लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए सभी दलों को एकजुट होना चाहिए: जयराम रमेश
मनरेगा को खत्म करने में लगी है सरकार : कांग्रेस
गोड्डा/नयी दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि पार्टी का मानना है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब भी विपक्षी गठंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का हिस्सा हैं और लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला के लिए सभी दलों को एकजुट होना चाहिए.
रमेश का बयान ऐसे समय में आया है जब ममता बनर्जी ने एक दिन पहले शुक्रवार को कहा था कि उन्हें संदेह है कि क्या कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में ”40 सीट भी” हासिल कर पाएगी. गोड्डा में राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के इतर यहां कहा, ”हम मानते हैं कि वह (ममता बनर्जी) 27 दलों के समूह ‘इंडिया’ का अब भी हिस्सा हैं. उनका दावा है कि उनकी प्राथमिकता भाजपा से मुकाबला करना है. हमारी प्राथमिकता भी भाजपा से मुकाबला करना है. मुझे लगता है कि अगर हम सब एकजुट हों तो बेहतर होगा.”
उन्होंने ‘पीटीआई-वीडियो से कहा, ”हम पटना, बेंगलुरु और मुंबई में एक साथ थे लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ हुआ है. पहले शिवसेना अलग हो गई, फिर नीतीश कुमार ने पलटी मारी. अब ममता बनर्जी जी ये टिप्पणियां कर रही हैं. मुझे लगता है कि हमें इसका एहसास होना चाहिए कि यह स्थानीय स्तर का चुनाव नहीं है.” तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, ”मैंने प्रस्ताव दिया कि कांग्रेस 300 सीट पर चुनाव लड़े (देश भर में जहां भाजपा मुख्य विपक्ष है), लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान देने से इनकार कर दिया. अब, वे मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए राज्य में आए हैं. मुझे संदेह है कि यदि वे 300 सीट पर चुनाव लड़ते हैं, तो क्या वे 40 सीट भी जीत पाएंगे.”
मनरेगा को खत्म करने में लगी है सरकार : कांग्रेस
कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को खत्म करने में लगे हुए हैं. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि भाजपा ने पारर्दिशता का बहाना बनाकर कांग्रेस सरकार में शुरू की गई आधार तकनीक को गरीबों के खिलाफ एक हथियार में बदल दिया है.
रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, “मनरेगा 2004 के लोकसभा चुनाव के लिए हमारे घोषणापत्र के मुख्य वादों में से एक था. हमने एक साल के भीतर ही अपना यह वादा पूरा करते हुए 2005 में कानून पारित किया और 2006 के शुरुआत में इसे लागू किया.ह्व उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीण भारत के लिए परिवर्तनकारी साबित हुई है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “पिछले 18 वर्षों के अध्ययन से पता चलता है कि इससे ग्रामीण आय में वृद्धि हुई है, ग.रीबी और भुखमरी में कमी आई है और यह महिलाओं और एससी/एसटी/ओबीसी के श्रमिकों के लिए सबसे ज़्यादा लाभदायक साबित हुआ है.” रमेश के अनुसार, मनरेगा से श्रमिकों को सम्मान मिलता है क्योंकि इसके तहत रोजग़ार अधिकार के रूप में मिलता है, न कि ‘रेवड़ी’ के रूप में, जैसा कि प्रधानमंत्री बोला करते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया, “नरेन्द्र मोदी का मनरेगा श्रमिकों का अपमान करने का एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड है. वह कहते हैं कि इससे सिफ़र् ग.रीबों से गड्ढा खुदवाया जाता है. शायद उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि अपनी मेहनत से मनरेगा श्रमिक भारत के विकास में योगदान दे रहे हैं – वे सिंचाई टैंक, सड़क, नहर, जंगल, बांध और भी बहुत कुछ बना रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “2015 में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह मनरेगा को कांग्रेस की विफलताओं के ‘जीवित स्मारक’ के रूप में जीवित रखेंगे. लेकिन कोविड लॉकडाउन के दौरान उन्हें इसकी कीमत समझ आई होगी, जब मनरेगा ने एक लाख करोड़ से अधिक की आय के साथ पूरे भारत में करोड़ों श्रमिकों को अपनी जीविका चलाने में मदद किया.” रमेश ने दावा किया कि प्रधानमंत्री को एक महामारी के बाद यह एहसास हुआ कि मनरेगा ग्रामीण भारत को फसल के नुक.सान और आर्थिक संकट जैसी आपात स्थितियों के ख.लिाफ़ ‘बैकअप’ प्रदान करता है.
उन्होंने कहा, “यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री को संप्रग की योजनाओं के महत्व का एहसास हुआ है. लॉकडाउन के दौरान, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का भी उन्हें महत्व समझ आया, जिसकी उन्होंने संसद में आलोचना की थी लेकिन पीएम-गरीब. कल्याण योजना के रूप में रीब्रांडिंग करके उसे चलाया जा रहा है. ”
उन्होंने आरोप लगाया, “बेशक, प्रधानमंत्री के पूंजीपति मित्र मनरेगा से खुश नहीं हैं और प्रधानमंत्री अपने अहंकार में कांग्रेस की योजनाओं को ध्वस्त करने के लिए कुछ भी करने की कोशिश करेंगे, भले ही इससे ग.रीबों का नुक.सान ही क्यों न हो. यही कारण है कि वह मनरेगा को ख.त्म करने में लगे हैं.” रमेश का कहना था, “पिछले कुछ वर्षों में मनरेगा के लिए बजट में बार-बार कटौती की गई है. 2023-24 में यह जीडीपी का 0.25 प्रतिशत था, जो कि इसके इतिहास में सबसे कम था.” उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने पारर्दिशता का बहाना बनाकर कांग्रेस सरकार में शुरू किए गए आधार तकनीक को ग.रीबों के ख.लिाफ़ एक हथियार में बदल दिया है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “भाजपा ने जनवरी 2024 से प्रत्येक मनरेगाकर्मी के लिए आधार-आधारित भुगतान प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है. हालांकि, 35 प्रतिशत पंजीकृत श्रमिक इसके तहत भुगतान प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं.” रमेश ने दावा किया, “पिछले कुछ वर्षों में 7 करोड़ जॉब कार्ड डिलीट किए गए हैं. राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन भारत के कई हिस्सों में डेटा कनेक्शन उपलब्ध नहीं है, और कई लोगों के पास स्मार्टफ़ोन नहीं हैं.” उन्होंने कहा, “जैसा कि राहुल गांधी ने कहा है, श्रमिक न्याय कांग्रेस पार्टी के विज़न (दृष्टिकोण) का एक मुख्य हिस्सा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा का अभिन्न अंग है. हम भारत के श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे, जो इस देश को लगातार मजबूत करने के काम में लगे हैं.”