पश्चिम बंगाल : अदालत ने शाहजहां शेख के भाई और दो अन्य को पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा

संदेशखाली में शाहजहां के अवैध कब्जे वाली भूमि के उपयोग पर राय देने के लिए राज्यपाल ने समिति गठित की

बारासात/कोलकाता. पश्चिम बंगाल की एक स्थानीय अदालत ने रविवार को राज्य में सत्तारूढ. तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख के भाई शेख आलमगीर और दो अन्य को पांच दिनों के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने यह जानकारी दी.

पुलिस ने बताया कि तीनों को पांच जनवरी को संदेशखाली में शाहजहां के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के दौरान केंद्रीय एजेंसी की टीम पर हमले के आरोप में सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया था. उसने बताया कि बशीरहाट उपमंडलीय अदालत ने आलमगीर, सिराजुल मुल्ला और मफीजुल मुल्ला को पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया.

सीबीआई को संदेह है कि तीनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले का हिस्सा थे और जब ईडी की टीम शाहजहां शेख के परिसर पर छापा मारने गई थी तब उन्होंने ही भीड़ को हमले के लिए उकसाया था. एक सूत्र ने बताया कि यह संयोग है कि रविवार को ही सीबीआई के अधिकारियों ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के साथ मारपीट के मामले में संदेशखाली के सात लोगों को समन जारी किया.

कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर संदेशखाली स्थानीय महिलाओं द्वारा शाहजहां शेख और उसके साथियों पर भूमि-हथियाने और यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद से चर्चा में है. शाहजहां मछलीपालन के कारोबार से जुड़ा हुआ है. कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में पांच जनवरी को शाहजहां शेख के ठिकाने पर छापेमारी करने पहुंची ईडी की टीम पर हुए हमला के बाद से शेख फरार था. 55 दिनों के बाद शाहजहां शेख को 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां के फरार होने के बाद यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाकर हिंसक प्रदर्शन किया था.

शाहजहां पर लगे आरोपों की जांच पुलिस से राज्य की अपराधा जांच शाखा (सीआईडी) ने अपने हाथ में ले ली थी लेकिन बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. अदालत ने 10 मार्च को शाहजहां को चार दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा था. अदालत ने बाद में हिरासत की अवधि आठ दिन और बढ.ा दी और 22 तक सीबीआई के हवाले कर दिया.

संदेशखाली में शाहजहां के अवैध कब्जे वाली भूमि के उपयोग पर राय देने के लिए राज्यपाल ने समिति गठित की

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने संदेशखाली में शाहजहां द्वारा कथित तौर पर ग्रामीणों की अवैध रूप से कब्जाई गई और मछली फार्म में तब्दील कर दी गई जमीनों का अध्ययन करने और उनके उपयोग के तरीके सुझाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है. राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

इस विषय के विशेषज्ञों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित नेता शाहजहां शेख द्वारा कथित तौर पर छीनी गई और अब मूल मालिकों को लौटाई गई कृषि भूमि की ऊपरी मिट्टी मछली पालन के लिए खारे पानी की निकासी के कारण कृषि के लिए अनुपयुक्त हो गई है. विशेषज्ञों ने कहा कि जमीन को फिर से खेती के वास्ते अनुकूल बनाने के लिये मिट्टी की ऊपरी परत हटाने की जरूरत है.

उन्होंने यह भी राय दी कि कृषि के बजाय, खेती की इन जमीनों पर मछली पालन “एक आर्थिक रूप से व्यवहार्य विकल्प” होगा.
नयी दिल्ली की अपनी हालिया यात्रा के दौरान बोस भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) गए थे और इस मामले पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा की. अधिकारी ने कहा कि इसके बाद उन्होंने मुद्दे का अध्ययन करने और संदेशखाली में भूमि उपयोग के तरीके सुझाने के लिए एक समिति का गठन किया जिसमें कृषि, सहकारी और किसान कल्याण विभाग के पूर्व सचिव एसके पटनायक और एक एफएओ विशेषज्ञ शामिल हैं.

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