‘विश्वासघातियों’ को सड़क पर घूमने लायक नहीं होना चाहिए: संजय राउत

मुंबई. शिवसेना नेता संजय राउत ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी धड़े के खिलाफ आक्रामक टिप्पणी करते हुए मंगलवार को कहा कि जिन लोगों ने पार्टी नेतृत्व से विश्वासघात किया है, उन्हें इधर-उधर घूमने-फिरने में सक्षम नहीं होना चाहिए. मुंबई में अलीबाग में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘विश्वासघाती सड़कों पर घूमने में सक्षम नहीं होने चाहिए.’’ राउत ने उस दावे को लेकर पार्टी के बागी विधायकों की खिंचाई की, जिसमें कहा गया है कि वे पार्टी की दुत्व की छवि को बचाने के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बागी विधायकों में से आधे से अधिक पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में थे.

इस बीच, बागी विधायकों और उनके नेता तथा महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के वैचारिक रूप से समान पार्टी भाजपा से अलग होने और राकांपा तथा कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के फैसले का उन्होंने समर्थन नहीं किया था. जनसभा में राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले बागी विधायक कह रहे हैं कि उनका मकसद पार्टी संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा परिकल्पित ‘दुत्व’ की रक्षा करना है.

उन्होंने कहा, ‘‘बागी विधायकों में से 20 राष्ट्रवादी कांग्रेस से शिवसेना में आए हैं. वे किस दुत्व की बात कर रहे हैं? बालासाहेब ठाकरे का विरोध करने वालों ने अपना करियर बर्बाद कर लिया.’’ गुवाहाटी में डेरा डाले शिंदे गुट के अनुसार, उसे शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. राउत ने अलीबाग से पार्टी विधायक महेंद्र दलवी के शिंदे खेमे में शामिल होने का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘बैल’’ बदलने का समय आ गया है.

उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस और राकांपा के साथ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन बन रहा था, तब उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे. शिवसेना सांसद ने कहा कि अगर शिंदे अभी भाजपा से हाथ मिलाते हैं, तो वह केवल उपमुख्यमंत्री बनेंगे.

राउत ने आरोप लगाया कि तब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादा किया था, लेकिन बाद में वादा तोड़ दिया. राउत ने कहा कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले ठाकरे ने ‘शीर्ष पद सहित मंत्री पद बंटवारे पर 50-50 फार्मूले’ की मांग की थी. उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने इसका विरोध किया, इसलिए शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने का अवसर खो दिया.

राउत ने कहा कि 20 बागी विधायक राकांपा से शिवसेना में आए थे, वे दुत्व की बात नहीं कर सकते मुंबई, 28 जून (भाषा) शिवसेना सांसद संजय राउत ने उस दावे को लेकर पार्टी के बागी विधायकों की खिंचाई की है, जिसमें कहा गया है कि वे पार्टी की दुत्व की छवि को बचाने के लिए लड़ रहे हैं. राउत ने मंगलवार को कहा कि बागी विधायकों में से आधे से अधिक पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में थे.

इस बीच बागी विधायकों और उनके नेता तथा महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के वैचारिक रूप से समान पार्टी भाजपा से अलग होने और राकांपा तथा कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के फैसले का उन्होंने समर्थन नहीं किया था. मुंबई के पास अलीबाग में एक जनसभा में राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले बागी विधायक कह रहे हैं कि उनका मकसद पार्टी संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा परिकल्पित ‘दुत्व’ की रक्षा करना है.

उन्होंने कहा, ‘‘बागी विधायकों में से 20 राष्ट्रवादी कांग्रेस से शिवसेना में आए हैं. वे किस दुत्व की बात कर रहे हैं? बालासाहेब ठाकरे का विरोध करने वालों ने अपना करियर बर्बाद कर लिया.’’ गुवाहाटी में डेरा डाले शिंदे गुट के अनुसार उसे शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. राउत ने अलीबाग से पार्टी विधायक महेंद्र दलवी के शिंदे खेमे में शामिल होने का जिक्र करते हुए कहा कि ‘बैल’ बदलने का समय आ गया है.

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