प्रयोग को लेकर अमेरिका को गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी.

अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने वांिशगटन में पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने स्थानीय समयानुसार दोपहर दो बजकर 39 मिनट पर दक्षिण कैरोलाइना में अमेरिकी तट से करीब 9.65 किलोमीटर दूर अटलांटिक महासागर में चीन के निगरानी गुब्बारे को मार गिराया. उन्होंने कहा कि गुब्बारे को मार गिराने के दौरान अमेरिकी नागरिकों को जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ.

रक्षा अधिकारी के मुताबिक, वर्जीनिया में लांगले वायुसेना अड्डे से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान ने एक मिसाइल छोड़ी, जिससे गुब्बारा अमेरिका के वायु क्षेत्र के भीतर महासागर में जा गिरा. बाइडन ने मैरीलैंड में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने उन्हें गुब्बारे को मार गिराने का निर्देश दिया था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बुधवार को जब मुझे गुब्बारे की जानकारी दी गई थी, तो मैंने पेंटागन को इसे जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था.

उन्होंने (पेंटागन) जमीन पर किसी को नुकसान पहुंचाए बिना ऐसा करने का निर्णय लिया और इसके लिए सबसे उपयुक्त समय तब मिला, जब गुब्बारा समुद्र के ऊपर था.’’ चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने रविवार को चीन के विदेश मंत्रालय के एक बयान का हवाला देत हुए कहा कि बींिजग ने चीन के असैन्य मानवरहित यान पर हमला करने के लिए अमेरिका द्वारा बल प्रयोग करने को लेकर कड़ा विरोध जताया है.

बयान के अनुसार, ‘‘अमेरिका द्वारा बल प्रयोग पर जोर देना वास्तव में एक अनावश्यक प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया का गंभीर उल्लंघन है. चीन इसकी प्रतिक्रिया में आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखते हुए प्रासंगिक कंपनी के वैध अधिकारों और हितों को दृढ़तापूर्वक बनाए रखेगा.’’ चीन ने दावा किया कि यह गुब्बारा महज एक मौसम अनुसंधान ‘‘हवाई जहाज’’ था.

बींिजग के मुताबिक, उसने सत्यापन के बाद अमेरिका को बार-बार सूचित किया कि यह गुब्बारा असैन्य प्रकृति का है और अमेरिका में इसका प्रवेश अप्रत्याशित घटना के कारण हुआ. चीन के अनुसार, उसने अमेरिका से इस मामले से शांतिपूर्वक, पेशेवर और नियंत्रित तरीके से निपटने को कहा था. वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आॅस्टिन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन के निर्देश पर एक लड़ाकू विमान ने चीन के निगरानी गुब्बारे को अमेरिकी वायु क्षेत्र में दक्षिण कैरोलाइना के तट पर समुद्र के ऊपर मार गिराया.

आॅस्टिन ने कहा, ‘‘अमेरिकी महाद्वीप में सामरिक स्थलों की निगरानी करने के प्रयास में चीन द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे गुब्बारे को अमेरिकी जल क्षेत्र के ऊपर मार गिराया गया.’’ उन्होंने बताया कि तीन बसों के आकार वाले इस गुब्बारे को मार गिराने की कार्रवाई कनाडाई सरकार के समन्वय और पूरे सहयोग के साथ की गई.

रक्षा अधिकारियों ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि मलबा दक्षिण कैरोलाइना में मिरटल बीच के पास गिरा और सेना अब 11 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले मलबे को बरामद करने का प्रयास कर रही है. पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा कि गुब्बारे को मार गिराए जाने के तुंरत बाद उन्होंने गुब्बारे द्वारा एकत्रित की गई संवेदनशील सूचना हासिल करने के लिए कदम उठाए, ताकि चीन के लिए इसका खुफिया महत्व खत्म हो जाए.

अधिकारी के मुताबिक, घटनास्थल पर कई जहाज और गोताखोर मौजूद हैं. इसके अलावा, संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के अधिकारी और अन्य खुफिया प्राधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. अधिकारी ने कहा, ‘‘गुब्बारे को मार गिराने से अमेरिका, चीन के संवेदनशील उपकरण बरामद कर सकता है. मैं ज्यादा जानकारियां नहीं दे सकता, लेकिन हम गुब्बारे और उसमें मौजूद उपकरणों का अध्ययन कर पाएंगे.’’ एक अन्य वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया, ‘‘पेंटागन कुछ समय से ऊंचाई पर उड़ रहे गुब्बारे पर नजर रख रहा था. यह 28 जनवरी को अलास्का में घुसा था. इसके बाद, इसने 30 जनवरी को कनाडाई वायु क्षेत्र में प्रवेश किया और फिर 31 जनवरी को दोबारा अमेरिकी वायु क्षेत्र में घुसा.’’ राष्ट्रपति बाइडन पर तब से इस गुब्बारे को मार गिराने का दबाव था, जब रक्षा अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को सबसे पहले घोषणा की कि थी कि वे इस पर नजर रख रहे हैं.

गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद बाइडन ने कहा, ‘‘उन्होंने चीनी गुब्बारे को सफलतापूर्वक मार गिराया और मैं इस अभियान को अंजाम देने वाले विमान चालकों को बधाई देना चाहता हूं.’’ अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने इसे गर्व का पल बताया.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि गुब्बारे का मलबा आसानी से बरामद हो सकता है और इसमें ‘‘अपेक्षाकृत कम समय’’ लगने की संभावना है. उन्होंने कहा कि इस अभियान में मदद करने के लिए ‘‘नौसेना के सक्षम गोताखोरों’’ को तैनात किया जा सकता है.

एक अन्य वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया, ‘‘चीन के पास इस तरह के निगरानी गुब्बारों का एक बेड़ा है. वेनेजुएला और कोलंबिया के आसमान में भी इस सप्ताह ऐसे ही गुब्बारे उड़ते हुए देखे गए.’’ चीनी गुब्बारे को मार गिराए जाने की घटना से अमेरिका-चीन के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है. पेंटागन ने इसे अमेरिकी संप्रभुता का ‘‘अस्वीकार्य उल्लंघन’’ करार दिया है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ंिब्लकन ने बींिजग से कहा कि यह ‘‘एक गैरजिम्मेदाराना कृत्य’’ है. उन्होंने पांच से छह फरवरी तक होने वाली अपनी चीन यात्रा भी स्थगित कर दी थी. बहरहाल, चीन ने उनकी यात्रा रद्द होने को ज्यादा तवज्जो न देते हुए शनिवार को एक बयान में कहा कि किसी भी पक्ष ने ऐसी यात्रा की औपचारिक घोषणा नहीं की थी.

कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से अमेरिकी संप्रभुता और उसके पड़ोसियों पर खतरे की याद दिलाता है: कृष्णमूर्ति

अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के भारतीय मूल के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने रविवार को कहा कि अमेरिका के ऊपर चीन का जासूसी गुब्बारा वहां सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अमेरिका की राष्ट्रीय संप्रभुता और ताइवान सहित उसके अपने पड़ोसियों पर खतरे की याद दिलाता है. अमेरिकी सेना ने शुक्रवार को उक्त गुब्बारे को अटलांटिक महासागर के ऊपर से मार गिराया था और उसके मलबे में मौजूद उपकरणों को प्राप्त करने के लिए मिशन की शुरुआत की थी.

कृष्णमूर्ति ने समाचार चैनल सीएनएन से बातचीत के दौरान गुब्बारे को मार गिराने से पहले इंतजार करने के राष्ट्रपति जो बाइडन के फैसले का बचाव किया और कहा कि उसे समुद्र के ऊपर गिराना ‘सही फैसला’ था. उन्होंने कहा, ‘‘ अब हमें पता लगाना है कि वास्तव में यह क्या था? क्या यह मौसम संबंधी गुब्बारा था या निगरानी गुब्बारा. इस समय सभी आशंकाएं इसके जासूसी गुब्बारा होने को लेकर है.’’ उल्लेखनीय है कि कृष्ण्मूर्ति अमेरिकी कांग्रेस के निम्न सदन प्रतिनिधि सभा की नयी चीन संबंधी स्थायी समिति के सदस्य हैं.

राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने पूर्वी तटीय समय (ईएसटी) के अनुसार शुक्रवार अपराह्न दो बजकर 39 मिनट पर चीन के जासूसी गुब्बारे को अटलांटिक महासागर के ऊपर मार गिराया. यह कार्रवाई साउथ कैरोलाइना के तट से करीब 9.65 किलोमीटर दूर की गई और इस दौरान किसी जान-माल की हानि नहीं हुई.

घटना के बारे में पूछे जाने पर कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह केवल हमें चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उत्पन्न खतरों की याद दिलाता है, यही वजह है कि समिति (निम्न सदन में चीन को लेकर) का गठन किया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘…हम जानते हैं कि सैन्य और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रौद्योगिकी संबंधी खतरा है. निश्चित तौर पर यह गुब्बारा हमे याद दिलाता है कि खतरा मौजूद है और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) आक्रामक है और दुर्भाग्य से वे हमारी निगरानी कर रहे हैं, हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन कर रहे हैं, ताइवान और अन्य सहित बाकी की राष्ट्रीय संप्रभुत्ता का उनके द्वारा उल्लंघन का तो उल्लेख करने की भी जरूरत नहीं है.’’

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