अमेरिकी रक्षा विभाग को बड़ा झटका: अदालत ने 9/11 हमले के मास्टरमाइंड के साथ किया गया समझौता को बरकरार रखा…
अमेरिकी रक्षा विभाग को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की अपील अदालत ने 09/11 हमले के मास्टरमाइंड और अन्य आरोपियों के साथ किए गए समझौते को बरकरार रखा। अदालत ने रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन को फटकार लगाई।
अदालत ने कहा कि ऑस्टिन ने आरोपियों के साथ किए गए समझौते को रद्द करके अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया। अब अमेरिकी सरकार आरोपियों के साथ किए गए समझौते को लेकर आगे की कार्रवाई पर मंथन कर रही है।
11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए आतंकी हमले में 3000 के करीब लोगों की मौत हुई थी और इस आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। अपहरणकर्ताओं ने पहले दो विमानों को न्यूयॉर्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावरों से टकराया और तीसरे विमान को वर्जीनिया के अर्लिंग्टन में पेंटागन से टकराया। चौथे विमान को वॉशिंगटन डीसी में एक संघीय सरकारी इमारत को टक्कर मारनी थी, लेकिन वह एक खेत में गिर गया था। इस हमले के आरोपी खालिद शेख मोहम्मद और उसके दो साथी वालिद बिन अताश और मुस्तफा अल-हौसावी को मौत की सजा सुनाई गई है। 11 सितंबर के आतंकी हमले के पांच साजिशकर्ता ग्वांतेनामो बे जेल में बंद हैं।
कुछ महीने पहले अमेरिकी अभियोजकों ने 09/11 के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद के साथ एक समझौता किया था। इस समझौते के तहत अमेरिका मास्टरमाइंड खालिद शेख द्वारा आरोप स्वीकार करने के बदले मौत की सजा खत्म करने को तैयार है। इस समझौते का हमले के पीड़ितों ने विरोध किया तो रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन ने समझौते को रद्द कर दिया था। ऑस्टिन ने कहा था कि 9/11 के पीड़ितों के परिवार और हमले से प्रभावित लोग आरोपियों पर मुकदमा चलते हुए देखना चाहते हैं। मगर नवंबर में एक सैन्य न्यायाधीश ने समझौते को वैध माना।
इसे लेकर अपील अदालत ने फैसला सुनाया कि ऑस्टिन भविष्य में होने वाले प्री-ट्रायल समझौतों को सीमित कर सकते हैं, लेकिन उनके पास पहले से स्वीकृत समझौतों को रद्द करने का अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों द्वारा अपराध स्वीकार करने से किसी भी नए मुकदमे की संभावना कम हो जाएगी।
रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रक्षा विभाग और न्याय विभाग अपील अदालत के फैसले की समीक्षा कर रहे हैं और विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। मंगलवार को अमेरिकी सरकार ने 27 जनवरी तक याचिका समझौतों को स्थगित करने के लिए एक प्रस्ताव दायर किया ताकि अधिकारियों को यह तय करने का समय मिल सके कि आगे की कानूनी कार्रवाई की जाए या नहीं। मोहम्मद के मामले में प्रस्ताव की सुनवाई 6 जनवरी को होनी है। खालिद शेख मोहम्मद मार्च 2003 में पाकिस्तान के रावलपिंडी में अपने ठिकाने से पकड़े जाने से पहले सबसे हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों में से एक था।