अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों और राष्ट्र के लिए है परिवर्तनकारी सुधार

श्रीनगर/चेन्नई. उत्तरी थल सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को यहां कहा कि अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों और राष्ट्र के लिए एक परिवर्तनकारी सुधार है. साथ ही, इसका लक्ष्य सेना के मानव संसाधन प्रबंधन में भारी बदलाव लाना है. नयी भर्ती योजना पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सेना कमांडर ने कहा कि यह योजना देश भर के युवाओं को चार साल की संक्षिप्त अवधि के लिए अग्निवीर के तौर पर भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर मुहैया कराती है भारत ने थल सेना, नौ सेना और वायु सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए मंलवार को यह योजना पेश की, जो काफी हद तक संक्षिप्त अवधि की अनुबंध आधारित नौकरी है. इसका लक्ष्य बढ़ते वेतन एवं पेंशन बिल में कटौती करना तथा सशस्त्र बलों में युवाओं की संख्या बढ़ाना है.

उन्होंने कहा, ‘‘चार साल की अवधि पूरी करने के बाद अग्निवीर समाज में एक अनुशासित और प्रेरित व्यक्ति के तौर पर तथा कॉरपोरेट एवं उद्योग, केंद्रीय सशस्त्र बलों (सीएपीएफ), रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यमों सहित अन्य क्षेत्रों में अपनी पसंद की नौकरियों के लिए कुशल कार्यबल के तौर पर तौर पर जाएंगे.’’ योजना का लक्ष्य आईटीआई या खास तकनीकी क्षेत्र में आवश्यक कौशल में डिप्लोमाधारी उम्मीदवारों को शामिल कर कौशल भारत पहल का लाभ उठाना है. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि इस योजना का सबसे प्रमुख उद्देश्य एक निर्धारित अवधि में सैनिकों की औसत उम्र 32 वर्ष से घटा कर 26 वर्ष करना और संगठनात्मक जरूरतों को पूरा करना है.

एयर आॅफिसर कमांंिडग-इन-चीफ , वेस्टर्न कमान, एयर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरण ने कहा कि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या यह योजना जम्मू कश्मीर में युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर जाने से रोकेगी. हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि यदि कोई युवा (केंद्र शासित प्रदेश से) इस योजना के तहत सेना में शामिल होता है और चार साल तक हमारे साथ रहता है तो वह एक अलग व्यक्ति के तौर पर (सेना से) बाहर निकलेगा और शायद वह कट्टर की बजाय कहीं अधिक भारतीय होगा.’’ योजना की विभिन्न वर्गों द्वारा आलोचना किये जाने के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर किसी के पास टिप्पणी करने का अधिकार है. उन्होंने कहा, ‘‘जब कुछ बदलाव होता है तो हमेशा ही कुछ शोरशराबा होता है.’’

भारत को तकनीक प्रेमी युवा सशस्त्र बलों की आवश्यकता है : लेफ्टिनेंट जनरल अरुण

दक्षिण भारत एरिया के जनरल आॅफिसर कमांंिडग लेफ्टिनेंट जनरल ए. अरुण ने दावा किया कि आधुनिक युद्ध क्षेत्र का अर्थ तकनीक प्रेमी युवा कार्यबल होने से कहीं अधिक व्यापक है और उन्होंने बुधवार को कहा कि ‘अग्निपथ योजना’ सशस्त्र बलों में अल्प अवधि के लिए युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि समाज और प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए और संगठन को भविष्य के लिए तैयार रखने के मकसद से यह योजना बनायी गयी है.

लेफ्टिनेंट जनरल अरुण ने कहा, ‘‘आधुनिक युद्ध क्षेत्र में एक युवा कार्यबल की आवश्यकता होती है. हमें तकनीक प्रेमी या तकनीक की जानकारी रखनी वाली सशस्त्र सेना और आधुनिक सैनिकों की जरूरत है.’’ युवाओं को रक्षा बलों में भर्ती करने वाली केंद्र सरकार की परिवर्तनकारी योजना ‘अग्निपथ’ के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं, खासतौर से सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले युवाओं की दो दशकों की सेवा के बजाय छोटी अवधि के लिए देश की सेवा करने की इच्छा है.

रक्षा मंत्री राजनाथ ंिसह ने मंगलवार को कहा था कि भारतीय युवाओं को अग्निवीर के तौर पर सशस्त्र सेनाओं में सेवा करने का अवसर मुहैया कराया जाएगा. यह देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लायी गयी एक आमूलचूल परिवर्तन वाली योजना है.

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