दिल्ली में गंभीर संवैधानिक संकट पैदा हो गया है : मुख्यमंत्री केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ईडी के छठे समन पर भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए

नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में “गंभीर संवैधानिक संकट” पैदा हो गया है क्योंकि अधिकारी कह रहे हैं कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कथित “धमकी और दबाव” के कारण काम नहीं करेंगे.
केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि यह समस्या दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने से उत्पन्न हुई है और वास्तविक अधिकार केंद्र सरकार के पास है. केंद्र में एक अलग पार्टी की सरकार है और ”पार्टी नहीं चाहती है कि चुनी हुई सरकार (दिल्ली की) अपना काम करे.” उन्होंने कहा कि पानी के बिलों में सुधार के लिए एकमुश्त समाधान योजना में कुछ अधिकारियों द्वारा ”बाधा” डाली जा रही है.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा के दबाव के कारण अधिकारियों को पानी के बिलों में सुधार के लिए एकमुश्त समाधान योजना को रोकने की धमकी दी जा रही है. भाजपा की ओर से इस मामले पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि अधिकारियों की काम करने की अनिच्छा के कारण दिल्ली में “गंभीर संवैधानिक संकट” पैदा हो गया है. उन्होंने उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना से योजना की मंजूरी के लिए अधिकारियों को बुलाने की अपील की और कहा कि इस ‘अच्छी योजना’ से 10.5 लाख परिवारों को फायदा होगा.

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की आबादी का एक बड़ा हिस्सा ‘गलत और बढ़े हुए बिलों का शिकार’ है. उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए एक योजना शुरू की, जो है- एकमुश्त निपटान योजना.” मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के लिए काम करती है. उन्होंने यह दावा कर विपक्षी दल भाजपा का मजाक उड़ाया कि उन्होंने लोगों के मुद्दों को “अनदेखा” किया और विधानसभा में तीन या आठ सीटों पर सिमट गए. केजरीवाल ने कहा कि इस योजना में हजारों करोड़ रुपये का राजस्व फंस गया है.

उन्होंने दावा किया कि यह योजना बहुत अच्छी है. इसे पिछले जून में पारित किया गया था और इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए था. इसे आठ महीने हो गए हैं लेकिन इन अधिकारियों ने “ऐसा करने से इंकार कर दिया है.” केजरीवाल ने कहा, “आज स्थिति यह है कि इस योजना को कैबिनेट में लाना होगा. अगर कैबिनेट इसे मंजूरी दे देती है तो यह लागू हो जाएगी. इसके लिए (दिल्ली) वित्त सचिव को अपनी टिप्पणी देनी होगी.” मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वित्त सचिव ने लिखा है कि वह कोई टिप्पणी नहीं देंगे. केजरीवाल ने कहा कि जब दिल्ली शहरी विकास सचिव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह वित्त सचिव की टिप्पणियों का इंतजार कर रहे हैं.

उन्होंने आरोप लगाया,”एक वरिष्ठ नौकरशाह ने तो आंसू बहाते हुए कहा कि यह ‘हमारी नौकरी का मामला है, हमें धमकाया जा रहा है’.” मुख्यमंत्री ने कहा,”जब मैंने पूछा कि उन्हें कौन धमकी दे रहा है तो उन्होंने कहा, ‘उच्च अधिकारी’. आप जानते हैं कि उच्च अधिकारियों का क्या मतलब है… अगर वे दिल्ली के लोगों के लिए इस योजना को पारित करते हैं, तो उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा. वे सेवाओं (विभाग) के लिए क्यों लड़ते रहते हैं क्योंकि उनके इरादे गलत हैं.” मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अधिकारियों को धमकी दी जा रही है कि उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा या फिर निकाल दिया जाएगा. उन्हें जेल भेज दिया जाएगा या केंद्रीय एजेंसियों को “उनके पीछे लगा दिया जाएगा”.

उन्होंने आरोप लगाया,”इसके पीछे और कौन लोग हैं? इसके पीछे भाजपा है. भाजपा दिल्ली के लोगों से नफरत करती है.” केजरीवाल ने आरोप लगाया कि जब दिल्ली के लोग दुखी होते हैं तो भाजपा वाले खुश होते हैं. जब वे बीमार पड़ते हैं तो भाजपा सदस्य खुशी मनाते हैं. वे (भाजपा) दिल्ली को बर्बाद करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा डालने की कोशिश की. कई मोहल्ला क्लीनिकों के किराए का भुगतान नहीं किया गया लेकिन जब तक “आपका बेटा केजरीवाल जीवित है, केजरीवाल भाजपा के सामने दीवार की तरह खड़े रहेंगे.”

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ईडी के छठे समन पर भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को आबकारी नीति मामले से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुए. उनकी आम आदमी पार्टी (आप) ने ईडी के छठे समन को ‘अवैध’ बताते हुए कहा कि एजेंसी को केजरीवाल को बार-बार समन भेजने के बजाय अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए. केजरीवाल को ईडी ने छठी बार समन भेजा है. केजरीवाल द्वारा इस मामले से संबंधित कई समन को नजरअंदाज करने पर जांच एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में शहर की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में पत्रकारों से कहा कि ईडी को कानून के मुताबिक जवाब दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, ”हम कानून के मुताबिक जवाब दे रहे हैं. अब, ईडी ने अदालत में मामला दायर किया है और उसे कोई नया समन जारी करने से पहले अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए.” राउज एवेन्यू अदालत ने शनिवार को केंद्रीय एजेंसी द्वारा दायर शिकायत के संबंध में केजरीवाल को दिन भर के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी थी.

केजरीवाल के वकील द्वारा दायर आवेदन में कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 15 फरवरी से शुरू हो गया है और मार्च के पहले सप्ताह तक चलेगा. यह भी कहा गया कि केजरीवाल अदालत के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख 16 मार्च को उपस्थित होंगे.
केजरीवाल समेत आप नेतृत्व आरोप लगाता रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली में उनकी सरकार गिराने और पार्टी को खत्म करने के लिए उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है.

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि अदालत ने भी माना है कि केजरीवाल को ईडी की ओर से भेजा गया समन वैध था और उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए. सचदेवा ने कहा कि यदि केजरीवाल अदालत के बयान के बावजूद ईडी के समन को अवैध बताते हैं तो यह अदालत की अवमानना होगी. इस मामले में अब तक आप नेता सिसोदिया और सिंह के अलावा पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी द्वारा उत्पाद शुल्क नीति मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को नया समन जारी करने की उम्मीद है.

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