1989 में जयललिता पर हमले का मामला: स्टालिन ने सीतारमण पर उठाये सवाल, पलानीस्वामी ने हमले की बात मानी

चेन्नई/मदुरै. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने संसद में दिये गये केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उस बयान पर सवाल उठाये हैं जिसमें राज्य विधानसभा में वर्ष 1989 में दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिा पर हुए कथित हमले का जिक्र किया गया था. हालांकि, अन्नाद्रमुक नेता ई. के. पलानीस्वामी ने दिवंगत नेता जयललिता पर हमले की घटना को स्वीकार किया तथा इस बारे में दिये गये बयान को लेकर स्टालिन पर पलटवार किया.

लोकसभा में 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान सीतारमण ने मणिपुर मुद्दे पर अपने भाषण के बाद द्रमुक सांसद कनिमोझी को 25 मार्च, 1989 को तमिलनाडु विधानसभा में हुई उस घटना के बारे में याद दिलाने की कोशिश की थी जब तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष जयललिता की साड़ी खींची गई थी.

उन्होंने कहा, ”यह एक बहुत ही पवित्र सभा है, विधानसभा में विपक्ष की नेता जयललिता की साड़ी खींची गई. उनकी साड़ी खींची गई और वहां बैठे द्रमुक सदस्यों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की, उन पर हंसे और उनका मजाक उड़ाया….” एक दैनिक को दिए गये साक्षात्कार में स्टालिन ने वित्त मंत्री के आरोपों का खंडन किया और दिवंगत जयललिता का जिक्र करते हुए कहा, ”विधानसभा में मौजूद हर कोई जानता था कि यह उनके द्वारा रचा गया एक नाटक था.”

यहां द्रमुक की एक विज्ञप्ति में स्टालिन को यह कहते हुए उद्धृत किया गया, ”सदन में जयललिता के साथ ऐसी घटना नहीं हुई. विधानसभा में मौजूद सभी लोग जानते हैं कि यह उनके द्वारा रचा गया एक नाटक था. सीतारमण की टिप्पणियां ‘अफसोसजनक’ थीं.” स्टालिन के हवाले से कहा गया कि अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के पूर्व नेता और अब कांग्रेस सांसद सुब्बुरमण थिरुनावुक्करासर ने पहले राज्य विधानसभा में कहा था कि जयललिता ने ऐसा करने के लिए ‘अभ्यास’ (रिहर्सल) किया था.

मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पलानीस्वामी ने कहा कि संबंधित घटनाओं को विस्तार से प्रकाशित किया गया था. उन्होंने स्टालिन के बयान पर सवाल भी उठाये. पलानीस्वामी ने कहा कि वह अन्नाद्रमुक विधायक के रूप में सदन में उस वक्त मौजूद थे, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत एम. करुणानिधि की उपस्थिति में जयललिता पर ‘हमला’ किया गया था.

पलानीस्वामी ने कहा, ”इसके बारे में विस्तार से रिपोर्ट सामने आयी थी. यह सब करुणानिधि की उपस्थिति में हुआ था. द्रमुक के मंत्रियों और विधायकों ने अम्मा पर गंभीर हमला किया… एक वरिष्ठ मंत्री ने उनकी साड़ी खींची, दूसरे (तत्कालीन) मंत्री ने उनके बाल खींचे… यह एक काला दिन था.”

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