भारतीय मूल की छात्रा ग्रेस ओ’मैली कुमार के लिए वीरता सम्मान की मांग

लंदन. भारतीय मूल की ब्रिटिश मेडिकल छात्रा ग्रेस ओ’मैली कुमार के माता-पिता ने अपनी बेटी को उसकी बहादुरी के लिए ब्रिटेन के सर्वोच्च नागरिक सम्मान जॉर्ज क्रॉस से मरणोपरांत सम्मानित किये जाने की मांग का समर्थन किया है. ग्रेस ओ’मैली कुमार की पिछले साल नॉटिंघम में एक हमले के दौरान अपने एक दोस्त को बचाने की कोशिश में चाकू गोदकर हत्या कर दी गई थी. ओ’मैली कुमार (19), अपने 19 साल के दोस्त बार्नबी वेबर के साथ अपने विश्वविद्यालय लौट रही थी, तभी हमलावर वाल्डो कैलोकेन ने उस पर चाकू से हमला कर दिया था.

ओ’मैली कुमार के पिता डॉ संजय कुमार ने समाचारपत्र ‘द सन’ के साथ एक साक्षात्कार में हमले के सीसीटीवी फुटेज के हवाले से बताया कि उनकी बेटी हमले के दौरान बड़ी बहादुरी से लड़ी थी. कुमार ने कहा, “उसने जो बहादुरी दिखाई वह एक किशोरी के लिए अविश्वसनीय थी.” जॉर्ज क्रॉस पारंपरिक रूप से ब्रिटिश प्रधानमंत्री द्वारा अनुशंसित एक दुर्लभ सम्मान है और 1940 में शुरू होने के बाद से इसे केवल 160 बार प्रदान किया गया है.

ओ’मैली कुमार की मां सिनैड ओ’मैली ने कहा, ह्लजॉर्ज क्रॉस निश्चित रूप से उसकी बहादुरी की एक उल्लेखनीय स्वीकृति होगी. ग्रेस हमारे पास कभी वापस नहीं आएगी, लेकिन हम कभी नहीं चाहेंगे कि उसे भुलाया जाए.” समाचारपत्र के अनुसार, मामले की एक सुनवाई के दौरान एक न्यायाधीश द्वारा ग्रेस की “आश्चर्यजनक बहादुरी” का उल्लेख किए जाने के बाद संसद सदस्यों ने ग्रेस को पदक से सम्मानित करने की मांग की है. हाउस ऑफ कॉमन्स की गृह मामलों की समिति सदस्य मार्को लोंघी और डेविड मॉरिस उन सांसदों में शामिल हैं, जो ओ’मैली कुमार के “नि?स्वार्थ बहादुरी” का सम्मान करने का आह्वान कर रहे हैं.

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