उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अधिकारियों से उत्तरकाशी में शांति बनाए रखने को कहा

नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी जिला प्रशासन से भटवाड़ी मार्ग पर स्थित एक मस्जिद को लेकर जारी विवाद के मद्देनजर शहर में कानून और व्यवस्था कायम रखने तथा इस संबंध में स्थिति से अदालत को भी अवगत कराते रहने के आदेश दिए हैं।

उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती की खंडपीठ ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को यह आदेश बुधवार को मस्जिद की सुरक्षा का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

सुन्नी समुदाय की यह मस्जिद दशकों पहले बनी थी। याचिकाकर्ता ने अदालत से यह भी प्रार्थना की कि एक दिसंबर को मस्जिद के विरोध में प्रस्तावित महापंचायत की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। राज्य सरकार की ओर से पेश उप महाधिवक्ता जे एस विर्क ने अदालत को सूचित किया कि जिला प्रशासन ने प्रस्तावित महापंचायत को अनुमति नहीं दी है।

उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि शहर में कानून—व्यवस्था कायम रखने के लिए दिन रात गश्त की जा रही है और शहर में स्थिति सामान्य है। उत्तरकाशी के संगठन ‘अल्पसंख्यक सेवा समिति’ द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ संगठन मस्जिद को ‘अवैध’ बताते हुए ध्वस्त करने की धमकी दे रहे हैं ।

याचिका में कहा गया है कि इस वजह से शहर में सामुदायिक तनाव पैदा हो गया है और इसीलिए उक्त मस्जिद की सुरक्षा का अनुरोध अदालत से किया गया है। इस याचिका में यह भी दावा किया गया है कि यह मस्जिद 1969 में खरीदी गयी भूमि पर बनाई गयी है तथा वर्ष 1986 में वक्फ आयुक्त ने मस्जिद का निरीक्षण कर इसे वैध बताया था।

याचिकाकर्ता के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने अदालत को यह भी बताया कि मस्जिद को ढहाए जाने की मांग कर रहे संगठनों द्वारा उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने दलील दी कि उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों को किसी भी जाति, धर्म या समुदाय के विरूद्ध उत्तेजक बयानों पर सीधे ही मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

गुप्ता ने हालांकि कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने अब तक किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया है। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख पांच दिसंबर तय की है। ‘संयुक्त ंिहदू संगठन’ ने पिछले माह मस्जिद को ढहाए जाने की मांग को लेकर निकाली गयी रैली के दौरान कथित तौर पर पथराव किया था। भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा था।

पुलिस द्वारा रैली को भटवाड़ी मार्ग पर जाने से रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पथराव किया था। इस संघर्ष में सात पुलिसर्किमयों समेत 27 व्यक्ति घायल हो गए थे। ‘संयुक्त ंिहदू संगठन’ का दावा है कि मस्जिद सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनी है।

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