संकटग्रस्त श्रीलंका को मदद देने के लिए विक्रमसिंघे ने भारत को दिया धन्यवाद

अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के लिए राष्ट्रीय आर्थिक नीति बनाई जा रही है: विक्रमसिंघे

कोलंबो. श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे उनके देश को समय पर आर्थिक मदद देकर ‘‘बेहद जरूरी राहत’’ पहुंचाने के लिए भारत एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को धन्यवाद दिया. राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने सात दिन तक स्थगित रहने के बाद बुधवार को फिर से बुलाए गए संसद के सत्र को संबोधित कते हुए कहा, ‘‘मैं आर्थिक संकट से उबरने के हमारे प्रयासों के लिए हमारे निकटतम पड़ोसी देश भारत द्वारा मुहैया कराई गई मदद का विशेष रूप से जिक्र करना चाहता हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हमें बेहद जरूरी मदद दी. मैं अपने लोगों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार एवं भारत के लोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं.’’ मोदी ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से कहा था कि भारत आर्थिक संकट से उबरने एवं स्थिरता के प्रयासों में श्रीलंका के लोगों की स्थापित लोकतांत्रिक माध्यमों से मदद करना जारी रखेगा.

श्रीलंका की नयी सरकार के सामने देश को आर्थिक संकट से उबारने और व्यवस्था बहाल करने की चुनौती है. श्रीलंका में आर्थिक संकट के मद्देनजर विरोध प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर जाना पड़ा था और इस्तीफा देना पड़ा था. भारत सरकार श्रीलंका को इस साल जनवरी से अब तक करीब चार अरब डॉलर की मदद दे चुकी है. श्रीलंका को अपने करीब दो करोड़ 20 लाख लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में करीब पांच अरब डॉलर की जरूरत है. देश वित्तीय मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अन्य देशों से बातचीत कर रहा है, ताकि वह आर्थिक संकट से उबर सके.

अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के लिए राष्ट्रीय आर्थिक नीति बनाई जा रही है: विक्रमसिंघे

श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार देश की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के वास्ते अगले 25 वर्षों के लिए एक राष्ट्रीय आर्थिक नीति तैयार कर रही है. विक्रमसिंघे ने संसद के तीसरे सत्र के दौरान अपनी सरकार का नीतिगत वक्तव्य पेश करते हुए वर्तमान आर्थिक संकट से निकलने के उद्देश्य से एक बार फिर राजनीतिक दलों को सर्वदलीय सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया.

उन्होंने कहा, ”मुझे ऐसे समय में देश की बागडोर मिली है, जब यह संकट में फंसा हुआ है. एक ओर गंभीर आर्थिक संकट है तो दूसरी तरफ जनता की भारी नाराजगी है.’’ विक्रमसिंघे (73) ने कहा कि हालात की गहराई से समीक्षा करने के बाद उनकी सरकार अगले 25 वर्षों के लिए राष्ट्रीय आर्थिक नीति बनाने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा, ”हमारा उद्देश्य 2025 तक प्राथमिक बजट में अधिशेष राशि रखना है. हम 2026 तक एक ठोस आर्थिक नींव स्थापित करने के लिए आर्थिक विकास दर को स्थिर रखने का प्रयास कर रहे हैं.

फिलहाल, सार्वजनिक ऋण सकल घरेलू उत्पाद का 140 प्रतिशत है. हमारी योजना 2032 तक इसे 100 प्रतिशत से कम करने की है.” इससे पहले उन्होंने देश को वर्तमान आर्थिक संकट से उबारने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को सर्वदलीय सरकार के गठन के लिए एक बार फिर आमंत्रित किया. उन्होंने सांसदों से कहा, ‘‘देश को चलाने के लिए सभी दलों को साथ आना होगा.’’ श्रीलंका महीनों से गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. अप्रैल के मध्य में सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कर्ज चुकाने से इनकार करते हुए दिवालिया होने की घोषणा कर दी थी.

Related Articles

Back to top button