एअर इंडिया ने उड़ान के दौरान शराब परोसने संबंधी नीति में किया बदलाव

नयी दिल्ली/मुंबई. विमान में यात्रियों के अभद्र व्यवहार की हालिया घटनाओं के मद्देनजर एअर इंडिया ने अपनी उड़ान के दौरान शराब परोसे जाने संबंधी नीति में बदलाव किया है जिसके तहत चालक दल के सदस्यों से कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर युक्तिपूर्ण ढंग से शराब परोसी जाए.

टाटा समूह के स्वामित्व वाली विमानन कंपनी पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पिछले कुछ दिनों में दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में यात्रियों के अनुचित व्यवहार के लिए चूक पर जुर्माना लगाया गया है. फिलहाल संशोधित नीति में सटीक परिवर्तन का पता नहीं लगाया जा सका.

संशोधित नीति के अनुसार, यात्रियों को चालक दल के सदस्यों द्वारा परोसे जाने तक शराब पीने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और चालक दल के सदस्यों को उन यात्रियों की पहचान करने के लिए चौकस रहना होगा जो अपनी शराब का सेवन कर रहे हों. नीति के अनुसार, ‘‘अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों को उचित और सुरक्षित तरीके से परोसा जाना चाहिए. इसमें मेहमानों को (आगे और) शराब परोसने से मना करना भी शामिल है.’’

एअर इंडिया के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि एयरलाइन ने अन्य विमानन कंपनियों द्वारा अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों, अमेरिकी नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन (एनआरए) के दिशानिर्देशों के आधार पर उड़ान में शराब की पेशकश संबंधी मौजूदा नीति की समीक्षा की है.

बयान में कहा गया, ‘‘ये काफी हद तक एअर इंडिया के मौजूदा तौर-तरीकों के अनुरूप है, हालांकि बेहतर स्पष्टता के लिए कुछ समायोजन किए गए हैं. एनआरए की ट्रैफिक लाइट प्रणाली में चालक दल को नशे के संभावित मामलों को पहचानने और प्रबंधित करने में मदद करने के लिए शामिल किया गया है.’’

कर्मचारी संगठनों ने डीजीसीए से पायलट का निलंबन रद्द करने की अपील की

विमानन क्षेत्र के छह कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच ने मंगलवार को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से एयर इंडिया पेशाब कांड में विमान के प्रमुख पायलट का लाइसेंस निलंबित करने का आदेश रद्द करने की अपील की. विमानन नियामक डीजीसीए ने एयर इंडिया की न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान के दौरान एक यात्री के कथित तौर पर महिला सहयात्री पर पेशाब करने की घटना के संदर्भ में एयरलाइन पर पिछले हफ्ते 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके साथ ही उसने 26 नवंबर, 2022 को हुई इस घटना के संदर्भ में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहने पर एयर इंडिया की उड़ान सेवा निदेशक पर भी तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.

डीजीसीए को भेजे पत्र में संयुक्त मंच ने विभिन्न पहलुओं का हवाला देते हुए डीजीसीए से अपील की कि वह मुख्य पायलट के निलंबन और सख्त सजा को वापस ले ले. अपील करने वाले संगठनों में इंडियन पालयट्स गिल्ड, इंडियन कर्मिशयल पायलट्स एसोसिएशन, एयर कॉरपोरेशन एम्प्लॉइज यूनियन, एयर इंडिया कर्मचारी संगठन, आॅल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन और एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया शामिल हैं. संयुक्त मंच ने यह पत्र ऐसे समय भेजा है जब एयर इंडिया ने कहा कि उसने उक्त मामले में जांच बंद कर दी है. एयरलाइन ने यह भी कहा कि पायलट पर डीजीसीए की कार्रवाई के खिलाफ वह अपील करेगी.

Related Articles

Back to top button