महाकुंभ में भगदड़ के बाद मौनी अमावस्या शाही स्नान रद्द…

प्रयागराज: महाकुंभ में भगदड़ के बाद अखाड़ों के शाही स्नान को रद्द दिया है। प्रशासन की अपील के बाद यह फैसला किया गया है। मौनी अमावस्या पर सभी अखाड़ों के साधु-संत शाही स्नान करते हैं। इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ही भोर में चार बजे से शाही स्नान के लिए अखाड़ों को निकलना था और पांच बजे पहले स्नान शुरू हो जाना था। अखाडा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि लोगों की भीड़ को देखते हुए स्नान को रद्द कर दिया गया है।

रविंद्र पुरी ने कहा कि आज जो भगदड़ मची है इसी को देखते हुए फैसला लिया गया है कि आज हम स्नान नहीं करेंगे। पूरे मेला क्षेत्र में करोड़ों श्रद्धालु आए हुए हैं। इसी को देखते हुए सभी से अपील की गई है कि आज का स्नान रद्द कर दिया जाए। अब हम अगला बसंत पंचमी का स्नान करेंगे। रविंद्र पुरी ने कहा कि हमने कल शाम तक सुचारू रूप से व्यवस्था थी।

जब ज्यादा भीड़ आ जाती है तो कभी कभी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। जैसे प्रयागराज में गंगा यमुना सरस्वती का संगम होता है उसी तरह इस समय यहां इस समय पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण सभी का संगम हो रहा है। हम भी बहुत खुश थे। इस समय पूरा दक्षिण भारत प्रयागराज में है।

रविंद्र पुरी ने कहा कि यह अनहोनी होनी थी। अनहोनी को कौन टाल सकता है। इसलिए हमने फैसला लिया है कि आज हम स्नान नहीं करेंगे। जो भी जाने अनजानें में मृत आत्माएं हैं उन्हें शांति मिले। हम यही मां गंगा से प्रार्थना करते हैं। रविंद्र पुरी ने कहा कि हमने ही सभी का आह्वान किया था। इसके लिए किसी पर आरोप लगाएं या जिम्मेदार बताएं यह ठीक नहीं है। हमें सभी का सहयोग करना है। हम लोगों को सभी के हित में फैसला लेना है। इसी के तहत हमने शाही स्नान रद्द किया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि संगम में न जाएं। मौनी अमावस्या पर जहां भी हैं, वहीं पर स्नान कर लें।

इससे पहले महा निर्वाणी और अटल अखाड़े को सुबह 5:00 बजे संगम नोज पर स्नान करना था। दोनों अखाड़े का जुलूस पीपा पुल पार कर चुका था, लेकिन रामघाट से वापस लौट गए। मौनी अमावस्या के शाही स्नान से ठीक पहले रात दो बजे भगदड़ मच गई। सैकड़ों लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। इससे कुछ लोगों की मौत भी हो गई है। हालांकि प्रशासन ने अभी तक किसी के मरने की पुष्टि नहीं की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button