उप्र सरकार सुनिश्चित करे कि मुख्तार अंसारी को किसी अप्रत्याशित स्थिति से नहीं गुजरना पड़े: उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों को जारी रखे, ताकि उन्हें किसी ‘अप्रत्याशित स्थिति’ से नहीं गुजरना पड़े. मुख्तार अंसारी फिलहाल उत्तर प्रदेश की बदायूं जेल में बंद हैं. शीर्ष अदालत ने मुख्तार अंसारी के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था को दर्शाने वाले चार्ट का जायजा लिया और पाया कि वे ‘काफी मजबूत’ प्रतीत होते हैं.

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उमर ने याचिका में जेल परिसर के भीतर अपने पिता की सुरक्षा का मुद्दा उठाने के साथ उन्हें उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य राज्य की जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया. उत्तर प्रदेश की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने पीठ के समक्ष मुख्तार अंसारी के खिलाफ विभिन्न चरणों में लंबित मामलों की संख्या और सुरक्षा व्यवस्था का विवरण रखा.

पीठ ने कहा, ”सुरक्षा इंतजाम काफी मजबूत दिखते हैं. हमारी यही धारणा है.” याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से मामले को जुलाई तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया. पीठ ने कहा कि एएसजी ने कुछ उपाय उसके संज्ञान में लाये हैं.

पीठ ने कहा, ”सभी उपायों के बावजूद, चीजें घटित हो सकती हैं. हम इसके बारे में निश्चित नहीं हो सकते. फिलहाल जो कुछ भी किया जा रहा है, उसे जारी रहने दें.” पीठ ने कहा कि उसे उत्तर प्रदेश सरकार को यह निर्देश देना उचित लगता है कि बंदी मुख्तार अंसारी के लिए किये गये सभी सुरक्षा उपायों को जारी रखा जाए, ताकि उन्हें किसी अप्रत्याशित स्थित से नहीं गुजरना पड़े. अदालत ने गौर किया कि मुख्तार अंसारी को पहले डिजिटल माध्यम से उनसे जुड़े मामलों की अदालती सुनवाई में शामिल होने की अनुमति दी गई थी. शीर्ष अदालत मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में करेगी.

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