मोदी के खिलाफ बिलावल भुट्टो की ‘‘अभद्र’’ टिप्पणी पाकिस्तान के लिए भी नया निम्न स्तर: भारत

बिलावल की टिप्पणी 1971 के दर्द को दर्शाती है: अनुराग ठाकुर

नयी दिल्ली. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में की गई ‘‘अभद्र’’ निजी टिप्पणी को लेकर भारत ने शुक्रवार को उन पर तीखा निशाना साधा. भारत ने कहा कि यह उस देश (पाकिस्तान) के लिए भी एक ‘‘नया निम्न स्तर’’ है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंिरदम बागची ने पाकिस्तान के नेता बिलावल भुट्टो द्वारा न्यूयॉर्क में की गई टिप्पणी पर कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अच्छा होता कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री अपनी ‘‘कुंठा’’ अपने देश में आतंकवादी संगठनों के मुख्य षड्यंत्रकर्ताओं पर निकालते, जिन्होंने आतंकवाद को ‘‘देश की नीति’’ का एक हिस्सा बना दिया है.

बागची ने कहा, ‘‘पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन का एक शहीद के रूप में महिमामंडन करता है और (जकीउर रहमान) लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को पनाह देता है. कोई अन्य देश संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 126 आतंकवादी, संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 27 आतंकवादी समूह होने को लेकर शेखी नहीं बघार सकता.’’ बागची ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री की ‘‘अभद्र टिप्पणी’’ आतंकवादियों और उनके ‘‘छद्मों’’ का उपयोग करने में पाकिस्तान की बढ़ती अक्षमता का परिणाम प्रतीत होती है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निजी टिप्पणी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में टिप्पणी भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद की. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा कि ‘‘आतंकवाद का सामयिक केंद्र’’ अब भी बेहद सक्रिय है.

हालांकि जयशंकर ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट तौर पर पाकिस्तान की ओर था. बाद में, उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के ‘केन्द्र’ के रूप में देखती है. उन्होंने अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी ंिक्लटन के 2011 में भारत के पड़ोसी देश पर दिए बयान को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जो लोग अपने आंगन में सांप पालते हैं, वे सांप एक दिन उन्हें ही डस लेते हैं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, बागची ने कहा, ‘‘ये टिप्पणी पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शायद 1971 के इस दिन को भूल गए, जो बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तानी शासकों द्वारा किए गए नरसंहार का सीधा परिणाम था.’’ बागची ने कहा कि दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि पाकिस्तान अपने अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार में बहुत अधिक नहीं बदला है और निश्चित रूप से भारत पर आक्षेप लगाने को लेकर उसमें विश्वसनीयता की कमी है.
प्रवक्ता का इशारा 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान पर भारत की जीत की ओर था, जिसके कारण बांग्लादेश बना था.

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों को प्रायोजित करने, पनाह देने और सक्रिय रूप से वित्त पोषण करने में पाकिस्तान की निर्विवाद भूमिका सवालों के घेरे में है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री की अभद्र टिप्पणी आतंकवादियों और उनके छद्मों का उपयोग करने में पाकिस्तान की बढ़ती अक्षमता का परिणाम प्रतीत होती है.’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि न्यूयॉर्क, मुंबई, पुलवामा, पठानकोट और लंदन जैसे शहर उन कई शहरों में से हैं, जिन्होंने “पाकिस्तान प्रायोजित, सर्मिथत और उकसाने वाले आतंकवाद” का दंश झेला है.

बागची ने कहा, ‘‘यह हिंसा उनके विशेष आतंकवादी क्षेत्रों से निकली और उसका निर्यात दुनिया के सभी हिस्सों में किया गया. ‘मेक इन पाकिस्तान’ आतंकवाद को रोकना होगा.’’ बागची ने कहा, ‘‘काश पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मुंबई की एक नर्स अंजलि कुलथे की आपबीती और गंभीरता से सुनी होती, जिन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब की गोलियों से 20 गर्भवती महिलाओं की जान बचाई थी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है, विदेश मंत्री की रुचि पाकिस्तान की भूमिका को पाकसाफ साबित करने में थी.’’ बागची ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है नहीं तो वह अलग-थलग बना रहेगा. विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बिलावल भुट्टो-जरदारी पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान से कुछ भी बेहतर की उम्मीद नहीं की जा सकती है क्योंकि ये वे लोग हैं जिन्होंने बलूचिस्तान में लोगों की हत्याएं की हैं.

उन्होंने संवाददातओं से कहा, ‘‘आम तौर पर किसी भी संप्रभु देश के विदेश मंत्री इस तरह से नहीं बोलते हैं. लेकिन यह पाकिस्तान है. आप इससे क्या उम्मीद कर सकते हैं? ये वो लोग हैं, जिन्होंने बलूचिस्तान में लोगों की हत्या की है. ये वे लोग हैं, जिन्होंने कश्मीर में लोगों को मारा है. ये पंजाब के कसाई हैं. ये कराची के कसाई हैं.’’

बिलावल की टिप्पणी 1971 के दर्द को दर्शाती है: अनुराग ठाकुर

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के निजी हमले को शुक्रवार को ‘‘बहुत घृणित और शर्मनाक’’ करार दिया. ठाकुर ने कहा कि सरकार के सीधे समर्थन से पाकिस्तान आतंकवाद का पनाहगाह बना हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के विदेश मंत्री का बयान बहुत घृणित और शर्मनाक है. भुट्टो की यह टिप्पणी इस दिन भारत से मिली हार पर पाकिस्तान के दर्द का नतीजा हो सकती है.’’ उनका इशारा 1971 के युद्ध में आज ही के दिन पाकिस्तान पर भारत की जीत की ओर था.
ठाकुर ने कहा कि 93 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और भुट्टो के नाना फूट-फूट कर रोए थे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान में मध्य रात्रि की कार्रवाई में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया और उन्होंने भुट्टो को अपने देश से आतंकवाद को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा. ठाकुर ने कहा कि आज पाकिस्तान आतंकवाद की पनाहगाह बना हुआ है और सभी जानते हैं कि आतंकियों को मारने के लिए कहां जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इस सबसे पाकिस्तान अपना मुंह नहीं छिपा सकता है.

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