झारखंड के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध : गडकरी

गढ़वा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र झारखंड के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं लागू की जाएंगी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि खनिज संसाधनों से समृद्ध झारखंड में राजमार्ग क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास होगा.

उन्होंने यहां जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ”मैं झारखंड के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मैं लोगों को राज्य में दो लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के क्रियान्वयन का आश्वासन देता हूं.” गडकरी ने कहा, ”हमने राज्य में 40,000 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं पूरी की हैं. वर्तमान में हम 70,000 करोड़ रुपये की लागत वाली राजमार्ग परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं, जबकि 75,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं.” उन्होंने कहा कि 36 हजार करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी-रांची-कोलकाता हरित गलियारे (ग्रीनफील्ड कॉरिडोर) का काम मार्च 2028 तक पूरा हो जायेगा जबकि जनवरी, 2028 तक 12,800 करोड़ रुपये की लागत से रांची-वाराणसी आर्थिक गलियारा बनाया जायेगा.

उन्होंने कहा कि दिल्ली-कोलकाता के बीच 31,700 करोड़ रुपये की लागत से छह लेन वाली कॉरिडोर परियोजना का काम जून 2026 तक पूरा हो जायेगा. गडकरी ने कहा कि 8,900 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा चार लेन का रांची-पटना आर्थिक गलियारे का काम दिसंबर 2029 तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि 16,500 करोड़ रुपये की लागत से रायपुर-धनबाद आर्थिक गलियारा जनवरी 2028 तक पूरा हो जाएगा.

गडकरी ने कहा कि चुनाव तक राजनीति होनी चाहिए, लेकिन चुनाव के बाद ”विकास की राजनीति” होनी चाहिए. उन्होंने राज्य की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सरकार द्वारा उठाए गए लोकलुभावन कदमों की ओर इशारा किया. उन्होंने झारखंड सरकार से राज्य में भूमि अधिग्रहण, वन विभाग से मंजूरी और अन्य मुद्दों से संबंधित बाधाओं को दूर करने का भी आग्रह किया. मंत्री ने कहा, ”हम झारखंड और बिहार सहित अन्य राज्यों के बीच बेहतर संपर्क सुनिश्चित करेंगे.” झारखंड के कुछ हिस्सों में जल संकट की तुलना महाराष्ट्र से करते हुए गडकरी ने कहा कि इस परिदृश्य को बदलने का एक छोटा सा मंत्र है.

उन्होंने कहा, ”हमने स्थिति बदल दी है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने महाराष्ट्र में 1,000 तालाब नि:शुल्क बनाए हैं. हमने तालाबों से निकली मिट्टी का उपयोग सड़कें बनाने में किया और इससे जल संरक्षण भी हुआ. मैं झारखंड सरकार से तालाबों के निर्माण के लिए इसी तरह का आदेश जारी करने का आग्रह करता हूं और हम यह काम नि?शुल्क करेंगे.” उन्होंने कहा कि यहां मजबूत बुनियादी ढांचा स्थानीय लोगों के लिए रोजगार को बढ़ावा देगा. गडकरी ने कहा कि राज्य में 2014 में 2,600 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क था, जो अब 4,470 किलोमीटर हो गया है. उन्होंने कहा कि राज्य के 19 आकांक्षी जिले अब राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जुड़ चुके हैं.

मंत्री ने गढ़वा में शंख से खजूरी तक 1,130 करोड़ रुपये की लागत से बने 23 किलोमीटर लंबे चार लेन वाले राजमार्ग का उद्घाटन किया. उन्होंने छत्तीसगढ़-झारखंड अंतर-राज्यीय सीमा से गुमला तक राष्ट्रीय राजमार्ग-39 के 32 किलोमीटर लंबे हिस्से को चार लेन बनाने के लिए 1,330 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला भी रखी. विशेष विमान से रांची पहुंचे गडकरी हेलीकॉप्टर से गढ़वा गए और वहां एक जनसभा को संबोधित किया. एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें गढ़वा से हेलीकॉप्टर द्वारा रांची आना था, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर को बिहार के गयाजी ले जाया गया.

अधिकारी ने बताया कि इस बीच, गयाजी के लिए एक विशेष विमान भेजा गया है और गडकरी वहां पहुंचने पर रांची की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. रांची में, मंत्री को 6,350 करोड़ रुपये की लागत वाली कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करना है, जिसमें झारखंड राज्य की राजधानी में 560 करोड़ रुपये का ‘एलिवेटेड कॉरिडोर’ भी शामिल है.

इससे पहले गडकरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, ”झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुझे बताया कि वह आज के समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि उनके पिता शिबू सोरेन अस्वस्थ हैं और उनका दिल्ली में इलाज हो रहा है.” इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि सोरेन ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण देने के वास्ते गडकरी को धन्यवाद दिया.

एक अधिकारी ने गडकरी को सोरेन द्वारा लिखे गए लिखित संदेश का हवाला देते हुए बताया, ”इस महत्वपूर्ण मौके पर उपस्थित होना मेरे लिए सौभाग्य की बात होती. लेकिन श्री शिबू सोरेन जी के अस्वस्थ होने के कारण मैं अभी दिल्ली में हूं और उनकी चिकित्सा देखरेख कर रहा हूं, इसलिए कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाऊंगा.” शिबू सोरेन (81) का पिछले कई दिनों से राष्ट्रीय राजधानी के एक निजी अस्पताल में इलाज किया जा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार समेत अन्य लोगों ने उनका (शिबू सोरेन) हालचाल पूछा.

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