पतंग के धागे से 20 वर्षीय छात्र की मौत, परिजनों का आरोप-“प्रतिबंधित चीनी मांझे से गई जान”

इंदौर: इंदौर में मकर संक्रांति के पर्व पर पतंग के मांझे से गला कटने के कारण एक महाविद्यालय के 20 वर्षीय छात्र की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। द्वारकापुरी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मोटरसाइकिल चला रहे हिमांशु सोलंकी (20) का गला मंगलवार शाम फूटी कोठी क्षेत्र के फ्लाईओवर पर पतंग के मांझे से कट गया।

उन्होंने बताया कि यह हादसा तब हुआ, जब सोलंकी अपने एक दोस्त के साथ रसोई गैस का सिलेंडर लेने जा रहा था। अधिकारी ने बताया कि हादसे में बुरी तरह घायल सोलंकी को एक नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ज्यादा खून बह जाने से उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

उन्होंने बताया कि सोलंकी के शव का बुधवार को पोस्टमॉर्टम कराया गया। सोलंकी, एक स्थानीय महाविद्यालय में बी.ए. द्वितीय वर्ष का छात्र था। उसके परिजनों का आरोप है कि प्रतिबंधित ‘‘चीनी मांझे’’ (नायलॉन का तीखा धागा) के कारण इस नौजवान की जान गई।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने कहा, ‘‘जिस मांझे से सोलंकी की गर्दन कटी, उसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कहा जा सकेगा कि यह प्रतिबंधित मांझा था या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि जांच के बाद सोलंकी की मौत के मामले में उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

नायलॉन से बना या कुचले हुए कांच से लेपित मांझा इतना तीखा होता है कि इससे जानलेवा घाव हो सकता है। प्रतिबंधित होने के बावजूद, पतंगबाजी के शौकीन इस मांझे को अपने प्रतिद्वंद्वियों की पतंग काटने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

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