नाटो के विस्तार जितनी घातक है अमेरिका की हिंद-प्रशांत नीति : चीन

बीजिंग/लंदन. चीन के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा है कि अमेरिका की हिंद-प्रशांत नीति यूरोप में पूर्व की तरफ विस्तार की नाटो की नीति जितनी ‘खतरनाक’ है, जिसके चलते यूक्रेन में रूस का विशेष सैन्य अभियान शुरू हुआ है. चीन के उप विदेश मंत्री ले युचेंग ने शनिवार को ंिसघुआ यूनिर्विसटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड स्ट्रेटेजी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं रणनीति फोरम में कहा, ‘‘सोवियत संघ के विघटन के बाद उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को भी वारसा संधि के साथ इतिहास के पन्नों में समेट दिया जाना चाहिए था.’’

युचेंग ने कहा, ‘‘हालांकि, टूटने के बजाय नाटो का दायरा लगातार बढ़ता और मजबूत होता जा रहा है. इसके नतीजों का अंदाजा अच्छी तरह से लगाया जा सकता है. यूक्रेन संकट एक कड़ी चेतावनी है.’’ चीनी अधिकारियों का कहना है कि कीव को शामिल करने की नाटो की योजना ने रूस की असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया, जिसके चलते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का फैसला लिया. मॉस्को का करीबी सहयोगी चीन यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई को आक्रमण बताने या उसकी ंिनदा करने से बचता आ रहा है.

भारत में चीन के राजदूत रह चुके युचेंग ने कहा, ‘‘सभी पक्षों को संयुक्त रूप से बातचीत और सुलह-समझौते के मंच पर आने में रूस और यूक्रेन का समर्थन करना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में शांति स्थापित हो सकेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, नाटो ने उस समय एक वादा किया था, इसलिए उसे अपने शब्दों से मुकरना नहीं चाहिए और पूर्व की तरफ विस्तार से बचना चाहिए. पूर्ण सुरक्षा की चाह हकीकत में पूर्ण असुरक्षा की ओर ले जाती है.’’

युचेंग ने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत रणनीति को आगे बढ़ाना, बंद या छोटे विशिष्ट केंद्रों अथवा समूहों को एक साथ लाना और क्षेत्र को विखंडन तथा ब्लॉक-आधारित विभाजन की ओर ले जाना उतना ही खतरनाक है, जितना यूरोप में पूर्व की तरफ विस्तार करने की नाटो की रणनीति.’’ उन्होंने चेताया, ‘‘अगर इस रणनीति को बिना रोक-टोक के जारी रहने दिया गया तो इसके अकल्पनीय परिणाम होंगे और यह अंतत: एशिया-प्रशांत को रसातल में धकेल देगी.’’

चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी भाषण के अंशों के मुताबिक, युचेंग ने कहा कि हमें एशिया के भविष्य को मजबूती से अपने हाथों में रखना चाहिए और एक स्वतंत्र, संतुलित एवं विवेकपूर्ण विदेश नीति का पालन करना चाहिए, ताकि एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय एकीकरण की प्रक्रिया को एकता के माध्यम से मजबूती प्रदान की जा सके.

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में सही पक्ष का चयन करे. उन्होंने दावा किया कि बींिजग में ‘‘ विचारों में बदलाव” के कुछ संकेत मिले हैं. ‘द संडे टाइम्स’ के साथ साक्षात्कार में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक नयी वैश्विक सत्तावादी व्यवस्था स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं और इस कदम की ंिनदा नहीं करके चीन इतिहास के गलत पक्ष की तरफदारी करने का जोखिम ले रहा है.

उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि चीन में आप कुछ विचारों में बदलाव को देख सकते हैं.” जॉनसन ने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि मैंने पहले कभी सही और गलत के संबंध में इससे स्पष्ट मामला देखा हो. मैंने इससे पहले कभी अच्छे और बुरे में इतना साफ अंतर देखा हो क्योंकि वहां युद्ध जारी है. यह बिल्कुल साफ है कि सही चीज यूक्रेनी पक्ष की ओर है. उनकी दुर्दशा दुनिया के सामने है इसलिए मुझे लगता है कि पिछले तीन हफ्तों से जो बदलाव जारी है, उसे लोग समझ रहे हैं.”

Related Articles

Back to top button