‘भारत जोड़ो’ यात्रा: 60 कंटेनर में रात्रि विश्राम करेंगे राहुल और अन्य यात्री

कन्याकुमारी. कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा में शामिल राहुल गांधी और अन्य यात्री कुल 60 कंटेनर में रात्रि विश्राम करेंगे तथा प्रतिदिन इन कंटेनर को ट्रक के जरिये दूसरे स्थान पर ले जाया जाएगा. पार्टी महासचिव जयराम रमेश के अनुसार राहुल गांधी समेत कुल 230 लोगों ने सात सितंबर को 60 कंटेनर में रात्रि विश्राम किया था.

उन्होंने कहा कि इन कंटेनर में दो, चार, छह और 12 बिस्तर तक लगाए गए हैं तथा ‘मोबाइल टॉयलेट’ की व्यवस्था की गई है.
उन्होंने बताया कि रोजाना इन कंटेनर को ट्रकों के माध्यम से उस निर्धारित स्थान पर पहुंचाया जाएगा जहां यात्रा में शामिल लोग रात्रि विश्राम करेंगे.

रमेश के मुताबिक, भारत जोड़ो यात्रा के लिए कुल 60 कंटेनर तैयार किए गए हैं और सात सितंबर को यात्रा की शुरुआत के पहले दिन राहुल गांधी समेत कुल 230 लोग ठहरे थे. उन्होंने कहा कि इनमें 118 ‘भारत यात्री’, ‘अतिथि यात्री’, ‘प्रदेश यात्री’ और सुरक्षा से जुड़े लोग शामिल थे. उन्होंने कहा, ‘‘इन कंटेनर में कोई टेलीविजन नहीं है, पंखा जरूर है.’’ कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की समन्वय समिति के प्रमुख दिग्विजय ंिसह ने कहा कि कंटेनर एक रेलगाड़ी के स्लीपर डिब्बे की तरह हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या इन कंटेनर में एयर कंडीशन (एसी) हैं तो उन्होंने कहा कि इस तरह के मौसम में एसी की जरूरत नहीं पड़ती है. ंिसह ने बताया कि यात्रा में शामिल लोगों के लिए विश्राम स्थलों की व्यवस्था प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन ध्वजवंदन और वंदे मातरम और राष्ट्रगान के गायन के साथ इस यात्रा की शुरुआत होगी.

इस बीच, जयराम रमेश ने दावा किया कि उनके एक समन्वयक लक्षद्वीप जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने अनुमति नहीं दी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां ‘विवेकानंद पॉलिटेक्निक’ से 118 अन्य “भारत यात्रियों” और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा की शुरुआत की. पार्टी ने राहुल गांधी समेत 119 नेताओं को “भारत यात्री” नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे. ये लोग कुल 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे.

भारत जोड़ो यात्रा: यात्रियों के सफेद कपड़े, स्पोर्ट्स जूते और खादी के थैले बने आकर्षण के केंद्र

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नेताओं की पदयात्रा के साथ ही यहां उनके सफेद रंग के कपड़े, स्पोर्ट्स जूते और खादी के थैले आकर्षण का केंद्र बन गए हैं. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार सुबह 118 अन्य “भारत यात्रियों” और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा की शुरुआत की. पार्टी ने राहुल समेत 119 नेताओं को “भारत यात्री” नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे. ये लोग कुल 3,570 किलोमीटर को दूरी तय करेंगे.

यात्रा शुरू करने के समय राहुल गांधी ने सफेद रंग की टीशर्ट, गहरे नीले रंग का पैंट पहन रखी थी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी इस यात्रा के लिए दो जोड़ी जूते लेकर निकले हैं और बृहस्पतिवार को उन्होंने जो जूते पहने थे  वो ‘एसिक्स’ ब्रांड का स्पोर्ट्स जूते थे. सूत्रों ने यह भी बताया कि राहुल गांधी समेत जो 119 ‘भारत यात्री’ इस यात्रा पर निकले हैं उनके लिए सफेद रंग का ड्रेसकोड तय किया गया है.

राहुल गांधी के साथ जो 118 ‘भारत यात्री’ हैं उनमें से ज्यादातर पुरुषों ने कुर्ता पायजामा पहन रखा था तो महिलाओं ने साड़ी या सलवार-सूट पहन रखा था. इस यात्रा में शामिल ज्यादातर कांग्रेस नेताओं ने स्पोर्ट्स जूते पहने थे क्योंकि शायद उनके जेहन में यह बात थी कि इन्हें लंबी यात्रा करनी है.

जूतों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता और ‘भारत यात्री’ कन्हैया कुमार ने कहा, ‘‘मैं बिहारी हूं और मुझे किसी खास तरह के जूते की जरूरत नहीं है. हम बिहारी लोग हमेशा लंबी यात्रा के लिए तैयार रहते हैं.’’ यात्रा के पहले दिन कांग्रेस नेता सचिन राव नंगे पैर चले.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश इस यात्रा में ‘अतिथि यात्री’ के रूप में शामिल हैं. उन्होंने एडिडास ब्रांड के जूते पहन रखे थे.

इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पाया कि लंबी यात्रा के लिए एडिडास का जूता बहुत सुगम है. मैं संसद में जाने के दौरान भी बस्ते का उपयोग करता था, लेकिन ये जूते कुछ अलग हैं.’’ कांग्रेस ने ‘भारत यात्रियों’ को खादी का थैला भी दिया है जिसमें एक पानी का बोतल, एक छाता और एक जोड़ी टीशर्ट है.

कई यात्राओं से तय हुआ सत्ता का सफर तो कुछ का नतीजा रहा सिफर

 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कन्याकुमारी से निकाली गई ”भारत जोड़ो ” यात्रा पार्टी के लिए उसकी उम्मीद के मुताबिक ‘‘संजीवनी’’ साबित होगी या नहीं, यह भविष्य के अधर में है, लेकिन अतीत में कई राजनीतिक यात्राओं ने पार्टियों और नेताओं की किस्मत बदल दी.

चाहे 32 साल पहले निकाली गई लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा रही हो, या फिर कुछ साल पहले जगनमोहन रेड्डी की पदयात्रा हो, इन यात्राओं का जनमानस पर व्यापक असर हुआ, हालांकि कुछ ऐसी यात्राएं भी रहीं जिनका कोई खास राजनीतिक असर नहीं हुआ.
राहुल गांधी और 118 अन्य कांग्रेस नेताओं ने कन्याकुमारी से ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ आरंभ की है और जो 3570 किलोमीटर का सफर तय कर कश्मीर पहुंचेगी. पार्टी महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि ‘भारत जोड़ो’ यात्रा भारतीय राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण है और कांग्रेस के लिए ‘‘संजीवनी’’ है.

राहुल गांधी इतनी लंबी पदयात्रा पर पहली बार निकले हैं, हालांकि उन्होंने अतीत में भट्टा परसौल में किसानों के लिए पैदल मार्च किया था और कुछ अन्य छोटी यात्राएं भी की थीं. अब तक की कुछ राजनीतिक महत्वपूर्ण यात्राएं और उनका असर: वर्ष 1983: स्वतंत्र भारत में राजनीतिक रूप से एक र्चिचत पदयात्रा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर द्वारा निकाली गई थी. वह कन्याकुमारी से पदयात्रा शुरू कर दिल्ली के राजघाट पहुंचे थे.

यह यात्रा उन्होंने देश के आम लोगों से जुड़ने के मकसद के साथ निकाली थी. इस यात्रा के बाद उन्हें ‘मैराथन पुरुष’ की संज्ञा दी गई. जानकारों का मानना है कि इस यात्रा के बाद 1984 के लोकसभा चुनाव में कुछ खास असर नहीं हुआ और इसकी बड़ी वजह इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में कांग्रेस के पक्ष में लहर बन जाना था. हालांकि इस यात्रा के बाद चंद्रशेखर के राजनीतिक कद में इजाफा हुआ और कुछ साल बाद वह देश के प्रधानमंत्री बने.

वर्ष 1985: तत्कालीन प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी ने मुंबई में पार्टी के अधिवेशन से ‘कांग्रेस संदेश यात्रा ‘ शुरुआत की थी और बाद में कांग्रेस सेवा दल इसे पूरे देश में लेकर गया .

वर्ष 1990: राजनीतिक यात्राओं के इतिहास में सबसे र्चिचत यात्राओं में से एक आडवाणी की रथयात्रा थी जिसका व्यापक राजनीतिक और सामाजिक असर हुआ. इस यात्रा के कुछ वर्षों बाद भाजपा पहली बार केंद्र की सत्ता में आसीन हुई. यही नहीं, वह उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कई अन्य प्रदेशों में सरकार बनाने में सफल रही. सही मायने में भाजपा को अखिल भारतीय स्तर के दल के रूप में स्थापित करने में इस यात्रा की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

वर्ष 2003: कांग्रेस नेता वाई एस राजशेखर रेड्डी ने अप्रैल, 2003 में आंध्र प्रदेश में 1400 किलोमीटर की यात्रा निकाली थी. इस यात्रा का व्यापक असर हुआ और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी.

वर्ष 2004: आडवाणी ने ‘भारत उदय यात्रा ‘ निकाली जिसमे छह साल के वाजपेयी सरकार के शासनकाल की उपलब्धियों का बखान किया गया, हालांकि उसका कोई व्यापक असर नहीं हुआ और उस साल के लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत राजग की हार हो गई.

वर्ष 2017: आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के जगनमोहन रेड्डी ने अपने पिता की तरह ही राज्यव्यापी पदयात्रा निकाली और इसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की शानदार विजय हुई.

वर्ष 2017: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय ंिसह की नर्मदा यात्रा एक धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा थी, हालांकि अपनी 3300 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 100 से अधिक सीटों का दौरा किया. इस दौरान ंिसह जनता से भी मिले और उनकी समस्याएं भी सुनी. इस यात्रा के बाद 2018 के आखिर में हुए मप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 15 साल बाद जीत मिली.

वर्ष 2021: भाजपा ने ‘जन आशीर्वाद यात्रा ‘ निकाली. इसमें 39 केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया और उन्होंने 22 राज्यों के 212 लोकसभा क्षेत्रों का दौरा किया और केंद्र सरकार की नीतियों के बारे में लोगों को बताया.

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