अनुराग ठाकुर ने सीएए पर कहा : ‘ क्या विपक्षी दलों में इंसानियत मर गयी है?’

चंडीगढ़/हैदराबाद. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को हैरानी जताते हुए कहा कि विपक्षी दल पड़ोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनने पर क्यों तुले हुए हैं, जिन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) से लाभ मिलेगा. सीएए लागू किये जाने पर विपक्ष द्वारा सरकार की आलोचना को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”क्या विपक्षी दलों में इंसानियत मर गयी है? प्रताड़ित किये गये शरणार्थी हिंदू परिवार कहां जाएंगे? उनके साथ दिनदहाड़े दुष्कर्म हो रहा है. उन्हें शादी के लिए मजबूर किया जाता है और उन्हें धर्मांतरण का सामना करना पड़ता है.”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, ”अगर मोदी सरकार नहीं होती तो अफगानिस्तान में गुरु ग्रंथ साहिब और सिखों को अत्याचारों से कौन बचाता.” नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की अनुमति देता है. ठाकुर ने कहा कि सीएए लागू होने से पिछले 70 वर्षों से नागरिकता का इंतजार कर रहे लोगों को फायदा होगा.

ठाकुर ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन का अहंकारी चेहरा उजागर कर दिया है. ठाकुर ने कहा, ”ममता बनर्जी ने न तो कांग्रेस से परामर्श किया और न ही राहुल गांधी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुईं. उन्होंने खुद ही पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी.” मंत्री ने कहा कि वाम दलों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सीट वायनाड से भी अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी पहले ही गायब हो चुकी है और पंजाब में उसे आम आदमी पार्टी (आप) को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने सीएए के जरिये हिंदू, जैन और सिख शरणार्थियों को सम्मानित किया : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के जरिये हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन शरणार्थियों को नागरिकता देकर सम्मानित किया है. यहां भाजपा सोशल मीडिया स्वयंसेवकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने तुष्टिकरण और वोट-बैंक की राजनीति के कारण सीएए का विरोध किया.

शाह ने सीएए लागू करने को जायज ठहराते हुए कहा, ”हमने कहा था कि हम सीएए लाएंगे. कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध किया.” उन्होंने कहा, ”आजादी के बाद कांग्रेस और हमारे संविधान निर्माताओं का यह वादा था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर सताये गए लोगों को भारत आने पर नागरिकता प्रदान की जाएगी, लेकिन तुष्टीकरण और वोट-बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध किया.”

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लाखों-करोड़ों लोग अपनी आस्था और सम्मान को बचाने के लिए भारत आए लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं दी गई. उन्होंने कहा, ” नागरिकता नहीं मिलने से उन्होंने अपने देश में खुद को अपमानित महसूस किया.” शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीएए के जरिए हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख शरणार्थियों को नागरिकता देकर उनका सम्मान किया है.
शाह ने अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त करने, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, तीन तलाक को खत्म करने और देश के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने जैसी मोदी सरकार की कुछ उपलब्धियों को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक की राजनीति के कारण राम मंदिर मुद्दे को 70 वर्षों तक लटकाया और प्राण प्रतिष्ठा समोराह का बहिष्कार किया. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित किया.

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