ऐसा भारत चाहते हैं जहां संसद धार्मिक अनुष्ठानों से परे हो, कानून सबको समान नजरिये से देखे : सिब्बल का केंद्र पर वार
नयी दिल्ली. राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने मंगलवार को नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह नया या पुराना भारत नहीं बल्कि ऐसा भारत चाहते हैं जहां संसद धार्मिक अनुष्ठानों से परे हो, कानून सभी के साथ समान व्यवहार करता हो और धार्मिक आस्थाओं को लेकर नागरिकों की हत्या न की जाती हो.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन को देश की विकास यात्रा में ह्लअविस्मरणीयह्व पल करार दिया था. नए संसद भवन की लोकसभा में अपने संबोधन में मोदी ने कहा था कि नई इमारत नई ऊंचाइयों को हासिल करने की दिशा में काम करने के लिए ह्लनए भारतह्व की आकांक्षाओं और संकल्प को दर्शाती है.
सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, ह्लसरकार और भारतीय जनता पार्टी कहती है : एक नए भारत के लिये नई संसद. मैं कहता हूं: मैं अपना भारत न नया चाहता हूं न पुराना. ऐसा भारत चाहता हूं जहां: 1. संसद धार्मिक अनुष्ठानों से परे हो. 2. कानून सभी से समान व्यवहार करे. 3. धार्मिक विश्वास और कारोबार के आधार पर नागरिकों की हत्या न हो. 4. अगर युवा प्यार के लिये शादी करें तो बजरंग दल का डर न हो. 5. एजेंसियों का राजनीतिकरण न हो. 6. मीडिया निष्पक्ष हो.ह्व सिब्बल ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी को लेकर सोमवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि ईंट और गारे से नहीं बल्कि 1.4 अरब लोगों की सोच व आकांक्षाओं के साथ स्वतंत्रता का विचार ”नए भारत” का निर्माण कर सकता है.
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पहली और दूसरी सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी. समाजवादी पार्टी के समर्थन से सिब्बल राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य निर्वाचित हुए थे. उन्होंने हाल में ‘इंसाफ’ नामक एक मंच शुरू किया है. उनके मुताबिक, इस मंच का उद्देश्य अन्याय से लड़ना है. नए संसद भवन के उद्घाटन अवसर पर, कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच, प्रधानमंत्री ने नए भवन पर आशीर्वाद बनाए रखने के लिए देवताओं का आह्वान करने के वास्ते ह्लगणपति होममह्व किया.