सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से 95 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं: प्रधानमंत्री मोदी

आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को हमेशा याद किया जाना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि करीब 95 करोड़ लोग अब किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, जबकि 2015 तक सरकारी योजनाएं 25 करोड़ से भी कम लोगों तक पहुंची थीं. मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ रेडियो प्रसारण में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि भारत की 64 प्रतिशत से अधिक आबादी को किसी न किसी रूप में सामाजिक सुरक्षा लाभ मिल रहा है.

मोदी ने कहा, ”फिलहाल भारत की अधिकांश आबादी किसी न किसी रूप में सामाजिक सुरक्षा लाभ उठा रही है और हाल ही में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की एक बहुत ही महत्वपूर्ण रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारत की 64 प्रतिशत से अधिक आबादी अब निश्चित रूप से किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उठा रही है.” मोदी ने कहा, “आज देश के लगभग 95 करोड़ लोग किसी-न-किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उठा रहे हैं, जबकि, 2015 तक 25 करोड़ से भी कम लोगों तक सरकारी योजनाएं पहुंच पाती थीं.” उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य से लेकर सामाजिक सुरक्षा तक, देश हर क्षेत्र में परिपूर्णता की भावना के साथ आगे बढ. रहा है.

मोदी ने कहा, “यह सामाजिक न्याय की भी एक बेहतरीन तस्वीर है. इन सफलताओं ने यह विश्वास जगाया है कि आने वाला समय और भी बेहतर होगा. भारत हर कदम पर और भी मजबूत होगा.” प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत को ‘ट्रेकोमा’ मुक्त घोषित किए जाने को भी “उल्लेखनीय उपलब्धि” बताया और इस सफलता के लिए स्वास्थ्य र्किमयों के प्रयासों की सराहना की.
‘ट्रेकोमा’ एक अत्यधिक संक्रामक जीवाणु संक्रमण है, जो दृष्टिहीनता का एक प्रमुख कारण रहा है.

मोदी ने कहा, “स्वच्छ भारत अभियान ने भी इसे खत्म करने में मदद की. जल जीवन मिशन ने भी इस सफलता में बहुत योगदान दिया. आज जब हर घर में नल के जरिए स्वच्छ पानी पहुंच रहा है, तो ऐसी बीमारियों का खतरा कम हो गया है.” उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने भी इस बात की सराहना की है कि भारत ने इस बीमारी से निपटने के साथ-साथ इसके मूल कारणों से भी छुटकारा पा लिया है.

मोदी ने अपने कार्यक्रम में, विभिन्न धार्मिक यात्राओं पर जाने वाले सभी भाग्यशाली श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं भी दीं. उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा पुन: शुरू हुई है. मोदी ने कहा, “कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का धाम है. इसे हर परंपरा में आस्था और भक्ति का केंद्र माना जाता है, चाहे वह हिंदू हो, बौद्ध हो या जैन हो.” तीन जुलाई से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि सावन माह आरंभ होने में कुछ ही दिन बचे हैं.

उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले, हमने भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा भी देखी है. चाहे ओडिशा हो, गुजरात हो या देश का कोई भी कोना हो, लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में भाग लेते हैं. उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम, ये यात्राएं ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिबिंब हैं.” उन्होंने कहा, ”मैं उन लोगों की भी सराहना करता हूं जो सेवा की भावना के साथ इन यात्राओं को सफल व सुरक्षित बनाने में लगे हुए हैं.” असम के बोडोलैंड के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि आज यह देश में एक नयी पहचान के साथ खड़ा है.

मोदी ने कहा, “वहां के युवाओं में जो ऊर्जा और आत्मविश्वास है, वह फुटबॉल के मैदान पर सबसे ज्यादा दिखाई देता है. बोडो प्रादेशिक क्षेत्र में, बोडोलैंड सीईएम कप का आयोजन किया जा रहा है. यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं है; यह एकता और उम्मीद का उत्सव बन गया है.” उन्होंने कहा कि 3,700 से अधिक टीम, लगभग 70,000 खिलाड़ी और उनमें भी बड़ी संख्या में हमारी बेटियां भाग ले रही हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, “ये आंकड़े बोडोलैंड में एक बड़े बदलाव की कहानी बयां करते हैं. बोडोलैंड अब देश के खेल मानचित्र पर अपनी चमक बिखेर रहा है.” मोदी ने मोटापा कम करने के लिए भोजन में तेल की मात्रा 10 प्रतिशत कम करने का आ”ान भी दोहराया.
उन्होंने कहा, “जब आप फिट रहेंगे, तो जीवन में और भी अधिक सफल होंगे.” ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन पर मोदी ने कहा, “इस समय सभी की निगाहें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर हैं. भारत ने नया इतिहास रच दिया है.”

आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को हमेशा याद किया जाना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल के दौरान लोगों पर अत्याचार को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधने के लिए रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रसारण कार्यक्रम में आपातकाल का विरोध करने वाले प्रमुख नेताओं की टिप्पणियां सुनाईं और कहा कि इन्हें हमेशा याद रखा जाना चाहिए क्योंकि इससे हमें अपने संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है.

मोदी ने अपने ‘मन की बात’ बात कार्यक्रम में कहा कि जिन लोगों ने आपातकाल लगाया, ”उन्होंने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी अपना गुलाम बनाए रखने का था.” मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पार्टी का नाम लिए बिना आपातकाल के दौर की ज्यादतियों के लिए कांग्रेस की निंदा की. केंद्र में सत्तारूढ. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के बीच आपातकाल को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार के तहत अघोषित आपातकाल कायम है.

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जन-भागीदारी की शक्ति से, बड़े-बड़े संकटों का मुकाबला किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ”मैं आपको एक ऑडियो सुनाता हूं, इस ऑडियो में आपको उस संकट की भयावहता का अंदाजा लगेगा. वो संकट कितना बड़ा था, पहले वो सुनिए, समझिए.” ऑडियो में आपातकाल के बाद प्रधानमंत्री रहे मोरारजी देसाई की आवाज थी, जिन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी शासन का ”उत्पीड़न” कई वर्षों से जारी था, लेकिन आपातकाल लागू होने के बाद अंतिम दो वर्षों में यह अपने चरम पर पहुंच गया.

देसाई ने कहा, ”लोगों के स्वतंत्रता के हक छीन लिए गए, अखबारों को कोई स्वतंत्रता न रही. अदालत बिल्कुल निर्बल बना दिए गए और जिस ढंग से एक लाख से ज्यादा लोगों को जेल में बंद कर दिया और फिर मनमाना राज होता रहा, उसकी मिसाल दुनिया के इतिहास में भी मिलना मुश्किल है.” मोदी ने प्रसारण में कहा कि 1975 से 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल के दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था. उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने उस अवधि से संबंधित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम के भाषणों के अंश सुनाए.

उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस साहब को बेड़ियों में जकड़ा गया था और याद किया कि उस समय आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता था. उन्होंने कहा कि छात्रों को परेशान किया गया और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा गया. उन्होंने कहा कि उस दौर में हजारों लोग गिरफ्तार किए गए, उन पर अमानवीय अत्याचार हुए, लेकिन ये भारत की जनता का सामर्थ्य है कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता उसने स्वीकार नहीं किया.

उन्होंने कहा कि ”आखिरकार, जनता-जनार्दन की जीत हुई – आपातकाल हटा लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए.” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपातकाल की 50वीं बरसी को हाल में ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया गया और इसके खिलाफ लड़ने वालों को हमेशा याद रख जाना चाहिए. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगाया था.

ऑडियो के अनुसार, 1977 में इंदिरा गांधी सरकार की हार के बाद वाजपेयी ने कहा था, ”देश में जो कुछ हुआ, उसे केवल चुनाव नहीं कह सकते. एक शांतिपूर्ण क्रांति हुई है. लोकशक्ति की लहर ने लोकतंत्र की हत्या करने वालों को इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिया है.” मोदी ने कहा, ”हमें हमेशा उन सभी लोगों को याद करना चाहिए, जिन्होंने आपातकाल का डटकर मुकाबला किया था. इससे हमें अपने संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है.”

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