भाषा विवाद के बीच कमल हासन ने कहा, प्रेम कभी माफी नहीं मांगता

अहंकार स्टारडम का साथी है, जमीन से जुड़े रहना मुश्किल होता है: कमल हासन

तिरुवनंतपुरम/बेंगलुरु/नयी दिल्ली. अभिनेता-नेता कमल हासन ने हाल ही में की गई टिप्पणी पर कर्नाटक में मचे बवाल के बीच बुधवार को स्पष्ट किया कि कन्नड़ पर उनकी टिप्पणी प्यार से प्रेरित थी और ”प्रेम कभी माफी नहीं मांगता.” अभिनेता की प्रतिक्रिया, जिसे उन्होंने “उत्तर” नहीं बल्कि “स्पष्टीकरण” बताया, कर्नाटक में कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा उनकी “तमिल ने कन्नड़ को जन्म दिया” टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताने तथा अन्यथा उनकी आगामी फिल्म “ठग लाइफ” की रिलीज रोकने की मांग के मद्देनजर आई है.

हासन ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिन लोगों ने उनके बयानों पर विवाद खड़ा किया, वे ”मुद्दे को उलझा रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि मैंने जो कहा, वह बहुत प्यार से कहा. और बहुत से इतिहासकारों ने मुझे भाषा का इतिहास पढ.ाया है…मेरा कुछ और मतलब नहीं था.” उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु ऐसा अनोखा राज्य है जो किसी के लिए भी खुला है.

हासन ने कहा, ”मैं आपको बता दूं, तमिलनाडु हर किसी के लिए खुला है. मैं यह नहीं कहता कि ऐसा कोई दूसरा राज्य नहीं है. लेकिन यह बहुत ही खास राज्य है जहां मेनन (एमजी रामचंद्रन)…रेड्डी (ओमांदुर रामासामी रेड्डीयार) हमारे मुख्यमंत्री रहे हैं, तमिलियन (एम करुणानिधि) हमारे मुख्यमंत्री रहे हैं और फिर मांड्या से कन्नड़ अयंगर हमारी मुख्यमंत्री रही हैं.” कन्नड़ अयंगर का संदर्भ दिवंगत जयललिता से था.

हासन ने कहा, ”जब कर्नाटक से आने वाली मुख्यमंत्री (जयललिता) से कोई समस्या आई, तो कर्नाटक ने ही मुझे समर्थन दिया. कन्नड़ लोगों ने कहा कि यहां आओ, हम तुम्हें घर देंगे, कहीं मत जाओ. इसलिए लोग ‘ठग लाइफ’, कमल हासन का ख्याल रखेंगे….” हासन ने कहा कि उनके समेत तमाम राजनीतिक नेता भाषाओं के बारे में बात करने के योग्य नहीं हैं, क्योंकि उनके पास ”इसके बारे में बात करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है.” उन्होंने कहा, ”इसलिए हम इस गहन चर्चा को इतिहासकारों, पुरातत्वविदों और भाषा विशेषज्ञों पर छोड़ देते हैं.” अभिनेता ने कहा कि भाषा के बारे में उन्होंने जो बयान दिया वह प्रेम से प्रेरित था और ”हम एक परिवार हैं और भाषाएं भी एक परिवार हैं.”

हासन ने कहा, ”अगर आप इसे उत्तरी दृष्टिकोण से देखें, तो उनके अनुसार यह सही है, अगर आप इसे थेनकुमारी (दक्षिण) से देखें, तो मैं जो कहता हूं वह सही है. इसका एक तीसरा पहलू भी है-विद्वान, भाषा विशेषज्ञ, वे कहेंगे कि दोनों सही हैं, लेकिन उन्हें यह तय करना होगा कि वे कहां रहना चाहते हैं, अपने परिवार के साथ या उत्तर से आई भाषाओं के साथ.” हासन ने कहा, ” यह आप पर निर्भर है, यह एक लोकतांत्रिक देश है. यह कोई जवाब नहीं है यह स्पष्टीकरण है. प्रेम कभी माफी नहीं मांगता.”

हासन की कन्नड़ पर टिप्पणी से कर्नाटक में विवाद, अभिनेता पर प्रतिबंध लगाने पर फैसला लेगा फिल्म संघ

कर्नाटक में कन्नड़ समर्थक समूहों ने बुधवार को अभिनेता कमल हासन के खिलाफ उनके ”कन्नड़ भाषा तमिल से उत्पन्न हुई है’ वाले बयान के लिए विरोध जताया और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. वहीं दूसरी ओर एक फिल्म संघ दिग्गज अभिनेता की आगामी फिल्म ”ठग लाइफ” के रिलीज होने से पहले उन पर संभावित प्रतिबंध लगाने पर चर्चा करेगा. इस फिल्म का निर्देशन मशहूर फिल्म निर्माता मणिरत्नम ने किया है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि कन्नड़ भाषा का इतिहास बहुत पुराना है और हासन को इसकी जानकारी नहीं है. ‘कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स’ (केएफसीसी) के अध्यक्ष एम नरसिम्हलु ने कहा कि उन्होंने हासन पर संभावित प्रतिबंध पर चर्चा के लिए कन्नड़ फिल्म उद्योग के सभी हितधारकों के साथ बैठक बुलाई है.

नरसिम्हलु ने कहा, ”हम कल बैठक करेंगे और दोपहर तक दुनिया को फैसले से अवगत कराएंगे.” हासन ने चेन्नई में अपनी आगामी फिल्म ‘ठग लाइफ’ के ऑडियो जारी होने के दौरान हाल में कहा था कि ”कन्नड़ भाषा तमिल से उत्पन्न हुई है”. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कमल हासन पर अपनी मातृभाषा का महिमामंडन करने के प्रयास में कन्नड़ का ‘अनादर’ करने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी मांग की कि अभिनेता ”कन्नड़ लोगों से तुरंत बिना शर्त माफी मांगें”.

इस टिप्पणी से कन्नड़ समर्थक कई संगठनों में आक्रोश फैल गया है. इन समूहों ने राज्य के बेलगावी, मैसूर हुबली, बेंगलुरु समेत कई जगहों पर हासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि कन्नड़ का इतिहास हजारों साल पुराना है. अपनी नाराजगी का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने बेलगावी और कुछ अन्य जगहों पर कमल हासन के पोस्टर जलाए और उनके खिलाफ नारे लगाए. हासन के बयान की निंदा करते हुए प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि वह राज्य के लोगों से माफी मांगें.

उन्होंने यहां तक ?धमकी दी है कि अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो राज्य में उनकी फिल्म ‘ठग लाइफ’ की स्क्रीनिंग में बाधा डाली जाएगी. कन्नड़ समर्थक संगठन ‘कर्नाटक रक्षणा वेदिके’ ने हासन की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ बेंगलुरु पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. अधिकारियों ने बताया कि प्रवीण शेट्टी के नेतृत्व वाले संगठन ने यहां आर टी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराकर अभिनेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

अहंकार स्टारडम का साथी है, जमीन से जुड़े रहना मुश्किल होता है: कमल हासन
अपने 65 साल से ज़्यादा लंबे फिल्मी करियर में कमल हासन ने अभिनय, निर्देशन, पटकथा लेखन, कोरियोग्राफी और यहां तक कि मेकअप में भी हाथ आजमाए और वह सब कुछ किया, जो एक कलाकार करना चाहता है. क्या कुछ करना बाकी है? हमें लग सकता है कि बहुत कुछ. लेकिन, वह (पूरी ईमानदारी से) कहते हैं कि उन्होंने किसी समय सीखना बंद कर दिया था. जब इसकी वजह पूछी गई तो उनका जवाब था, “लोभ” की वजह से.

हासन का कहना है कि ज्यादा पैसे का लालच उनके रास्ते में आ गया. हासन ने इसी सप्ताह ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “मुझे पैसा पसंद है. मैं चाहता हूं कि यह मेरे पास रहे.” जीवन, फिल्मों, विचारों, विरासत और अपनी कमजोरियों के बारे में खुलकर बात करते हुए हासन एक फिल्म स्टार के जीवन के अंर्तिनहित विरोधाभासों को स्वीकार करते हैं : उन्हें “बेशुमार दर्शकों” से मिले प्रेम की खुशी है तो वास्तविक प्रशंसा या ईमानदारीपूर्वक आलोचना न होने का अफसोस भी है. उन्होंने यह सब बहुत अच्छी तरह महसूस किया है, क्योंकि वह लगभग पूरी ज.दिंगी फिल्मों की दुनिया में ही गुजार चुके हैं. वह सिर्फ तीन साल के थे जब उन्हें एक तमिल फिल्म में काम करने का मौका मिला. तब से, कुछ अंतरालों को छोड़कर, 70 वर्षीय अभिनेता लगातार बदलते समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए खुद को नया रूप दे रहे हैं.

उस असाधारण सी शुरुआत और इतनी सारी उपलब्धियों के बाद, क्या उनका खुद की पीठ थपथपाकर ‘शाबाश कमल’ कहने का मन करता है? इस पर हासन के जवाब से यह स्पष्ट हो जाता है कि वह सफलता को अस्थायी मानते हैं. समाचार एजेंसी के मुख्यालय में हुए साक्षात्कार में हासन ने कहा, “मेरे पसंदीदा लेखक जयकांतन ने कहा है कि ‘एक बार जब आप एवरेस्ट पर चढ़ जाते हैं, तो शीर्ष पर ही न बने रहें क्योंकि वहां (रहने के लिए) कोई जगह नहीं है. फिर आप उससे चिपके रहेंगे और किसी और को उस पर चढ़ने नहीं देंगे. और आप सचमुच ओझल हो जाते हैं, क्योंकि आप लोगों के केंद्र में नहीं होते हैं.” उन्होंने कहा कि शीर्ष पर पहुंचकर अकेलापन भी महसूस हो सकता है. ह्लअपूर्व रागंगल”, ह्लनायकन”, ह्लथेवर मगन”, ह्लसदमा”, ह्लपुष्पक विमान” और ह्लचाची 420″ जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय करने वाले हासन की आने वाले दिनों में फिल्म ह्लठग लाइफ” रिलीज होने वाली है, जिसका निर्देशन मणिरत्नम ने किया है. फिल्म 5 जून को कई भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.

दक्षिण भारतीय फिल्मों के कई अन्य सितारों की तरह राजनीतिक पार्टी शुरू करने वाले हासन ने कई फिल्मों का निर्देशन भी किया है, जिनमें “हे राम” और “विश्वरूपम” शामिल हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि फिल्मी सितारों का जीवन आसान नहीं होता क्योंकि उनके करीबी लोग हमेशा उन्हें ऊपर उठाने की कोशिश करते हैं और उनके “पैर जमीन पर नहीं पड़ने देते.” उन्होंने कहा, “सिनेमा की खूबसूरती यह है कि आपको यहां अनगिनत दर्शकों का तो भरपूर प्यार मिलता है, लेकिन यह आपको उन लोगों से दूर भी ले जाता है, जो आपके सफलता की ओर बढ़ने के दिनों के गवाह होते हैं. ऐसे में आप ऐसे लोगों से खुद को दूर कर लेते हैं और अहंकार आ जाता है. आप न तो उनसे आलोचना और न ही तारीफ सुनना चाहते हैं.” भारतीय सिनेमा के 120 साल के इतिहास में आधे से ज़्यादा समय तक फ.ल्मि उद्योग से जुड़े रहने वाले हासन अपनी उपलब्धियों को कम आंकते हैं और अपने करियर के शुरुआती सालों के बारे में बहुत ही बेबाकी से बात करते हैं.

उन्होंने कहा, “अपने काम के शेड्यूल की वजह से मैंने और गुरुओं की तलाश बंद कर दी. मुझे लगता है कि पैसे के लालच ने मुझे सीखने से रोक दिया. नहीं तो, मैं और ज्यादा सीख सकता था….” उन्होंने कहा कि अमीरी वह चीज है जिसका लोग 20 साल की उम्र में सपना देखते हैं और वह भी ऐसे ही थे.

हासन ने कहा, “मैं जोखिम उठाकर काफी समय तक उस रास्ते पर चलता रहा. फिर मैंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की. सौभाग्य से, मैंने 30 साल की उम्र से पहले ही ऐसा कर लिया. यह एक जोखिम भरा काम था.” क्या हासन चाहते हैं कि 2075 में सिनेमा के इतिहास की किताब पढ़ने वाला कोई व्यक्ति उनके बारे में पढ़े? इस पर उन्होंने कहा कि इतिहास की किताबों में उनका उल्लेख तो दूर की बात है, अगर 50 साल बाद कोई उन्हें याद भी करे तो वह आभारी होंगे.

उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि उन्हें मेरा नाम याद रहेगा. वे किसी और व्यक्ति के साथ मेरी तुलना करेंगे, और मुझे बिना किसी कारण श्रेय मिल जाएगा.” हासन का जन्म महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित एक वकील पिता के घर हुआ था. उन्होंने अपने बच्चों का उपनाम बदलकर ‘हासन’ रख दिया. हासन ने कहा कि वह खुद को “एक असाधारण और प्रतिभाशाली बच्चा” मानते थे.

उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी आत्मसंतुष्टि थी जो सात या आठ साल की उम्र में दूर हो गई. मुझे एहसास हुआ कि कई और प्रतिभाशाली बच्चे हैं, जिनके सामने मैं कुछ नहीं हूं.” वह बताते हैं कि सिनेमा में आने के बाद उन्होंने रंगमंच का रुख किया जहां उनकी मुलाकात कई प्रतिभाशाली लोगों से हुई. उन्होंने कहा, “पहले तो मैं हीन भावना से ग्रस्त था, लेकिन फिर उन्होंने मुझे स्वीकार कर लिया और मुझे एहसास हुआ कि मुझे बहुत कुछ सीखना है.” हासन फिलहाल ‘ठग लाइफ’ के प्रचार में व्यस्त हैं. यह 38 साल पहले आई ‘नायकन’ के बाद मणिरत्नम के साथ उनकी दूसरी फिल्म है.

हासन ने कहा कि 230 से ज्यादा फिल्मों के करियर में सिर्फ एक दर्जन फिल्में ही ऐसी हैं जिन्हें वह अपनी सर्वश्रेष्ठ फ.ल्मिें मानते हैं. इनमें “सागर संगमम” और “नायकन” शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वह आज भी इन फिल्मों को बहुत पसंद करते हैं.
क्या हमेशा व्यस्त रहने वाले इस स्टार ने कभी पीछे हटने के बारे में सोचा है? इस पर उन्होंने कहा, “इस बारे में उम्र फैसला करेगी, उपलब्धियां नहीं. हो सकता है कि उपलब्धियां आपको सही जवाब न दे पाएं. लेकिन उम्र आपको बता देगी, मैंने अभी कुछ तय नहीं किया है.”

अभिनेता कमल हासन को कन्नड़ के प्राचीन इतिहास की जानकारी नहीं: सिद्धरमैया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि कन्नड़ भाषा का इतिहास बहुत पुराना है और अभिनेता कमल हासन को इसकी जानकारी नहीं है. मुख्यमंत्री ने यह बयान हासन की हाल की उस टिप्पणी के जवाब में दिया है, जो उन्होंने चेन्नई में अपनी आगामी फिल्म ‘ठग लाइफ’ का ऑडियो जारी किए जाने के मौके पर दी थी. हासन ने दावा किया था कि ‘कन्नड़ भाषा तमिल से उत्पन्न हुई है’. सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, ”कन्नड़ भाषा का इतिहास बहुत पुराना है….वह (कमल हासन) नहीं जानते.”

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