क्रिसमस मनाते समय राष्ट्र की रक्षा में बलिदान दे रहे सैनिकों को न भूलें: सीजेआई चंद्रचूड़
नयी दिल्ली. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि क्रिसमस मनाते समय हमें अपने सशस्त्र बलों के उन जवानों के बलिदान को नहीं भूलना चाहिए जो सीमा पर देश की रक्षा के लिए अपनी जान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ईसा मसीह के जीवन का संदेश दूसरों की भलाई के लिए बलिदान देना था.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “हम सबकुछ त्याग देंगे, भले ही यह हमारे जीवन की बात हो, जैसा कि हमारे सशस्त्र बलों में बहुत से लोग राष्ट्र की सेवा में करते हैं. हमने दो दिन पहले सशस्त्र बलों के अपने चार सदस्यों को खो दिया है.” जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हाल में चार सैनिकों की शहादत का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ”इसलिए, जब हम क्रिसमस मना रहे हैं, तो उन लोगों के बारे में न भूलें जो सीमाओं पर हैं… जो हमारे देश की रक्षा के लिए अपनी जान दे रहे हैं. जब हम जश्न में गाएं, तो उनके लिए भी गाएं.” वह उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में बोल रहे थे.
सीजेआई ने कहा कि बार के सदस्यों के लिए नए चैंबर बनाए जाएंगे. लंबित मामलों को कम करने के लिए कदम उठा रहे न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि वह स्थगन की मांग संबंधी प्रक्रिया को संस्थागत बनाएंगे. इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह तथा उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अदीश सी अग्रवाला भी मौजूद थे.