वित्तवर्ष 2021-22 में आठ राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की घोषित आय में आधे से अधिक भाजपा की

नयी दिल्ली. आठ राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 3289.34 करोड़ रूपये की आय प्राप्त होने की घोषणा की है और इसमें आधे से अधिक राशि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली है. चुनाव सुधार के लिए कार्यरत एक प्रमुख एनजीओ ने यह जानकारी दी.

गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने विभिन्न दलों द्वारा चुनाव आयोग (ईसी) के साथ साझा किये गये दस्तावेजों का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि दूसरे स्थान पर तृणमूल कांग्रेस रही है, जिसने 545.745 करोड़ रुपये की आय की घोषणा की है . यह आठ राजनीतिक दलों की कुल आय का 16.59 प्रतिशत है.

भाजपा ने 2021-22 के दौरान 1917.12 करोड़ रुपये की कुल आय प्राप्त होने की घोषणा की जिसमें से उसने 854.467 करोड़ रुपये यानी 44.57 प्रतिशत खर्च किया. कांग्रेस की कुल आय 541.275 करोड़ रुपये रही जिसमें से उसने 400.414 करोड़ रुपये यानी 73.98 प्रतिशत खर्च किया.

जिन आठ राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा चुनाव आयोग से मिला है उनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस , बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), आॅल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी हैं. एडीआर ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने 268.337 करोड़ रुपये यानी 49.17 प्रतिशत खर्च किया.

इन आठ राजनीतिक दलों में से चार — भाजपा, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और राकांपा ने अपनी कुल आय का 55.09 प्रतिशत या 1811.9425 करोड़ रुपये चुनावी बॉंड के माध्यम से चंदे के रूप में हासिल किये. चुनावी बॉड के माध्यम से भाजपा को 1033.70 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस को 528.143 करोड़ रुपये , कांग्रेस को 236.0995 करोड़ रुपये और राकांपा को 14 करोड़ रुपये चंदा में मिले.

एडीआर के आवेदन पर एसबीआई द्वारा साझा किये गये आंकड़े के अनुसार 2021-22 में राजनीतिक दलों ने 2673.0525 करोड़ रुपये के चुनावी बॉंड को भुनाया जिनमें 67.79 प्रतिशत राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा भुनाया गया. एडीआर ने कहा, ‘‘ इस योजना के तहत दानकर्ताओं को प्रदत्त गोपनीयता (नाम नहीं उजागर करने की व्यवस्था) के तहत यह देखा गया कि चुनावी बॉंड 2020-21 में भी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के लिए चंदे का सबसे लोकप्रिय साधन के रूप में उभरा.’’ वित्तवर्ष 2020-21 और 2021-22 के बीच भाजपा की आय 752.337 करोड़ रुपये में 154.82 फीसदी या 1164.783 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ और 2021-22 में यह 1917.12 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी.

इस दौरान कांग्रेस की आय में 89.41 फीसदी या 255.51 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ और यह 2020-21 के 285.765 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 541.275 पर पहुंच गयी. जिन राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को चंदे या अंशदान से सबसे अधिक आय मिली उनमें भाजपा (1775.43करोड़ रुपये), तृणमूल कांग्रेस (582.523 करोड़ रुपये), कांग्रेस (347.996 करोड़ रुपये), राकांपा (71.956 करोड़ रुपये) , माकपा (65.878 करोड़ रुपये) और एनपीईपी (43 लाख रुपये) हैं. राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग को वार्षिक ‘आॅडिटेड’ खाते के बारे में जानकारी जमा करने की तिथि 31 अक्टूबर 2022 थी.

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