यौन हिंसा की पीड़िताओं ने ऑनलाइन उपलब्ध अश्लील सामग्री पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की
नयी दिल्ली. महात्मा गांधी की जयंती पर बलात्कार पीड़ितों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में उनके दर्दनाक अनुभवों को साझा किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने ऑनलाइन उपलब्ध अश्लील सामग्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की जोरदार वकालत की. कई संगठनों द्वारा आयोजित ‘जन सुनवाई’ के दौरान बलात्कार पीड़िताओं ने बताया कि कैसे पुरुष, अश्लील सामग्री से प्रभावित होकर यौन हिंसा करने के लिए प्रेरित हुए.
कार्यक्रम का आयोजन ‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’, ‘पीपुल अगेंस्ट रेप इन इंडिया’, ‘संपूर्ण’ और ‘सेवा न्याय उत्थान’ ने किया.
बलात्कार की एक पीड़िता ने कहा, ”अश्लील सामग्री हमारे देश के नैतिक ताने-बाने को नष्ट कर रही है.” उन्होंने इन अपराधों के उनके जीवन पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव को भी उजागर किया. अन्य लोगों ने अपने संबोधन में ऑनलाइन अश्लील सामग्री के प्रसार और पूरे भारत में यौन हमलों में वृद्धि के बीच सीधे संबंध का उल्लेख किया.
‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ के संस्थापक उदय माहुरकर ने सरकार से अश्लील सामग्री का निर्माण, प्रसार और पहुंच पर पूर्ण और स्थायी प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ”अश्लील सामग्री तक आसान पहुंच युवा दिमाग को भ्रष्ट कर रही है और यौन विकृति को बढ़ा रही है. हमारी महिलाओं की गरिमा की रक्षा और हमारे देश के नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए इस खतरे से सख्ती के साथ निपटना होगा.”