अमेरिका में अनिद्रा से राहत के लिए ‘‘गांजे’’ का सेवन करता था आर्यन खान : एनसीबी

मुंबई/नयी दिल्ली. अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज जहाज पर नशीला पदार्थ मिलने के मामले में क्लीनचिट मिल गई है, लेकिन स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा दायर आरोप पत्र में एजेंसी ने दावा किया है कि खान ने स्वयं बताया था कि स्रातक की पढ़ाई के दौरान वह अमेरिका में निद्रा संबंधी विकार के चलते ‘गांजे’ का सेवन करते थे.

उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर में क्रूज जहाज पर छापेमारी और कथित तौर पर मादक पदार्थ की बरामदगी के बाद गिरफ्तार किए गए 20 लोगों में से 14 के खिलाफ एनसीबी ने शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि सबूत नहीं होने की वजह से आर्यन खान सहित छह लोगों के नाम आरोप पत्र में शामिल नहीं किए गए. आरोप पत्र के मुताबिक आर्यन खान ने एनसीबी के समक्ष बयान दिया था कि उन्होंने वर्ष 2018 में अमेरिका में स्रातक की पढ़ाई के दौरान गांजा पीना शुरू किया था.

एजेंसी के मुताबिक आर्यन खान ने बताया कि उस समय उन्हें ‘‘ निद्रा संबंधी विकार था और उन्होंने इंटरनेट पर कुछ लेख पढ़े थे जिनमें कहा गया था कि गांजा पीने से इस समस्या से राहत मिलती है.’’ एनसीबी ने दावा किया कि एक अन्य बयान में आर्यन खान ने स्वीकार किया कि अपराध में संलिप्तता के संकेत देने वाले व्हाट्सऐप चैट उनके ही थे.

आरोप पत्र के मुताबिक आर्यन ने एजेंसी को बताया कि वह बांद्रा (मुंबई का इलाका) के एक (मादक पदार्थ) डीलर को जानते थे,लेकिन उसका नाम या ठिकाना नहीं जानते क्योंकि वह उनके दोस्त आचित का जानकार है. आचित इस मामले में सह आरोपी है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में एनसीबी ने आर्यन खान को क्लीनचिट देते हुए कहा कि उनके पास से कोई मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ और न ही कोई ऐसा ठोस सबूत मिला जिससे साबित हो कि उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची.

आरोपपत्र के मुताबिक आर्यन खान और सह आरोपी अरबाज मर्चेंट द्वारा स्वेच्छा से दिए गए बयान का विश्लेषण करने पर पता लगा कि मर्चेंट ने अपने किसी बयान में दावा नहीं किया है कि उसके पास से बरामद छह ग्राम चरस आर्यन खान के सेवन के लिए थी.
इसमें आगे कहा गया कि आर्यन खान ने भी स्वेच्छा से दिए गए अपने किसी भी बयान में यह स्वीकार नहीं किया कि बरामद चरस उनके इस्तेमाल के लिए थी.

एनसीबी ने कहा, ‘‘बल्कि अरबाज ने छह अक्टूबर 2021 को दिए बयान में कहा था कि आर्यन खान ने उसे चेतावनी दी थी कि वह क्रूज पर कोई मादक पदार्थ लेकर नहीं जाए.’’ एजेंसी ने कहा कि आर्यन खान के मोबाइल फोन को भी कभी भी औपचारिक रूप से जब्त नहीं किया गया और उनके फोन से बरामद किसी भी चैट से उनकी संलिप्तता मामले से नहीं जुड़ती.

आरोप पत्र में कहा गया, ‘‘ जांच के दौरान आर्यन खान से कोई मादक पदार्थ नहीं मिला और न ही कोई ठोस सबूत हाथ लगा जिससे उनकी भूमिका या अरबाज खान या अन्य के साथ पुख्ता तौर पर साजिश में शमिल होना सिद्ध हो सके. इसलिए इस मामले में उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं दर्ज की जा रही है.’’

अवसाद से उबरने के लिए मादक पदार्थों का सेवन किया : क्रूज मामले में आरोपियों ने एनसीबी से कहा

क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ (ड्रग्स) जब्त किए जाने के मामले में कुछ आरोपियों ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) से कहा है कि उन्होंने अवसाद से उबरने तथा अकादमिक ए­वं पेशेवर कामकाज के तनाव से निपटने के लिए ड्रग्स लेना शुरू किया था. एनसीबी ने एक क्रूज जहाज पर छापेमारी के दौरान कथित तौर पर मादक पदार्थ बरामद होने के बाद पिछले साल अक्टूबर में इस मामले में गिरफ्तार किए गए 20 में से 14 लोगों के खिलाफ शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में करीब 6,000 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया.

केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि साक्ष्यों के अभाव के चलते बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान सहित इनमें से छह लोगों को आरोपपत्र में नामजद नहीं किया गया है. आरोपपत्र के मुताबिक, मामले में सह-आरोपी और आर्यन खान के दोस्त अरबाज मर्चेंट (26) ने कहा कि शराब पीने के बाद कभी-कभार उसका सिर भारी हो जाता है और हशीश का सेवन करने पर उसे सुकून मिलता है. उसने कहा कि यही कारण है कि उसने क्रूज जहाज पर अपने जूतों में हशीश छिपाकर रखी थी.

आरोपपत्र के अनुसार, एक अन्य आरोपी आचित कुमार (22) ने खुद के मादक पदार्थों का सेवन करने के लिए अकादमिक दबाव को जिम्मेदार ठहराया. कुमार ने कहा कि वह जानता था कि आयातित गांजा एक मादक पदार्थ है और इसकी बिक्री, उपभोग व खरीद अवैध है. उसने बताया कि हालांकि, अकादमिक दबाव से निपटने के लिए वह गांजे का सेवन करता था और इस कारण उसकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई थी.

एक अन्य आरोपी एवं फैशन मॉडल मुनमुन धामेचा (29) ने एनसीबी को दिए अपने बयान में कहा कि वह पारिवारिक समस्याओं के कारण अवसाद से उबरने के लिए चरस का सेवन करती है. वहीं, मामले के एक और आरोपी श्रेयस नायर (23) ने स्वीकार किया कि उसने 2017 में मादक पदार्थों का सेवन शुरू किया था, जब वह होटल प्रबंधन की पढ़ाई कर रहा था. नायर ने माना कि वह कभी-कभार हशीश का भी सेवन करता है.

एनसीबी की सतर्कता जांच से संकेत मिलता है कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए कोई राशि नहीं मांगी गई
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की सतर्कता जांच से इस बात के संकेत मिले हैं कि क्रूज मादक पदार्थ मामले में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के एवज में कोई राशि नहीं मांगी गई थी. ऐसा माना जाता है कि एनसीबी की सतर्कता जांच में पैसे मांगने के आरोप की पुष्टि करने संबंधी कोई सबूत नहीं मिला है.

दरअसल, इस मामले में प्रभाकर सैल नामक एक गवाह ने एक हलफनामे के अलावा मीडिया के साथ बातचीत में दावा किया था कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी. इसके तुरंत बाद एनसीबी के महानिदेशक एस एन प्रधान ने इस मामले में सतर्कता जांच का आदेश दिया था. आर्यन खान को पिछले साल दो अक्टूबर को कॉर्डेलिया क्रूज पर छापेमारी के दौरान पकड़ा गया था और 22 दिन जेल में बिताने के बाद उन्हें जमानत मिली थी. एनसीबी ने पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण इस मामले में आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी है.

प्रभाकर सैल जिनकी अब मौत हो चुकी है, ने आरोप लगाया था कि उन्होंने मामले में एक गवाह केपी गोसावी को सैम डिसूजा नाम के एक व्यक्ति के साथ फोन पर बात करते हुए सुना था. प्रभाकर के मुताबिक, वे 18 करोड़ रुपये में इस मामले को सुलझाने के सौदे के बारे में बात कर रहे थे, जिसमें से आठ करोड़ रुपये एनसीबी की मुंबई इकाई के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को दिए जाने थे.
पुलिस के मुताबिक, प्रभाकर सैल (40) की अप्रैल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी.

सैल ने दावा किया था कि तीन अक्टूबर, 2021 को उन्होंने गोसावी को सैम के साथ शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी से मिलते हुए देखा और मुंबई के लोअर परेल इलाके में खड़ी नीली र्मिसडीज कार में उनकी एक छोटी मुलाकात हुई. उन्होंने अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने दो बैग एकत्र किए जिनमें 38 लाख रुपये नकद थे. वानखेड़े ने जहां इन आरोपों से इनकार किया है, वहीं गोसावी वर्तमान में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में पुणे की जेल में बंद है.

सूत्रों ने कहा कि सतर्कता जांच में कथित तौर पर पाया गया है कि आर्यन खान के परिवार से वसूली के आरोप सही नहीं हैं क्योंकि आरोप की पुष्टि करने वाले कोई भौतिक या तकनीकी सबूत नहीं मिले. उन्होंने कहा कि कथित साजिश में सैल द्वारा नामित लोगों ने जांचकर्ताओं या संबंधित किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इस तरह की कोई मांग किए जाने से इनकार किया.

समझा जाता है कि सतर्कता जांच टीम ने “सभी पक्षों” से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए, जिनमें सैल और एनसीबी की मुंबई इकाई के वानखेड़े, वी वी ंिसह तथा आशीष रंजन प्रसाद जैसे अधिकारी एवं शाहरुख खान तथा ददलानी शामिल हैं.
एनसीबी के उप-महानिदेशक (उत्तरी क्षेत्र) ज्ञानेश्वर ंिसह द्वारा की गई इस सतर्कता जांच की अंतिम रिपोर्ट जल्द ही महानिदेशक प्रधान को सौंपे जाने की उम्मीद है.

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