सैनिकों की वीरता और सतर्कता से सीमाओं की रक्षा सुनिश्चित होती है, बाड़बंदी से नहीं: अमित शाह

नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सीमाओं की रक्षा करने के मामले में सैनिकों की सतर्कता और बहादुरी का वहां लगे स्तंभों और बाड़ों से कोई मुकाबला नहीं है और अग्रिम स्थानों के निकट रहने वाले देशभक्त ग्रामीण इस सुरक्षा को और मजबूत बनाते हैं.

शाह ने बीएसएफ द्वारा तैयार किए गए मोबाइल ऐप ‘प्रहरी’ और सीमा सुरक्षा बल के मैनुअल को जारी करते हुए यह सुझाव भी दिया कि ‘वाइब्रेंट विलेज (जीवंत ग्राम)’ कार्यक्रम के तहत सुरक्षार्किमयों को गांवों में पर्यटन के विकास को लेकर प्रयास करने चाहिए. हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया. उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा स्तंभों या बाड़बंदी से नहीं बल्कि सीमा पर डटे जवानों के शौर्य, देशभक्ति और सतर्कता से सुनिश्चित की जा सकती है.

गृह मंत्री ने कहा कि बीएसएफ देश की सबसे जटिल सीमा की सुरक्षा करता है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ‘वन बॉर्डर वन फोर्स’ अवधारणा के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के पास आ गई थी. उन्होंने कहा कि बीएसएफ के वीर सैनिक पूरी सतर्कता, मजबूती व तत्परता से इन सीमाओं पर तैनात हैं.

शाह ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा तभी सुनिश्चित की जा सकती है जब सीमावर्ती गांव आबाद हों. सीमाओं पर सैनिकों की तैनाती के साथ-साथ गांव में रहने वाले देशभक्त नागरिक भी स्थायी सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं और सभी सीमा रक्षक बलों को उन्हें मजबूती देनी चाहिए.

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