अश्विन ने शमी का समर्थन किया, पूछा ‘मांकडिंग’ को लेकर इतनी हिचकिचाहट क्यों

अश्विन चाहते हैं, ओस के असर को कम करने के लिये वनडे विश्व कप मैच 11:30 बजे शुरू हों

नयी दिल्ली. भारत के स्टार आॅफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि यह देखना हैरानी भरा है कि आउट करने के ‘मांकडिंग’ के तरीके को लेकर इतनी ‘आपत्तियां’ हैं और उन्होंने पूछा कि गेंदबाजों से हमेशा इतना अलग व्यवहार क्यों किया जाता है. अनुभवी भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने 10 जनवरी को गुवाहाटी में शुरूआती वनडे के दौरान दासुन शनाका को ‘नॉन स्ट्राइकर’ छोर पर रन आउट की कोशिश की जब यह बल्लेबाज क्रीज छोड़कर आगे बढ़ गया था.

हालांकि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने हस्तक्षेप किया और शमी की अपील को वापस ले लिया जिससे शनाका अपना शतक पूरा करने में सफल रहे क्योंकि अपील के समय पर 98 रन पर थे. अश्विन इस तरीके से आउट करने के मुखर समर्थक हैं और शनिवार को उन्होंने शमी का समर्थन करते हुए कहा कि यह अंपायर का काम है कि बल्लेबाज को आउट घोषित करें.

अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘निश्चित रूप से शमी द्वारा रन आउट करना, जब शनाका 98 रन पर थे तो शमी ने उन्हें ‘नॉन स्ट्राइकर’ छोर पर रन आउट कर दिया था और इसकी अपील भी की थी. रोहित ने वो अपील वापस ले ली. इसके तुरंत बाद इतने सारे लोगों ने इस बारे में ट्वीट किया. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा एक ही बार दोहराता रहूंगा. खेल की स्थिति कोई मायने नहीं रखती. यह आउट करने का वैध तरीका है. ’’ मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रोहित ने कहा कि उन्होंने शनाका के खिलाफ यह अपील इसलिये वापस ली थी क्योंकि श्रीलंकाई कप्तान 98 रन पर थे.

शनाका बाद में 108 रन बनाकर नाबाद रहे और श्रीलंकाई टीम 67 रन से मैच हार गयी. अश्विन ने कहा, ‘‘अगर आप पगबाधा अपील या फिर विकेट के पीछे कैच आउट की अपील करते हो, कोई भी कप्तान से नहीं पूछता कि वे इस अपील के बारे में निश्चित हैं या नहीं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर गेंदबाज अपील करता है तो वे उसे आउट दे देंगे और बात खत्म. देखिये अगर एक भी क्षेत्ररक्षक अपील करता है, तो यह अंपायर का कर्तव्य है कि वे खिलाड़ी को आउट करें, अगर वह आउट है तो. ’’

अश्विन ने कहा, ‘‘इसलिये मुझे इस तरीके (मांकंिड़ग) से आउट करने को लेकर जो इतनी सारी हिचकिचाहट हैं, उसे देखकर हैरानी होती है. लेकिन आउट करने का पूरा तरीका, इस पर निर्भर करता है कि गेंदबाज क्या करता है, ठीक है ना. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये आउट करने का तरीका या अपील करना या फिर फैसला करना, गेंदबाज पर ही निर्भर है ना. ’’

अश्विन ने कहा, ‘‘कई सारे मैचों में एक बल्लेबाज बल्ला छुआ देता है और अंपायर के फैसले का इंतजार किये बिना ही पवेलयन लौटने लगता है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस समय पर, बल्लेबाजी टीम का कप्तान नहीं आता और पूछता, ‘‘तुम किसकी अनुमति से क्रीज छोड़कर पवेलियन की ओर चल दिये? क्या तुम टीम को भूल गये. वापस जाओ और खेलना जारी रखो’’. ’’ अश्विन ने कहा, ‘‘गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिये इतने सारे अलग अलग तरह के बर्ताव इतने सारे वर्षों से होते रहे हैं. ’’

अश्विन चाहते हैं, ओस के असर को कम करने के लिये वनडे विश्व कप मैच 11:30 बजे शुरू हों

भारत के सीनियर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को लगता है कि इस साल के अंत में घरेलू मैदान में होने वाले वनडे विश्व कप के मैच दिन के शुरूआती हिस्से में (सुबह 11:30 बजे) में आरंभ हो जाने चाहिए ताकि ओस के असर को कम किया जा सके. उपमहाद्वीप में ओस के कारण मैच प्रभावित होते रहे हैं जिससे लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को अनुचित फायदा मिल जाता है. ओस की संभावना के चलते टॉस जीतने वाला कप्तान क्षेत्ररक्षण का फैसला करता है.

अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘विश्व कप के लिये मेरा सुझाव या फिर मेरी राय होगी कि देखिये हम किस जगह पर खेल रहे हैं और किस समय खेल रहे हैं. हमें विश्व कप के दौरान मैच सुबह साढ़े 11 बजे क्यों नहीं शुरू कर देने चाहिए? ’’ भारत में दिन-रात्रि वनडे दोपहर 1:30 बजे शुरू होते हैं और करीब रात नौ बजे के बाद तक खत्म होते हैं.

अश्विन का मानना है कि ओस के कारण बेहतरीन टीमों के कौशल का अंतर दिखायी नहीं देता. इस 36 साल के आॅफ स्पिनर ने अपनी बात को साबित करने के लिये भारत और श्रीलंका के बीच पहले वनडे का उदाहरण दिया. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने सात विकेट पर 373 रन बनाये जबकि श्रीलंकाई टीम ने आठ विकेट पर 306 रन बनाये.

अश्विन ने कहा कि जीत का अंतर इस मैच में दिखायी नहीं दिया जबकि भारतीय टीम ने मैच में दबदबा बनाया था. उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने धीमी पिच पर अच्छी बल्लेबाजी की और बेहतरीन स्कोर बनाया. फिर भी उन्हें मशक्कत करनी पड़ी. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘टीमों के बीच कौशल का अंतर साफ नहीं दिखता, ओस से यह अंतर कम हो रहा है. ’’ भारत में ओस से मैचों के परिणाम पर इतना बड़ा असर डालने के बावजूद मैच का समय भारतीय उपमहाद्वीप में ‘टीवी के दर्शकों’ को ध्यान में रखते हुए रखा जाता है.

अश्विन ने कहा, ‘‘कहते हैं कि लोग इस समय टीवी नहीं देखेंगे लेकिन बताईये क्या वे विश्व कप के मैच नहीं देखेंगे? ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाल में टी20 विश्व कप भी र्सिदयों में कराया गया था. यह आदर्श स्थिति नहीं है झ्र टी20 तेजी से खेला जाने वाला मैच है, आप इसे र्सिदयों में कैसे खेल सकते हो? लोग कहेंगे कि आस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं था, लेकिन हमें विश्व कप को प्राथमिकता देनी चाहिए. ’’ भारत में 50 ओवर का विश्व कप अक्टूबर-नवंबर में होगा और इसमें ओस सामान्यत: होगी ही और जैसे जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा इसका असर भी बढ़ता जायेगा.

उन्होंने कहा, ‘‘आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) बहुत अच्छी तरह जानती है कि उस समय ओस होगी इसलिये मैचों का समय शुरू में कर देना चाहिए और अगर हम सुबह साढ़े 11 बजे शुरू करते हैं तो मैच में ओस नहीं होगी तो ऐसा क्यों नहीं करते? ’’ अश्विन ने कहा, ‘‘तो क्या सभी क्रिकेट प्रशंसक विश्व कप को प्राथमिकता नहीं देंगे और मैच साढ़े 11 बजे नहीं देखेंगे? ’’

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