उत्तराखंड सुरंग के निर्माण से हमारा कोई संबंध नहीं: अडाणी समूह

अडाणी समूह

नयी दिल्ली. उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग के निर्माण से वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नहीं जुड़ा है. इस सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद से 41 मजदूर इसमें दो सप्ताह से भी अधिक समय से फंसे हुए हैं.

कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में सिलक्यारा सुरंग के निर्माण में अडाणी समूह के शामिल होने को लेकर आशंकाएं जाहिर की गई हैं.
अडाणी समूह के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा कि सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी का उसके पास स्वामित्व नहीं है और न ही उसके पास कोई हिस्सेदारी है.

प्रवक्ता ने कहा, ”हम यह स्पष्ट करते हैं कि अडाणी समूह या उसकी किसी अनुषंगी कंपनी की इस सुरंग के निर्माण में किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष या परोक्ष भागीदारी नहीं है. साथ ही सुरंग के निर्माण में शामिल कंपनी में हमारी कोई हिस्सेदारी नहीं है.” चारधाम को जोड़ने वाली सड़क परियोजना के तहत इस सुरंग का निर्माण हैदराबाद स्थित नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कर रही है.

यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. इस हादसे में वहां काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे. उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियां बचाव अभियान चला रही हैं. इसके साथ ही अडाणी समूह ने इस हादसे से अपना नाम जोड़े जाने की ‘नापाक कोशिशों’ की कड़ी निंदा की है. समूह ने कहा, ”इस समय हमारी संवेदनाएं फंसे हुए मजदूरों तथा उनके परिवारों के साथ हैं.” इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यन स्वामी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस सुरंग का निर्माण करने वाली कंपनी और अडाणी समूह के संबंधों को लेकर सवाल खड़े किए.

स्वामी ने लिखा है, “यह उत्तराखंड सुरंग किस निजी कंपनी द्वारा बनाई गई थी? जब यह ढही तब इसके शेयरधारक कौन थे? क्या उनमें से एक अडाणी समूह था? मैं पूछ रहा हूं, कोई मतलब नहीं निकाल रहा.” स्वामी ने एक अन्य पोस्ट में कहा, “कुछ स्तर पर इस कंपनी को अडाणी का आशीर्वाद हासिल है, ऐसा मुझे सूचित किया गया है. लेकिन मैं इसकी जांच कर रहा हूं क्योंकि सुरंग का ढहना बहुत खराब बात है.” अडाणी समूह ने बयान में कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ तत्व हमें उत्तराखंड में एक सुरंग के दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से ढहने से जोड़ने की नापाक कोशिश कर रहे हैं. हम इन प्रयासों और उनके पीछे शामिल लोगों की कड़ी निंदा करते हैं.”

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