सड़क परियोजनाओं के लिए पूंजी बाजार से धन जुटाएंगे: गडकरी

नयी दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार सड़क निर्माण परियोजनाओं के लिए वित्त का इंतजाम पूंजी बाजारों से करेगी. गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दुनियाभर में मंदी की आशंकाओं के बावजूद ढांचागत परियोजनाओं के लिए वित्त जुटाने में कोई समस्या नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं पूंजी बाजार का रुख करने जा रहा हूं. मुझे वित्तीय संसाधन जुटाने में कोई समस्या नहीं है.’’ गडकरी ने कहा, ‘‘मैं अमीरों के धन का इस्तेमाल नहीं करना चाहता. मैं शेयर बाजार की तरफ जा रहा हूं और वहां पर मैं लोगों से एक लाख, दो लाख रुपये का निवेश आठ प्रतिशत रिटर्न की गारंटी देकर लूंगा.’’ उन्होंने कहा कि इस तरह बाजार से सड़क परियोजनाओं के लिए बड़ी रकम मिल जाएगी.

यह पूछे जाने पर कि क्या कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पूंजीगत व्यय कोष के लिए खतरा होंगी, गडकरी ने कहा कि वित्त मंत्रालय इस मुद्दे पर गौर करेगा. असल में तेल कीमतें बढ़ने पर उपकर में कटौती की संभावना बढ़ सकती है. एनएचएआई के बजट आवंटन का बड़ा हिस्सा केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना कोष से ही आता है जो डीजल एवं पेट्रोल पर लिए जाने वाले उपकर से तैयार होता है.

गडकरी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से 50,000 करोड़ रुपये के आकार वाले निर्माण उपकरण क्षेत्र को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘डीजल की ऊंची कीमतें होने से हमें आर्थिक व्यवहार्यता की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.’’ गडकरी ने कहा कि आर्थिक व्यवहार्यता के बगैर कोई भी प्रौद्योगिकी उपयोगी नहीं हो सकती है. उन्होंने निर्माण उपकरण विनिर्माताओं से ईंधन दक्षता बढ़ाने पर ध्यान देने को कहा.

उन्होंने उपकरण विनिर्माताओं से आग्रह करते हुए कहा, ‘‘जितना जल्दी हो, डीजल से छुटकारा पा लीजिए. यह एक खतरनाक ईंधन है.’’ उन्होंने इलेक्ट्रिक आवागमन को भविष्य बताते हुए कहा कि वाहन बाजार में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ी है और विदेशी वाहन विनिर्माताओं की हिस्सेदारी में कमी आई है. उन्होंने कहा कि कुछ भारतीय कंपनियों के इलेक्ट्रिक वाहन बनाने से हिस्सेदारी अनुपात बदला है.

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