मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच प्रियंक खरगे ने राहुल गांधी से मुलाकात की खबरों को नहीं दी तवज्जो

बेंगलुरु: कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने बुधवार को उन खबरों को तवज्जो नहीं दी कि उन्होंने हाल में एक मुलाकात के दौरान राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर शीर्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ चर्चा की और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया तथा उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को राहुल गांधी का संदेश बता दिया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने के मुद्दे पर निर्णय लेगा और स्थिति स्पष्ट करेगा। प्रियंक ने कहा कि उन्होंने गांधी से एआई-संचालित पर्सनल कंप्यूटर केईओ के बारे में जानकारी देने के लिए मुलाकात की और राज्य में “वोट चोरी” मामलों पर चर्चा की। केईओ को हाल में बेंगलुरु टेक समिट के दौरान लॉन्च किया गया था।

कांग्रेस सरकार के 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंचने के बाद सत्तारूढ़ दल के भीतर सत्ता को लेकर खींचतान तेज हो गई है। इसके तहत 2023 में सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार से जुड़े एक कथित “सत्ता-साझाकरण” समझौते का हवाला दिया जा रहा है।

खबरों के अनुसार, प्रियंक ने सिद्धरमैया और शिवकुमार दोनों को राहुल गांधी के संदेश से अवगत करा दिया और इस मुद्दे को सुलझाने के इरादे से उन्हें जल्द ही बैठक के लिए नयी दिल्ली बुलाया जा सकता है। प्रियंक ने एक सवाल पर कहा, “मीडिया में चर्चा है…यदि राहुल गांधी से नहीं मिलूंगा तो क्या मैं मोहन भागवत (आरएसएस प्रमुख) से मिलूंगा? क्या मैं अपनी बैठक के बारे में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को रिपोर्ट किए बिना केशव कृपा (आरएसएस राज्य मुख्यालय) को रिपोर्ट करूंगा? राहुल गांधी को बेंगलुरु टेक समिट के लिए आमंत्रित किया गया था, वह नहीं आ सके।

मैंने अपना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर्सनल कंप्यूटर दिखाने के लिए उनसे समय मांगा था।” पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को एआई पर्सनल कंप्यूटर के बारे में जिज्ञासा थी, इसलिए उन्होंने समय दिया था। मैं उनसे मिला और उन्हें जानकारी दी।” राज्य के घटनाक्रम पर राहुल गांधी को रिपोर्ट सौंपने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर प्रियंक खरगे ने कहा, “यह सब किसने कहा? केवल हम दोनों वहां थे…आलाकमान वहां हैं और वे निर्णय लेंगे। मैं इस मुद्दे पर क्यों बोलूं?” यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी ने उनसे घटनाक्रम के बारे में कुछ पूछा, प्रियंक ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने पूछा तो क्या इसे मीडिया के साथ साझा किया जा सकता है?’’

प्रियंक ने बुधवार रात शिवकुमार से मुलाकात की थी। मंत्री ने नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी में किसी भी प्रकार के भ्रम की स्थिति से इनकार किया और कहा कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, कांग्रेस प्रमुख और मंत्रियों सहित सभी ने लगातार कहा है कि पार्टी आलाकमान इस मामले पर निर्णय लेगा और सभी उसका पालन करेंगे।

सिद्धरमैया के इस बयान पर कि आलाकमान को सभी भ्रम को समाप्त कर देना चाहिए, उन्होंने कहा, “जब समय आएगा, वे ऐसा करेंगे। भ्रम भाजपा और मीडिया में है, कांग्रेस में नहीं।” प्रियंक ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को अपनी यात्रा के बारे में जानकारी दी, जैसा कि किसी भी यात्रा के बाद हमेशा किया जाता है। उन्होंने कहा कि अलंद, महादेवपुरा में “वोट चोरी” के मामलों पर चर्चा हुई और भविष्य में इस बारे में क्या करना है, इस पर चर्चा हुई, इसके अलावा कुछ नहीं।

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